मसौढ़ी : इन दिनों अनुमंडल के तीनों प्रखंडों मसौढ़ी व धनरूआ एवंपुनपुन प्रखंड के किसानों की भीड़ अपने संबंधित अंचल कार्यालय में लग रही है .कारण है प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के लिए किये जाने वाले आवेदन के साथ रैयती भूमि के प्रमाणिक साक्ष्य के रूप मे लगान रसीद या भूमि स्वामित्व प्रमाणपत्र का होना .बहुतेरे किसान ऐसे हैं जिन्होंने इन कागजात को नहीं बनाया है .
अब तक प्राप्त आंकड़ों की बात करें तो मसौढ़ी अंचल में दाखिल खारिज का कुल प्राप्त आवेदन का करीब 45 प्रतिशत आवेदनों का निष्पादन कर दिया गया है . वहीं धनरूआ में इसकी संख्या 50 प्रतिशत तक पहुंच गयी है .पुनपुन अंचल की जानकारी नहीं मिल पायी क्योंकि कार्यालय में इसे बताने के लिए कोई उपलब्ध नहीं था. जब इस संबंध मे पुनपुन अंचल पदाधिकारी के सरकारी नंबर पर फोन किया गया तो उनकी घंटी बजती रही, लेकिन वे फोन रिसीव नहीं किया.
बिक्रम. एक तरफ डीजल सब्सिडी तो दूसरी तरफ जमीन के लगान के भुगतान को लेकर किसान कभी इस वसुधा केंद्र तो कभी उस वसुधा केंद्र का चक्कर काट रहे हैं.पिछले पंद्रह दिन से भटक रहे किसान रमेश सिंह ने बताया कि किसान सम्मान योजना का पंजीयन करवाना है, किंतु अभी तक जमीन का लगान जमा नहीं हो पाया है.
फतुहा. अंचल कार्यालय में किसानों की भीड़ पिछले एक सप्ताह से अधिक देखी जा रही है. है प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना के लिए किसान अपने कागजात को ठीक करने को लेकर काफी संख्या में राजस्व कर्मचारिओं के पास आवेदन दे रखा है.
दुल्हिनबाजार. स्थानीय सीओ राजीव कुमार के अनुसार सरकार की पीएम किसान सम्मान निधि योजना के लिए आवेदन प्रपत्र के साथ आधार कार्ड, बैंक खाता, रसीद (भूमि संबंधी साक्ष्य) व किसान रजिस्ट्रेशन का छायाप्रति अंचल कार्यालय में किसानों को जमा करना है. खेतों का दस्तावेज पूर्वजों के नाम पर हो तो सरपंच द्वारा निर्गत वंशावली प्रमाणपत्र आवेदन के साथ जमा करें. उपरोक्त दस्तावेजों के साथ ऑनलाइन आवेदन भी कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि यहां किसानों को कागजात ठीक कराने में कोई कठिनाई नहीं हो रही है. इसके लिए काफी आवेदन आया है.
दानापुर. किसानश्री अमरजीत कुमार सिन्हा समेत आदि किसानों ने बताया कि ऑनलाइल आवेदन करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. दो दिन से वेबसाइट काम नही कर रहा है. किसान अपने दस्तावेज दुरुस्त कराने के लिए परेशान हैं. वहीं, सीओ महेंद्र प्रसाद गुप्ता ने बताया कि किसानों की जमीन की रसीद की जांच की जा रही है.