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बिहार सरकार खुद करेगी बालिका और बाल गृहों का संचालन

-फैसला. जल्द ही प्रस्ताव को मिल सकती है कैबिनेट की मंजूरी पटना : प्रदेश के बालिका और बाल गृहों का संचालन अब स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से करवाने की जगह सरकार स्वयं करेगी. इसे अमलीजामा पहनाने की तैयारी चल रही है. इस पर जल्द ही कैबिनेट से मंजूरी मिलने की संभावना है. राज्य के सभी […]

-फैसला. जल्द ही प्रस्ताव को मिल सकती है कैबिनेट की मंजूरी

पटना : प्रदेश के बालिका और बाल गृहों का संचालन अब स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से करवाने की जगह सरकार स्वयं करेगी. इसे अमलीजामा पहनाने की तैयारी चल रही है. इस पर जल्द ही कैबिनेट से मंजूरी मिलने की संभावना है. राज्य के सभी बालिका और बालगृहों के बेहतर प्रबंधन और संचालन के लिए यह कदम उठाया जा रहा है. बाद में यह व्यवस्था राज्य के अल्पावास और अन्य गृहों के लिए लागू की जा सकती है.

मुजफ्फरपुर बालिका गृह सहित राज्य के अन्य बाल गृहों में यौनशोषण सहित कई अनियमितताओं के उजागर होने पर यह कदम उठाया गया है. सरकार द्वारा अब तक इन सभी का संचालन स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से करवाया जा रहा था. नयी व्यवस्था के लिए समाज कल्याण विभाग प्रारूप तैयार कर रहा है. बताया जाता है कि इन गृहों के संचालन में विभाग के बाल सुरक्षा अधिकारियों को मुख्य भूमिका में रखा जायेगा. साथ ही सुरक्षा के लिए किन्नरों की तैनाती की जायेगी.

निगरानी के लिए होगा उच्च तकनीक का इस्तेमाल
बालिका और बाल गृहों का संचालन अपने हाथ में लेने के बाद सरकार इन सभी की निगरानी के लिए उच्च तकनीक आधारित व्यवस्था का इस्तेमाल कर सकती है. इसके तहत इन गृहों में सीसीटीवी लगाया जायेगा. साथ ही प्रत्येक जिले में नियंत्रक कक्ष बनाकर वहां से भी सीसीटीवी के जरिये सभी गृहों की निगरानी की जायेगी.

आईजी व डीआईजी ने किया बालिका गृह का निरीक्षण
मुजफ्फरपुर : साहू रोड स्थित बालिका गृह यौन शोषण प्रकरण में साक्ष्य जुटाने का काम तेजी से जारी है. यहां आवासित 44 में से 34 किशोरियों के यौन शोषण की पुष्टि मेडिकल जांच में हो चुकी है. शनिवार को जोनल आईजी सुनील कुमार और डीआईजी अनिल कुमार सिंह ने बालिका गृह का निरीक्षण किया. इस दौरान नगर डीएसपी मुकुल कुमार आनंद,महिला थानेदार सह केस की आईओ ज्योति कुमारी के साथ अन्य पुलिस पदाधिकारी उपस्थित थे. आईजी के निरीक्षण के क्रम में ही एफएसएल व मेडिकल टीम भी वहां पहुंची. पूरे जांच-पड़ताल की फोटो व वीडियोग्राफी भी करायी गयी है.

दवाओं की जांच के बाद चिकित्सा कक्ष सील
बालिका गृह पहुंची मेडिकल टीम मजिस्ट्रेट के समक्ष चिकित्सा कक्ष के सील को खोला. टीम में शामिल डॉ संजीव कुमार पांडेय और डॉ अंजुम आरा ने चिकित्सा कक्ष में मौजूद दवाओं की जांच की. इस क्रम में बरामद 63 किस्म की दवाओं की सूची भी बनायी गयी है. उनकी गहराई से जांच की जा रही है. इसमें उक्त दवा के सेवन के बाद उसके असर, होनेवाली प्रतिक्रिया सहित अन्य चीजों की जांच की जा रही है.

बरामद कंप्यूटर,कागजात व दस्तावेज जब्त
बालिका गृह से एक कंप्यूटर,कई तरह के कागजात व फाइल बरामद हुई है. पुलिस ने उसे जब्त कर लिया है. जोनल आईजी ने वहां से जब्त एक संस्था के पैड पर अंकित तथ्यों के जांच का आदेश दिया है. बरामद कागजात पर कई महिला, पुरुष सहित अन्य के मोबाइल नंबर अंकित हैं. आईजी ने उक्त मोबाइल नंबरों की वैज्ञानिक जांच का भी आदेश दिया है.

एक और संस्था ‘आसरा’ का पता लगा
मुजफ्फरपुर : जोनल आईजी के निरीक्षण के दौरान एक और संस्था आसरा का नाम प्रकाश में आया है. बालिका गृह से बरामद कागजात से इसका खुलासा हुआ है. यह बात प्रकाश में आयी कि पक्की सराय इलाके में सेवा संकल्प एवं विकास समिति की आसरा नाम से एक अल्पावास गृह संचालित है. आईजी के आदेश के बाद देर शाम महिला थानेदार ज्योति कुमारी व सदर थाने के दारोगा राजू मिश्रा पक्की सराय पहुंचे. आसरा संस्था के संबंध में आसपास के लोगों से पूछताछ की. देर रात तक वहां छानबीन जारी था. उक्त पैड पर महिला सेक्स वर्कर और पुरुषों के नाम सांकेतिक तौर पर अंकित हैं. इस पर 18 से 20 हाई 34, 25 से 35 मिडियम 14 भी अंकित हैं. जोनल आईजी ने पक्की सराय स्थित उक्त संस्था और उसके पैड पर अंकित तथ्यों की जांच का आदेश दिया है.

