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पटना : आठ साल में बने 1046 पंचायत सरकार भवन, लोग इनकी सुविधाओं से वंचित
साढ़े आठ हजार पंचायतों में बनना है पंचायत सरकार भवन पटना : राज्य सरकार ने वर्ष 2010 में ही सभी पंचायतों में पंचायत सरकार भवन बनाने की घोषणा की थी. तत्कालीन पंचायती राज मंत्री भीम सिंह के कार्यकाल के दौरान वित्तीय वर्ष 2012-13 से 2014-15 के दौरान छह-छह पंचायतों का कलस्टर बनाकर एक हजार 435 […]
साढ़े आठ हजार पंचायतों में बनना है पंचायत सरकार भवन
पटना : राज्य सरकार ने वर्ष 2010 में ही सभी पंचायतों में पंचायत सरकार भवन बनाने की घोषणा की थी. तत्कालीन पंचायती राज मंत्री भीम सिंह के कार्यकाल के दौरान वित्तीय वर्ष 2012-13 से 2014-15 के दौरान छह-छह पंचायतों का कलस्टर बनाकर एक हजार 435 पंचायत सरकार भवन को तैयार करने का लक्ष्य रखा गया था.
लेकिन, आठ साल बीतने के बाद भी कुल 8393 ग्राम पंचायतों में से अब तक महज एक हजार 46 पंचायत सरकार भवन ही तैयार हो पाये हैं, जो इस समय के निर्धारित लक्ष्य से भी कम हैं.
वर्तमान में तैयार भवनों में महज 888 भवन ही क्रियाशील या इनमें काम-काज हो रहा है. शेष भवन में फिनिशिंग का काम या अन्य कई कारणों से शुरू नहीं हो पाये हैं. तैयार हो चुके 100 पंचायत सरकार भवन अब तक हस्तांतरित ही नहीं हो पाये हैं.
जो पंचायत सरकार भवन तैयार भी हैं, उनकी हालत बहुत अच्छी नहीं है. इनमें पंचायत की सरकार की न बैठकें होती हैं और न ही यहां से किसी सुविधाओं का लाभ ही आम लोगों को मिल रहा है. नियमानुसार, यहां से आम लोगों को तमाम तरह के प्रमाणपत्र से लेकर अन्य सभी तरह की सुविधाएं प्रदान करना मुख्य उदे्श्य है. जबकि, राज्य सरकार ने पंचायत सरकार भवन में 51 सेवाओं का लाभ मिलने की घोषणा की है.
481 पंचायत भवन में खुले आरटीपीएस काउंटर
राज्य में तैयार हुए पंचायत सरकार भवन में 481 में आरटीपीएस काउंटर खुल चुके हैं. इसके माध्यम से लोगों को सुविधाएं दी जा रही हैं. अन्य पंचायत भवनों में अब तक यह सुविधा बहाल नहीं हो पायी है. इसकी कवायद चल रही है. आरटीपीएस काउंटर खुलने के बाद सेवाएं तो लोगों को मिलने लगी है, लेकिन अब तक कई पंचायतों में पंचायत सरकार पूरी तरह से यहां काम नहीं कर रही है.
राज्य में अभी तैयार हो चुके 1046 पंचायत सरकार भवनों को छह-छह पंचायत के कलस्टर के हिसाब से बांटते हुए इनमें मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल योजना और मुख्यमंत्री गली-नाली पक्कीकरण योजना की अब समीक्षा बैठक भी होगी.
इन भवनों में इन दोनों योजनाओं की समीक्षा करने के लिए सप्ताह में किसी एक दिन बैठक की जायेगी. इससे संबंधित आदेश विभागीय प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने सभी डीएम को दिया है. इसमें कहा गया है कि इस बैठक की अध्यक्षता बीडीओ करेंगे और उनकी अनुपस्थित रहने की स्थिति में कलस्टर प्रभारी अध्यक्षता करेंगे.
इसमें छह पंचायतों के मुखिया, पंचायत सचिव, वार्ड क्रियान्वयन और प्रबंधन समिति के अध्यक्ष एवं सचिव शामिल होंगे. बैठक का महीने में एक बार होना अनिवार्य होगा. इससे दोनों योजनाओं को गति देने में सहायता मिलेगी और इनका क्रियान्वयन भी तेजी से हो सकेगा.
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