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पटना : मौर्यालोक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में पानी की टंकियों की वर्षों बाद भी नहीं हुई सफाई

पटना : मौर्यालोक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में पीने के पानी की रखी टंकियों की सफाई वर्षों से नहीं हुई है. इस कॉम्प्लेक्स की हर मंजिल पर पानी की टंकी बनायी गयी है. हैरत की बात यह है कि इस कॉम्प्लेक्स की दुकानों एवं विभागों से बाकायदा मेंटेनेंस चार्ज भी लिया जाता है. मौर्यालोक कॉम्प्लेक्स परिसर में […]

पटना : मौर्यालोक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स में पीने के पानी की रखी टंकियों की सफाई वर्षों से नहीं हुई है. इस कॉम्प्लेक्स की हर मंजिल पर पानी की टंकी बनायी गयी है.
हैरत की बात यह है कि इस कॉम्प्लेक्स की दुकानों एवं विभागों से बाकायदा मेंटेनेंस चार्ज भी लिया जाता है. मौर्यालोक कॉम्प्लेक्स परिसर में साढ़े तीन सौ से अधिक दुकानें और सौ से अधिक सरकारी व गैर सरकारी दफ्तर हैं.
इन दुकानों के साथ-साथ सरकारी व गैर सरकारी दफ्तरों से प्रत्येक वर्ष मेंटेनेंस शुल्क वसूला जाता है, ताकि मौर्यालोक का रखरखाव बेहतर तरीके से हो सके. हालात यह है कि निगम प्रशासन मेंटेनेंस शुल्क वसूलने के बावजूद बिल्डिंग के रखरखाव की बात तो दूर पानी की टंकी का भी सही तरीके से मेंटेनेंस नहीं करा पा रहा है.
मेंटेनेंस भी हुआ तो आधा-अधूरा
हाईकोर्ट की फटकार के बाद मौर्यालोक के रखरखाव को लेकर योजना बनायी गयी. इस योजना को पूरा करने की जिम्मेदारी बुडको को दी गयी.
चार करोड़ रुपये से फर्श, ड्रेनेज, रंगाई, छत, वायरिंग और शौचालय का मेंटेनेंस करना था. लेकिन, निर्माण एजेंसी ने जैसे-तैसे काम पूरा कर खानापूर्ति कर दी. स्थिति यह है कि फर्श पर लगे टाइल्स टूट रहे हैं और छत से पानी का रिसाव होता है और गंदा पानी परिसर में सप्लाई किया जा रहा है.
नगर आयुक्त की आपत्ति पर जांच टीम गठित की गयी. जांच टीम ने विभाग को रिपोर्ट भी सौंपी, लेकिन अब तक रिपोर्ट पर एक्शन नहीं लिया जा सका है. वहीं, निगम प्रशासन द्वारा भी दर्जनों बार मौर्यालोक परिसर के सौंदर्यीकरण की योजना बनायी गयी, जो अब तक फाइलों में दबी है और खामियाजा परिसर में आने वाले लोग व मेंटेनेंस शुल्क देने वाले भुगत रहे हैं.
निगम मुख्यालय होने के बावजूद स्थिति जर्जर
मौर्यालोक परिसर में ही निगम मुख्यालय का दफ्तर है, जहां मेयर, डिप्टी मेयर व नगर आयुक्त के साथ-साथ वरीय अधिकारी बैठते हैं. इन अधिकारियों के दफ्तर में भी पानी की सप्लाई होती है और सप्लाई का पानी सिर्फ शौचालय में उपयोग किया जाता है. आलम यह है कि अमूमन अधिकारी घर से पानी लाते हैं और प्यास लगने पर घर का ही पानी पीते हैं. वहीं, निगम मुख्यालय में दो जगहों पर आरओ प्यूरिफायर लगाये गये हैं.
पानी की टंकी के ऊपर उग गये हैं पौधे
मौर्यालोक परिसर में पांच पानी की टंकियों के माध्यम से पीने के पानी की सप्लाई की जाती है. प्रत्येक मंजिल पर रखी टंकियों के ऊपर पौधे उग गये हैं. वहीं, टंकी की दीवारों पर काई लगी है. पानी में छोटे-छोटे कीड़े हो गये हैं.
इतना ही नहीं, टंकी का ढक्कन खुला रहता है, जिसमें धूल जाती रहती है. आलम यह है कि मौर्यालोक आने वाले लोग हों या फिर दुकानदार इसका पानी नहीं पीते हैं. मजबूरन लोगों को बोतलबंद पानी पीने को मजबूर होना पड़ता है.

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