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पटना : विवि में शीघ्र होगी सहायक प्रोफेसरों की बहाली, रिक्तियां भेजने का निर्देश
उच्च शिक्षा में विकास को लोग कर रहे महसूस : राज्यपाल पटना : राज्य के विवि में सहायक प्रोफेसरों के रिक्त पदों पर शीघ्र बहाली होगी. राज्यपाल सह कुलाधिपति लालजी टंडन ने सभी विवि के कुलपतियों को जल्द से जल्द सहायक प्रोफेसरों की रिक्तियों को बिहार विवि सेवा आयोग के समक्ष भेजने को कहा है. […]
उच्च शिक्षा में विकास को लोग कर रहे महसूस : राज्यपाल
पटना : राज्य के विवि में सहायक प्रोफेसरों के रिक्त पदों पर शीघ्र बहाली होगी. राज्यपाल सह कुलाधिपति लालजी टंडन ने सभी विवि के कुलपतियों को जल्द से जल्द सहायक प्रोफेसरों की रिक्तियों को बिहार विवि सेवा आयोग के समक्ष भेजने को कहा है.
ताकि, समय पर आयोग बहाली प्रक्रिया को पूरा कर सके. सोमवार को राजभवन में आयोजित बैठक में राज्यपाल ने सभी विवि में आइटी मैनेजर और डाटा इंट्री आपरेटरों के पद सृजित करने और नियमित प्राचार्यों की नियुक्ति प्रक्रिया को लेकर निर्देश दिया.
जिन कॉलेजों की मान्यता नहीं, उनमें न हो नामांकन : राज्यपाल ने लगभग 35 कॉलेजों की मान्यता से संबंधित प्रस्तावों को अनुकूल नहीं पाते हुए इनपर आवश्यक जानकारियां हासिल करने को कहा है. जिन कॉलेजों को राज्य सरकार से मान्यता नहीं मिलती है, उनमें किसी भी परिस्थिति में नामांकन नहीं हो ऐसा सभी विश्वविद्यालयों को सुनिश्चित करने को कहा गया.
राज्यपाल ने कहा कि यह संतोष की बात है कि वर्तमान शैक्षणिक सत्र में दो को छोड़कर सभी विश्वविद्यालयों के दीक्षांत समारोह आयोजित करते हुए डिग्रियां बांटी गयी. यह मौजूदा सुधार-प्रयासों का ही नतीजा है. बाकी विश्वविद्यालयों में भी शीघ्र ही दीक्षांत समारोह आयोजित होंगे. बैठक में मुख्य सचिव दीपक कुमार सहित कई विभागों के प्रधान सचिव मौजूद थे.
भ्रष्ट आचरण को हरगिज बर्दाश्त नहीं करेंगे
राज्यपाल ने कहा कि अनुशासनहीनता और भ्रष्ट आचरण को हरगिज बर्दाश्त नहीं करेंगे. आठ मई तक सभी विवि को पारदर्शितापूर्वक प्रमाण-पत्रों का वितरण सुनिश्चित करे.
कुलपतियों को निर्देश दिया कि यूनिवर्सिटी मैनेजमेंट इंफॉरमेशन सिस्टम के लिए प्रारंभिक तौर पर राज्य सरकार से प्राप्त 10 लाख रुपये की राशि का सदुपयोग करें और उपयोगिता प्रमाणपत्र के साथ अतिरिक्त आबंटन की मांग शिक्षा विभाग से करें. विश्वविद्यालयों में शोध-कार्यों में तेजी लाने के लिए पुस्तकालयों में नये-नये जरनल, नयी किताबें आदि मंगाने पर जोर दिया. विश्वविद्यालय शिक्षकों की प्रोन्नति आदि पर भी गंभीरता से विमर्श हुआ.
ये लिये गये निर्णय
– बायोमीटरिक हाजिरी में लापरवाही मिले, तो शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई होगी. शिक्षक 5 घंटे उपस्थित रहें.
– कुलपति शिक्षण संस्थान में पढ़ाई के लिए अनुकूल वातावरण विकसित करें. ट्यूटोरियल क्लासेज, पुस्तकालय, प्रयोगशालाओं आदि पर पूरा ध्यान दिया जाना चाहिए.
– विश्वविद्यालयों में आऊटडोर, इंडोर स्टेडियम, ऑडोटोरियम एवं स्वीमिंग पुल आदि बनवाने के लिए भी शिक्षा विभाग, कला, संस्कृति एवं युवा विभाग आवश्यक कार्रवाई करेंगे.
– विश्वविद्यालय प्रशासनिक सेवा एवं विश्वविद्यालय वित्त सेवा गठित करने पर भी चर्चा हुई, ताकि कुलसचिव, वित्त पदाधिकारी एवं वित्त परामर्शी आदि पदों पर नियमित नियुक्तियां हो सकें.
– राज्य के कुछ प्रमुख महाविद्यालयों को इस प्रकार विकसित किया जायेगा ताकि वे देश के शीर्षस्थ 100 कॉलेजों में अपना स्थान बना सकें.
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