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पटना : पेशी को आया अभियुक्त कोर्ट में घूमता रहा बेरोकटोक न हाथ में हथकड़ी और न पास में था कोई सुरक्षाकर्मी
पुलिसिया सुरक्षा के दावों की खुली पोल पटना : बेऊर जेल से पेशी के लिए आया चर्चित बीएसएससी प्रश्न पत्र घोटाले का अभियुक्त अविनाश कुमार सिविल कोर्ट परिसर में खुलेआम घूम रहा था. उसके हाथ में न तो हथकड़ी थी और न ही उसके आसपास कोई सुरक्षाकर्मी था. सुरक्षाकर्मियों ने उसे सिविल कोर्ट परिसर में […]
पुलिसिया सुरक्षा के दावों की खुली पोल
पटना : बेऊर जेल से पेशी के लिए आया चर्चित बीएसएससी प्रश्न पत्र घोटाले का अभियुक्त अविनाश कुमार सिविल कोर्ट परिसर में खुलेआम घूम रहा था. उसके हाथ में न तो हथकड़ी थी और न ही उसके आसपास कोई सुरक्षाकर्मी था.
सुरक्षाकर्मियों ने उसे सिविल कोर्ट परिसर में घूमने की इजाजत दे रखी थी. इस तरह का मामला सामने आने के बाद बंदियों के साथ पुलिसकर्मियों की मिलीभगत की पोल खुल गयी. इसके साथ ही सिविल कोर्ट की सुरक्षा के दावों की भी धज्जियां उड़ गयी. यहां तक की कोर्ट परिसर में घूमते हुए उसकी तस्वीर को भी मीडियाकर्मियों ने अपने कैमरे में कैद कर लिया. बिना किसी सुरक्षा में खुलेआम सिविल कोर्ट परिसर में घूमना बिना पुलिसकर्मियों के इजाजत के संभव नहीं है.
बीएसएससी प्रश्न पत्र घोटाले में है अभियुक्त, गुरुवार को आया था पेशी के लिए बीएसएससी के अभियुक्तों को गुरुवार को दिन में पेशी के लिए लाया गया था. उन अभियुक्तों में बीएसएससी का अभियुक्त व पूर्व डाटा इंट्री ऑपरेटर अविनाश कुमार भी पीली टीशर्ट व ब्लू जिंस पैंट पहन कर सिविल कोर्ट परिसर में पहुंचा. लेकिन कोर्ट हाजत परिसर से वह अकेले ही बिना किसी सुरक्षाकर्मी के सिविल कोर्ट परिसर में इधर-उधर घूमने लगा.
इसी बीच अविनाश को एक व्यक्ति भी मिल गया, जिससे उसका जमीन विवाद को लेकर केस चल रहा है. यहां तक की उसे देख कर अविनाश ने रोक लिया और उसे देख लेने तक की धमकी दे डाली. वह बेऊर जेल का बंदी है, लेकिन उसके हाथ में न तो हथकड़ी थी और न ही आसपास कोई सुरक्षाकर्मी था. वह घूमते हुए सिविल कोर्ट गेट से बाहर निकल कर सटी हुई बिल्डिंग परिसर में भी चला गया. इसके बाद जब जेल की गाड़ी वापस कोर्ट लौटने लगी तो वह उस गाड़ी में बैठ कर लौट गया.
घोटाला में पकड़ा गया था
2017 में प्रकाश में आये बीएसएससी प्रश्न पत्र घोटाला में पुलिस ने बीएसएससी के पूर्व सचिव परमेश्वर राम के घर छापेमारी की थी और उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद बीएसएससी के डाटा इंट्री ऑपरेटर अविनाश कुमार को गिरफ्तार किया गया था. उसके बाद से ही अविनाश जेल में बंद है.
मजे में कैदी
पुलिसकर्मी सुधरने का नहीं ले रहे नाम
सिविल कोर्ट परिसर में पदस्थापित पुलिसकर्मी कैदियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर नहीं है. इस परिसर से कई बार कैदी भाग चुके हैं.
यहां तक की कैदियों से पुलिसकर्मियों की मिलीभगत व संलिप्तता भी कई बार जगजाहिर हो चुकी है. इसके बावजूद भी पुलिसकर्मी सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं. कोर्ट हाजत में भी कई बार वरीय पुलिस अधिकारियों ने छापेमारी की है. मोबाइल फोन व सिम मिल चुका है और कई पुलिसकर्मियों को सस्पेंड भी किया जा चुका है. पुलिसकर्मियों की मिलीभगत के कारण कैदियों के मजे ही मजे है.
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