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पटना : परीक्षार्थियों को मिली राहत, सीबीएसइ ने दी चाबी वाली घड़ी पहन कर परीक्षा देने की इजाजत
पानी की पारदर्शी बोतल ले जाने की भी इजाजत पटना : सीबीएसइ ने कलाई में चाबी वाली परंपरागत घड़ी पहन कर बोर्ड एक्जाम देने की छूट दे दी है. सीबीएसइ ने सभी परीक्षा केंद्रों को इस आशय का दिशा-निर्देश सोमवार को जारी किया. इसके अलावा परीक्षार्थियों को पानी के पारदर्शी बोतल ले जाने की भी […]
पानी की पारदर्शी बोतल ले जाने की भी इजाजत
पटना : सीबीएसइ ने कलाई में चाबी वाली परंपरागत घड़ी पहन कर बोर्ड एक्जाम देने की छूट दे दी है. सीबीएसइ ने सभी परीक्षा केंद्रों को इस आशय का दिशा-निर्देश सोमवार को जारी किया. इसके अलावा परीक्षार्थियों को पानी के पारदर्शी बोतल ले जाने की भी छूट दी गयी है.
सीबीएसइ ने यह अहम निर्णय 12वीं की मुख्य परीक्षा के पहले इंग्लिश के पेपर देने में बच्चों और उनके अभिभावकों की तरफ से आये फीडबैक पर लिया है. यह दिशा-निर्देश 12वीं के साथ-साथ 10वीं की परीक्षा में भी प्रभावी रहेगा.
बच्चों की िशकायत : समय का पता नहीं चलने के कारण छूट जाते हैं सवाल
सीबीएसइ ने अपने दिशा-निर्देश में साफ कर दिया है कि परंपरागत घड़ी पहनने में कोई दिक्कत नहीं है. वह इलेक्ट्रॉनिक नहीं होनी चाहिए.
इससे बच्चों को परीक्षा कक्ष में समय प्रबंधन करने में सुविधा मिलेगी. अंग्रेजी के पेपर में बच्चों की शिकायत थी कि पेपर लंबे होते हैं. चूंकि समय का पता नहीं चलता. इससे कई प्रश्न छूट जाते हैं. बोर्ड के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक राइटिंग पैड ले जाने पर सीबीएसइ सहमत है. जूता-मोजा पहन कर आने पर भी सीबीएसइ ने पूर्ण सहमति दी है.
बच्चों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए लिया निर्णय
सीबीएसइ नयी दिल्ली के परीक्षा नियंत्रक डॉ संयम भारद्वाज ने कहा कि बच्चों की सुविधा को देखते हुए बोर्ड ने यह निर्णय लिया है. हमारा मकसद बच्चों को असुविधा देना नहीं है, लेकिन किसी तरह की अनियमितता नहीं करने दी जायेगी. बोर्ड का इस संदर्भ में रुख एकदम साफ है.
प्रश्न पत्रों की विसंगतियों पर कड़ी नजर अब बनेगी मार्किंग स्कीम
सीबीएसइ ने प्रश्न पत्रों में आने वाली विसंगतियों को लेकर खास रणनीति तैयार की है. उसी के मुताबिक वह मार्किंग स्कीम तैयार करेगा. सीबीएसइ के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने बताया कि फ्रूफ की गलती को भी समायोजित किया जायेगा. सीबीएसइ एक्सपर्टस की एक टीम रोजाना परीक्षार्थी की भांति पेपरों को पढ़कर गलती निकालती है.
उन तकनीकी गलतियों या भूलों का मार्किंग स्कीम बनाते समय ध्यान रखा जाता है. जानकारी हो कि प्रत्येक पेपर के अगले दिन उस विषय की मार्किंग स्कीम तैयार की जाती है. इस मार्किंग स्कीम में बोर्ड विसंगतियों के मद्देनजर निर्णय लेकर समायोजन करता है. यह समायोजन बच्चों के हक में होता है. मार्किंग स्कीम की किट मूल्यांकन कर्ताओं को सौंप दी जाती है. वे उसी के हिसाब से अंक देते हैं.
इंग्लिश के पेपर में थी तकनीकी त्रुटि
इंग्लिश के पेपर में प्रश्न संख्या 11 और 12 के बीच ऑर (अथवा) नहीं लगने की वजह से कुछ परीक्षार्थियों को दिक्कत आयी. वे 11 नंबर प्रश्न हल नहीं कर सके. मार्किंग स्कीम में उनकी समस्या का समाधान किया जायेगा. सीबीएसइ के परीक्षा नियंत्रक संयम भारद्वाज ने बताया कि ऐसे मामलों में बोर्ड संजीदा है.
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