पटना : राजनीतिक रणनीतिकार एवं जदयू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल में रविवार को ‘इंडिया कॉन्फ्रेंस 2019’ कार्यक्रम में शिरकत की. इस मौके पर उन्होंने ‘डिकोडिंग द इमर्जेंट पॉलिटिक्स ऑफ यूथ एंड डिजिटल मीडिया’ विषय पर लेक्चर दिया.
ब्राउन यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर आशुतोष वार्ष्णेय से बात करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि मैं लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ रहा हूं. अगले कुछ सालों तक, मैं ऐसे युवाओं के साथ काम करना चाहता हूं, जो नेता बनना चाहते हैं. मैंने तय किया है कि अगले दो सालों तक एक लाख युवाओं को चिह्नित कर उन्हें सक्रिय राजनीति में लाऊंगा.
उन्होंने कहा कि मेरे जैसे लोगों को बढ़ा-चढ़ा कर पेश किया गया है. कोई भी व्यक्ति चुनावी नतीजों में बदलाव नहीं ला सकता है. हां, मेरे जैसे लोग मार्जिंन में कुछ अंतर ला सकते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि जिलास्तर पर और उससे नीचे निर्वाचित निकायों को डवलपमेंट बजट का कम-से-कम 50 फीसदी हिस्सा मिलना चाहिए. बहुत से विधायक और सांसद ऐसे काम कर रहे हैं, जो उनका काम नहीं है. जैसे- जल निकासी का निर्माण. इस तरह का काम स्थानीय निकाय का है. सांसद और विधायक कानून बनाने के लिए होते हैं. विधायक या सांसद के चुनाव से ज्यादा पैसा जिला परिषद का चुनाव जितने में खर्च होता है.