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पटना : आरक्षण कोई छीन नहीं सकता, हर कुर्बानी देने के लिए तैयार: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति उद्यमी योजना का उद्घाटन पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि इस धरती पर से आरक्षण कोई खत्म नहीं कर सकता है. किसी ने एेसी कोशिश की तो हम हर कुर्बानी देने को तैयार हैं. अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति से संबंधित सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ […]
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति उद्यमी योजना का उद्घाटन
पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि इस धरती पर से आरक्षण कोई खत्म नहीं कर सकता है. किसी ने एेसी कोशिश की तो हम हर कुर्बानी देने को तैयार हैं. अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति से संबंधित सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ केंद्र सरकार अध्यादेश लाने जा रही है, किसी को परेशान होने की जरूरत नहीं है.
जो निगेटिव बात करते हैं करें, हम निगेटिव बात नहीं करते. मुख्यमंत्री शनिवार को पटना के उद्योग भवन में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति उद्यमी योजना के उद्घाटन समारोह को संबोधित कर रहे थे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना के लाभार्थियों के लिए न्यूनतम योग्यता इंटरमीडिएट है. वहीं आवेदकों की योग्यता की लिस्ट में एमएससी, बीटेक, बीएससी, ग्रेजुएट, आईटीआई जैसे डिग्रीधारियों का चयन हुआ है.
ऐसे उद्यमी अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समाज के लोगों को प्रेरित भी करेंगे. इसके साथ– साथ पहले से चली आ रही योजनाओं का लाभ भी इस समाज को मिलता रहेगा. इस योजना में 3000 आवेदकों में से 500 का चयन किया गया है. उसमें से 135 का प्रशिक्षण हो चुका है.
सोमवार से 150 आवेदकों को प्रशिक्षित किया जायेगा. चयनित आवेदकों में सभी क्षेत्र में कार्य प्रारंभ करने वाले लोग हैं. जैसे-कम्प्यूटर हार्ड डिस्क, आईटी, इवेंट मैनेजमेंट, टेंट हाउस, आटा-सत्तु, रेडिमेड गारमेंट, फर्नीचर, जूता इत्यादि. अनुसूचित जाति और जनजाति समाज के युवा खुद तो लाभान्वित होंगे ही, साथ ही दूसरों को भी रोजगार उपलब्ध करायेंगे.
कार्यक्रम को उद्योग मंत्री जय कुमार सिंह, भवन निर्माण मंत्री महेश्वर हजारी, परिवहन मंत्री संतोष कुमार निराला, कला संस्कृति एवं युवा मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री रमेश ऋषिदेव, विधायक श्याम रजक, विधान पार्षद अशोक चौधरी, उद्योग विभाग के प्रधान सचिव डॉ एस सिद्धार्थ ने भी संबोधित किया.
इस अवसर पर विधायक प्रभुनाथ राम, विधान पार्षद दिलीप चौधरी, विधान पार्षद रामचंद्र भारती, दलित इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश पासवान, राज्य अनुसूचित जाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष विद्यानंद विकल, राज्य महादलित आयोग के पूर्व अध्यक्ष हुलेस मांझी, बिहार राज्य हस्तकरघा बुनकर सहयोग संघ लिमिटेड के अध्यक्ष नकीब अंसारी, बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष केपीएस केशरी, चंद्रगुप्त प्रबंधन संस्थान के निदेशक बी मुकुंद दास, विकास आयुक्त शशि शेखर शर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव मनीष वर्मा, बिहार महादलित विकास मिशन के कार्यपालक पदाधिकारी गोपाल सिंह सहित उद्योग विभाग के अन्य वरीय पदाधिकारी और लाभार्थी उपस्थित थे.
क्या है योजना
मुख्यमंत्री अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति उद्यमी योजना के अंतर्गत उद्यमियों को ब्याज रहित ऋण दिया जाायेगा. इसका भुगतान परियोजना स्वीकृति के एक वर्ष बाद से 84 समान किस्तों में करना होगा. योजना के लाभुक को कुल परियोजना इकाई के लागत का 50 फीसदी अधिकतम पांच लाख रुपये तक ब्याज रहित ऋण और 50 फीसदी अधिकतम पांच लाख रुपये तक अनुदान उपलब्ध करायी जायेगी. इसके साथ ही सभी लाभुकों के प्रशिक्षण के लिए प्रति इकाई 25 हजार रुपये की दर से खर्च किया जायेगा.
कमजोर वर्गों के प्रोत्साहन के लिए विशेष तौर पर काम किया
चयनित लाभार्थियों को सीएम ने दिया चेक
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के दौरान सांकेतिक रूप से पांच चयनित लाभार्थियों को प्रथम किश्त का चेक दिया. इनमें से पटना जिले की चांदनी कुमारी को रेडीमेड गारमेंट्स के लिए 9,37,000 रुपये स्वीकृत हुए हैं.
उन्हें 2,33,875 रुपये का चेक दिया गया. पटना जिले के दिनेश चौधरी को कंप्यूटर हार्डवेयर के लिए 7,41,000 रुपये स्वीकृत हुए हैं. इन्हें 1,85,383 रुपये का चेक दिया गया. सीवान की ममता पासवान को आरओ प्लांट के लिए 9,06,000 रुपये स्वीकृत हुए हैं. इन्हें 2,26,562 रुपये का चेक दिया गया. सीतामढ़ी के राजकुमार राम को चमड़े का जूता बनाने के लिए 3,85,000 रुपये स्वीकृत हुए. इन्हें 96,250 रुपये का चेक दिया गया. कैमूर के कर्मू सिंह को टेंट हाउस और इवेंट मैनेजमेंट के लिए 7,50,000 रुपये स्वीकृत हुए. इन्हें 2,50,000 रुपये का चेक दिया गया. मुख्यमंत्री ने लाभार्थियों की सूची पर आधारित एक बुकलेट का विमोचन किया.
सभी वर्गों के लिए हुआ काम
मुख्यमंत्री ने कहा कि जब तक सकारात्मक अवधारणा नहीं होगी, तब तक समाज का विकास नहीं हो सकता है. हमलोगों ने समाज के हर वर्ग के लिए काम किया है. कमजोर वर्गों के प्रोत्साहन के लिए विशेष तौर पर काम किया है.
इनमें महिलाएं, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, महादलित शामिल हैं. राज्य में शिक्षा की स्थिति को दुरुस्त करने के लिए 22 से 23 लाख नये स्कूलों में कमरों का निर्माण भी कराया गया है. लाखों शिक्षकों का नियोजन कराया गया. सरकार और जनता के बीच संवाद स्थापित करने के लिए विकास मित्र का नियोजन किया गया.
अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति टोले में सामुदायिक भवन का निर्माण किया जा रहा है. राज्य में 93 लाख महिलाएं आठ लाख से अधिक स्वयं सहायता समूह के माध्यम से जुड़कर अनेक क्षेत्रों के लिए काम कर रही हैं. 10 लाख स्वयं सहायता समूह बनाने का लक्ष्य है. शराबबंदी का लाभ सभी वर्गों को मिल रहा है.
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