परिवहन विभाग के क्षेत्रीय कार्यालयों में लिपिकों के 119 पद खाली
पटना : परिवहन विभाग के 91 क्षेत्रीय कार्यालय लगभग तीन वर्षो से 116 लिपिकों का संकट ङोल रहे हैं, किंतु उनकी जगह नये लिपिकों की बहाली नहीं हुई है. संविदा पर बहाल कंप्यूटर ऑपरेटरों और कई कार्यालयों में अवैध लिपिकों से काम लिया जा रहा है. परिवहन विभाग ने कर्मचारी चयन आयोग को लिपिकों की बहाली के लिए पत्र लिखा है, हालांकि अभी तक इस मोरचे पर न कोई काम शुरू हुआ है और न ही बहाली निकाली गयी है. लिपिकों की कमी के कारण परिवहन विभाग में गाड़ियों का निबंधन, गाड़ी ऑनर का नाम ट्रांसफर, डुप्लीकेट लाइसेंस, एनओसी, एचपी टर्मिनेशन, स्मार्ट कार्ड, रोड परमिट आदि तय समय पर निर्गत नहीं हो पा रहे हैं.
कुछ गाड़ियों का वन टाइम टैक्स जमा कराने की व्यवस्था शुरू होने के कारण लिपिकों पर काम का दबाव घटा है, किंतु बड़ी संख्या में कॉमर्शियल वाहनों के टैक्स आज भी डीटीओ कार्यालयों में ही जमा हो रहे हैं.
नहीं जमा हो पा रहा टैक्स
लिपिकों की कमी के कारण समय पर टैक्स जमा नहीं हो पा रहे हैं. राज्य में खुली जांच चौकियों पर कंप्यूटराइज वे-ब्रिज नहीं लगाये जाने के कारण आज भी लिपिकों को ही कई काम निबटाने पड़ रहे हैं. परिवहन विभाग द्वारा संचालित गांधी सेतु के उत्तर में बनी जांच चौकी पर तैनात लिपिकों पर काम का भारी दबाव है. गांधी सेतु पर ओवर लोडेड वाहनों की सघन जांच के लिए इस चौकी को 24 घंटे सक्रिय रखा गया है. चौकी पर ओवरलोडेड वाहनों की जांच के लिए अधिकारियों की तैनाती में विभाग कोई कोताही नहीं बरत रहा, किंतु लिपिकों का संकट दूर नहीं हो रहा है.
अधिकारियों को तीन-तीन शिफ्टों में गांधी सेतु टोल प्लाजा पर प्रतिनियुक्त किया गया है. जिला परिवहन कार्यालय और मोटर यान निरीक्षक कार्यालयों में अवैध लिपिक काम करते रहे हैं. हाल ही में विभाग की सख्ती के बाद उन्हें खदेड़ा गया है. ऐसे क्लर्क अब भी काम तो कर रहे हैं, किंतु कार्यालय में नहीं, बल्कि दूसरी जगह फाइलें निबटाते हैं.