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किताबों की सूची वेबसाइट पर अपलोड नहीं करते स्कूल

स्कूल अभिभावकों पर बनाते हैं दबाव पटना : सीबीएसई से संबद्ध स्कूल बोर्ड गाइडलाइन को पूरी तरह नहीं मानते, चाहे वह स्टेशनरी से जुड़ा हो या सुरक्षा से. दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले के आलोक में हाल ही में बोर्ड ने एक सर्कुलर जारी किया है. इसके माध्यम से स्कूलों को किताब-स्टेशनरी की बिक्री के […]

स्कूल अभिभावकों पर बनाते हैं दबाव
पटना : सीबीएसई से संबद्ध स्कूल बोर्ड गाइडलाइन को पूरी तरह नहीं मानते, चाहे वह स्टेशनरी से जुड़ा हो या सुरक्षा से. दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले के आलोक में हाल ही में बोर्ड ने एक सर्कुलर जारी किया है.
इसके माध्यम से स्कूलों को किताब-स्टेशनरी की बिक्री के लिए स्कूल कैंपस में टकशॉप की इजाजत दे दी. साथ ही कक्षावार चयनित किताबों की सूची भी वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश दिया था. कई स्कूलों के कैंपस में ही किताब व स्टेशनरी की बिक्री तो हुई, लेकिन सभी स्कूलों ने वेबसाइट पर किताबों की सूची अपलोड नहीं की. बोर्ड के सर्कुलर में पाठ्य सामग्री के अलावा बच्चों की सुरक्षा के यथासंभव सारे उपाय करने का निर्देश दिया गया है. कहा गया है कि सर्कुलर में दिये गये किसी भी निर्देश की अनदेखी किये जाने की स्थिति में संबंधित स्कूल के खिलाफ यथोचित कार्रवाई की जायेगी.
स्कूलों को राहत, अभिभावक परेशान
बोर्ड के संबंधित सर्कुलर से स्कूलों को तो राहत मिली है, लेकिन अभिभावकों की परेशानी पहले की ही तरह बनी हुई है. अभिभावक संजीव कुमार, आशुतोष कुमार व अन्य ने बताया कि इससे स्कूलों की मनमानी बढ़ेगी. जिन स्कूलों में टकशॉप या दुकान नहीं खोली जाती है, वे किसी खास वेंडर के पास किताब-स्टेशनरी की खरीदारी के लिए भेजते हैं.
चूंकि, स्कूल की बुक लिस्ट में शामिल किताबें अन्य वेंडर या दुकानदार के पास नहीं मिलती. इस कारण स्कूल द्वारा बताये वेंडर या दुकानदार के पास जाना बाध्यता है. इस तरह कहा जाये, तो बोर्ड के निर्देश के बावजूद स्कूल प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से किसी खास वेंडर के पास ही जाने को बाध्य करते हैं.
क्या है सर्कुलर में
सर्कुलर के अनुसार किताब-स्टेशरी व यूनिफॉर्म की बिक्री के लिए स्कूल परिसर में टकशॉप यानी छोटी दुकान लगाया जा सकती है. टकशॉप में यदि एनसीईआरटी, गैर एनसीईआरटी किताब, कॉपी, स्टेशनरी, यूनिफॉर्म वगैरह उपलब्ध है भी, तो स्कूल उसे वहीं से खरीदने के लिए विद्यार्थी अथवा अभिभावकों को बाध्य नहीं कर सकते. विद्यार्थी या अभिभावकों को किताब व अन्य सामग्री किसी खास वेंडर से खरीदने के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता. प्रत्येक सत्र में कक्षावार चयनित किताबों की विस्तृत जानकारी वेबसाइट पर उपलब्ध करानी है. बच्चों की सुरक्षा को लेकर सारे उपाय किये जाने हैं.

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