बेड की जांच, तौलिया-चादर जब्त
एफएसएल टीम ने किशोरियों के बेड सहित बालिका गृह के सभी कमरों में लगे बेड के चादर, गद्दा के साथ ही अन्य कपड़ों के दाग पर केमिकल लगा जांच की. इसके बाद दाग-धब्बा युक्त चादर, तौलिया, तकिया के खोल आदि को जब्त कर लिया.

24 घंटे में माफी मांग लें तेजस्वी, वर्ना आपराधिक मुकदमा
पटना : नगर विकास एवं आवास मंत्री सुरेश कुमार शर्मा ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव को कानूनी नोटिस दिया है. अधिवक्ता ने नोटिस देते हुए कहा है कि तेजस्वी यादव द्वारा राजनीतिक विद्वेष से लगाये गये आरोपों की वजह से उनके मुवक्किल के मान, सम्मान व प्रतिष्ठा को काफी ठेस पहुंची है. ऐसी स्थिति में तेजस्वी यादव नोटिस ग्रहण करने के 24 घंटे के अंदर माफी मांगते हुए बयान वापस लें, अन्यथा उनके खिलाफ चलाये जाने वाले सिविल व क्रिमिनल मुकदमे के लिए वह खुद जिम्मेदार होंगे. अधिवक्ता अभय शंकर सिंह ने नोटिस में कहा कि नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने 26 जुलाई को एक बयान दिया, जिसमें मंत्री सुरेश शर्मा को मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले में यौन शोषण का आरोपित बताया गया था. इस बयान में कोई सच्चाई नहीं होने के बावजूद मीडिया में बहुत प्रमुखता से इसे जगह मिली. इसके चलते सुरेश शर्मा के सार्वजनिक जीवन की प्रतिष्ठा को गहरा धक्का लगा है. इसलिए तेजस्वी अपने बयान के लिए तुरंत माफी मांगें.

बड़े अधिकारियों का होगा दौरा
सूत्रों का कहना है कि बालिका और बाल गृहों के बेहतर संचालन और प्रबंधन के लिए समाज कल्याण विभाग के बड़े अधिकारी तय रूटीन के अनुसार वहां का दौरा करेंगे. वे अपनी रिपोर्ट विभाग को साैंपेंगे. इसके साथ ही सरकार सालाना सामाजिक अंकेक्षण (सोशल ऑडिट) की भी व्यवस्था करेगी. उसकी रिपोर्ट भी विभाग में पेश होगी. उन सभी रिपोर्टों की समीक्षा के आधार पर बेहतर व्यवस्था की जायेगी.

कोर्ट की निगरानी में हो सीबीआई जांच
नयी दिल्ली : कांग्रेस ने मुजफ्फरपुर में बालिका गृह में बच्चियों के साथ यौन शोषण की घटना को लेकर बिहार की जदयू-भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए शुक्रवार को कहा कि इस पूरे मामले की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच होनी चाहिए. पार्टी ने गैर सरकारी संगठनों की ‘सोशल ऑडिट रिपोर्ट’ जारी करते हुए कहा कि राज्य के कुल 15 बाल गृहों-बालिका गृहों में बच्चे-बच्चियों के साथ यौन दुव्यर्वहार हुआ है, लेकिन सिर्फ मुजफ्फरपुर के बालिका गृह के मामले में प्राथमिकी दर्ज की गयी है. कांग्रेस के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि नीतीश कुमार कभी सुशासन बाबू के नाम से जाने जाते थे और अब उनकी सरकार के कुशासन का यह रूप सामने आया है. हम चाहते हैं कि अन्य 14 बालगृहों-बालिका गृहों के मामलों में भी प्राथमिकी दर्ज हो और सभी की सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआई जांच हो. मुजफ्फरपुर का मामला संसद में उठने और विभिन्न संगठनों के विरोध प्रदर्शन के बाद बिहार सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश की है. गोहिल ने एक वीडियो जारी कर दावा किया कि बच्चियों के साथ यौन शोषण के मामले में बिहार की समाज कल्याण मंत्री के पति की भूमिका भी संदेह के घेरे में है और ऐसे में जांच पूरी होने तक मंत्री को पद से हटाया जाना चाहिए. कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने कहा कि मुजफ्फरपुर की घटना के सामने आने के बाद बच्चियों को राज्य में दूसरे स्थानों पर भेजा गया. हमारी मांग है कि बच्चियों की सुरक्षा को देखते हुए उनको राज्य के बाहर भेजा जाये. उन्होंने दावा कि इस पूरे मामले में कई सफेदपोश लोग शामिल हैं और मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के पक्ष में भाजपा के लोग खड़े दिखाई दे रहे हैं.

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