पटना: पथ निर्माण मंत्री राजीव रंजन सिंह ने स्वीकार किया कि अलकतरा संकट के कारण सड़क निर्माण तय समय पर नहीं हो पा रहा है. इसका विकल्प तलाशा जा रहा है. विधानसभा में विभाग की अनुदान मांगों पर जवाब में यह बात कही.
सदन ने ध्वनिमत से 48 अरब, 98 करोड़, तीन लाख 62 हजार की अनुदान मांगें पारित कर दीं. मंत्री के जवाब से असंतुष्ट भाजपा ने वाकआउट किया. इसके पहले सदन में अपनी बात अनसुनी किये जाने से राजद व कांग्रेस के सदस्य भी वाकआउट कर गये. मंत्री ने कहा कि अभी तक 1763 किमी एनएच बिहार सरकार को हस्तांतरित नहीं किया गया है. आरा-बक्सर एनएच भी एनएचएआइ के ही अधीन है. बिहार में 1130 किमी एनएच का ही अब तक चौड़ीकरण किया गया है. 425 किमी का काम भी अधर में लटका है. केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री इसका पुन: टेंडर कराने को कह रहे हैं. एनएच के रखरखाव में एनएचएआइ कमजोर साबित हुआ है. 512 किमी एनएच की तत्काल मरम्मत की जरूरत है, किंतु केंद्र ने मात्र 65 किमी की मरम्मत की ही स्वीकृति दी है.
उन्होंने कहा किसत्र संपन्न होने के बाद सड़कों की मरम्मत का काम तेजी से रोड मेंटेनेंस पॉलिसी के तहत कराया जायेगा. भाजपा के विक्रम कुंवर ने कटौती प्रस्ताव पेश किया था. बहस में प्रदीप कुमार, प्रमोद कुमार, अफाक आलम, सत्यदेव सिंह, प्रेमरंजन पटेल, जनक सिंह, श्याम बिहारी, कन्हैया रजवार व राम सूरत राय ने भी भाग लिया.