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पटना : आस्था के नाम पर गंगा में बहायी जा रही गंदगी, लोग समझें जिम्मेदारी

पटना : गंगा में सीवरेज और फैक्ट्रियों से निकलने वाली गंदगी के अलावा आस्था के नाम पर भी गंदगी बहायी जा रही है. लोग अंधविश्वास के नाम पर गंदगी फैलाते हैं. गंगा या गंगा घाटों की सफाई का काम केवल सफाई कर्मियों की ही जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि इसमें आम लोगों की नियमित भागीदारी जरूरी […]

पटना : गंगा में सीवरेज और फैक्ट्रियों से निकलने वाली गंदगी के अलावा आस्था के नाम पर भी गंदगी बहायी जा रही है. लोग अंधविश्वास के नाम पर गंदगी फैलाते हैं. गंगा या गंगा घाटों की सफाई का काम केवल सफाई कर्मियों की ही जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि इसमें आम लोगों की नियमित भागीदारी जरूरी है.
ये बातें मंगलवार को होटल कौटिल्या में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में पहली महिला पर्वतारोही व पद्मश्री सम्मान से सम्मानित बछेंद्री पाल ने नमामि गंगे से जुड़े संवाददाता सम्मेलन में कहीं. संवाददाता सम्मेलन देश भर में बीते डेढ़ माह से चलाये जा रहे गंगा सफाई और जागरूकता अभियान के समापन के अवसर पर आयोजित किया गया था. मिशन में केंद्र सरकार की योजना नमामि गंगे व नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा के तहत बछेंद्री पाल के नेतृत्व में 40 लोगों की टीम काम कर रही थी.
मंगलवार को कार्यक्रम में इनके अलावा सातों पर्वत चोटियों पर फतह करने वाली व पद्मश्री प्रेमलता अग्रवाल, एनएमसीजी के डीजी राजीव रंजन मिश्रा, नगर विकास व आवास विभाग के प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद और उप विकास आयुक्त डॉ आदित्य प्रकाश मौजूद थे. बछेंद्री पाल ने कहा कि कार्यक्रम की शुरुआत हरिद्वार से की गयी थी. कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सराहना की थी. उन्होंने निर्देश दिया था कि स्कूली बच्चों में जागरूकता फैलायी जाये.
सूबे में सीवर, सफाई और रिवर फ्रंट को लेकर पांच हजार करोड़ के प्रोजेक्ट
कार्यक्रम में नगर विकास व आवास विभाग के प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद ने बताया कि देश भर में नमामि गंगे के तहत 20 हजार करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है. इसमें बिहार में पांच हजार करोड़ के प्रोजेक्ट चल रहे हैं. राजधानी में इसके 32 सौ करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट सीवर निर्माण, एसटीपी, गंगा सफाई और रिवर फ्रंट पर काम किया जा रहा है. राज्य के 11 शहरों पर गंगा प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है.
2020 तक पूरे होंगे कई प्रोजेक्ट : वहीं सम्मेलन में आये एनएमसीजी के डीजी राजीव रंजन मिश्रा ने कहा कि पटना में 11 जगहों पर सीवरेज प्रोजेक्टों में नौ पर तेजी से काम चल रहा है. इस अभियान के दौरान 40 लोगों की टीम ने गंगा घाटों से 55 हजार किलो कचरा साफ किया है.
सभी प्रोजेक्टों को 15 वर्ष तक मेंटेंनस की व्यवस्था की गयी है. उन्होंने बताया कि सर्वे ऑफ इंडिया की ओर से पूरे गंगा नदी की एक बेहतर जीपीएस मैपिंग की जा रही है. वहीं कार्यक्रम के समापन पर उप विकास आयुक्त डॉ आदित्य प्रकाश ने कहा कि बीते तीन दिनों से कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा था. इस दौरान 12 प्रोग्राम, चार रैलियां, छह स्कूलों के बच्चों से बातचीत व गांधी मैदान की सफाई की गयी है.
गंगा के प्रवाह क्षेत्र से छेड़छाड़ अनुचित,
अवैध खनन पर निशाना
संवाददाता सम्मेलन में बछेंद्री पाल ने कहा कि गंगा के कोर्स से छेड़छाड़ ठीक नहीं है. पटना आते समय हमने देखा की राजधानी व आसपास के क्षेत्रों में अवैध बालू का खनन हो रहा है, जो गंगा के लिए ठीक नहीं हैं. उन्होंने कहा कि इस पर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए. इसके अलावा राजीव रंजन मिश्रा ने कहा कि गंगा के क्षेत्र में स्थायी निर्माण ठीक नहीं है. गंगा केवल नदी नहीं है, यह आस्था व धर्म से जुड़ा मसला भी है. इसकी सफाई करना बेहद जरूरी है.

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