पटना : बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने 4 अगस्त को आयोजित जीएसटी काउंसिल की निर्धारित बैठक को लेकर कुछ सुझाव और मांग पत्र भेजा है. एसोसिएशन के अध्यक्ष केपीएस केसरी ने बताया कि जीएसटी से देश में सबों के लिए एक नयी व्यवस्था कर दी है. जिसके प्रावधानों तथा प्रक्रिया से अभी तक बड़ी संख्या में करदाता वाकिफ नहीं हैं, जिसके कारण वे सही समय पर रिटर्न आदि दाखिल नहीं कर पा रहे हैं. कानून के प्रावधान के अनुसार उन पर विलंब शुल्क लगाया गया है.
जीएसटी काउंसिल से अनुरोध किया है कि जून, 2018 तक भरे जानेवाले त्रैमासिक टैक्स तथा रिटर्न टैक्स अगर नहीं जमा किया गया है, तो उस पर लगाये गये विलंब शुल्क को एक बार माफ किया जाये. उन्होंने बताया कि वर्तमान जीएसटी कानून के प्रावधान के तहत यदि कोई टैक्स का भुगतान करता है, लेकिन उस टैक्स का समायोजन अपने टैक्स देनदारी से नहीं करता है,
तो उसको विलंब के रूप में देखा जाता है तथा उस पर सूद आरोपित किया जाता है. इसके अलावा टर्न ओवर की 5 करोड़ की सीमा को बढ़ा कर 10 करोड़ किया जाये. केसरी ने बताया कि सभी प्रकार के खाद्य पदार्थ दाल, आटा चाहे उनका निर्माण या बिक्री, लघु व मध्यम प्रक्षेत्र की इकाइयों द्वारा किया जा रहा है उन पर 5 प्रतिशत की दर से जीएसटी लगाया जा रहा है, जबकि खाद्य पदार्थ पर जीएसटी शून्य प्रतिशत है.