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वन नेशन वन इलेक्शन व्यावहारिक नहीं

वन नेशन वन इलेक्शन की अवधारणा व्यावहारिक नहीं है. लोकसभा और विधानसभा का चुनाव एक साथ कराने की कोई संवैधानिक बाध्यता भी नहीं है. यह केवल एक चुनावी नारा भर है और कुछ नहीं. यह सब बातें देश की ज्वलंत समस्याओं से ध्यान हटाने के लिए ही की जा रही हैं. यह बातें पटना हाईकोर्ट […]

वन नेशन वन इलेक्शन की अवधारणा व्यावहारिक नहीं है. लोकसभा और विधानसभा का चुनाव एक साथ कराने की कोई संवैधानिक बाध्यता भी नहीं है. यह केवल एक चुनावी नारा भर है और कुछ नहीं. यह सब बातें देश की ज्वलंत समस्याओं से ध्यान हटाने के लिए ही की जा रही हैं. यह बातें पटना हाईकोर्ट एडवोकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष वरीय अधिवक्ता योगेश चन्द्र वर्मा ने गुरुवार को एडवोकेट एसोसिएशन के मुख्य हॉल में आयोजित एक सेमिनार में कही.
सेमिनार में उपस्थित अधिवक्ता लक्ष्मीकांत तिवारी ने कहा कि यद्यपि यह व्यावहारिक नहीं है, लेकिन हमें इस पर गंभीरता पूर्वक विचार करने की जरूरत है. अधिवक्ता सत्य प्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि वन नेशन वन इलेक्शन से ज्यादा जरूरी है वन नेशन वन एजुकेशन, वन नेशन वन हेल्थ. इन बातों पर ध्यान देने की बजाय वन नेशन वन इलेक्शन की बात की जा रही है. अधिवक्ता देवेन्द्र प्रसाद ने इस अवधारणा को पूरी तरह खारिज करते हुए कहा कि इस देश में यह संभव नहीं है.

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