पटना (संवाददाता) : बिहार के उपमुख्यमंत्री सह वाणिज्य कर मंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि जीएसटी (गुड्स एंड सर्विस टैक्स) लागू होने के बाद टैक्स चोरी करना संभव नहीं है. पूरी प्रणाली कंप्यूटर आधारित होने की वजह से आईटी की नजर हमेशा तीसरी आंख के रूप में सभी पर बनी रहती है. आज आईटी इंटेलिजेंस का जमाना है. ऐसे में अगर किसी को लग रहा है कि वह टैक्स चोरी कर लेंगे, तो दो साल बाद भी उसका पकड़ा जाना तय है.
डिप्टी सीएम जीएसटी लागू होने के सफलतापूर्ण एक वर्ष पूरा होने पर वाणिज्य कर विभाग की तरफ से ज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे हैं. उन्होंने सभी व्यापारियों को सख्त हिदायत दी कि इसके बारे में सोचे भी नहीं. कंप्यूटर के जरिये सभी डाटा के मिलान की प्रक्रिया हमेशा चलती रहती है. अगर किसी ने जीएसटी के अपने दोनों घोषणा-पत्र में गलत या भिन्न जानकारी दी है, तो तुरंत पकड़ में आ जायेगा. कंप्यूटर को मात देने की कोई गलतफहमी नहीं पाले.
28 और 12 फीसदी टैक्स स्लैब मर्ज कर बन सकता नया स्लैब
उन्होंने कहा कि जीएसटी के बाद राष्ट्रीय स्तर पर आठ लाख 70 हजार करोड़ राजस्व संग्रह हुआ है. इस साल इसके 11 लाख करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है. इस तरह 12 फीसदी ग्रोथ दर्ज किया गया है. अगर हर साल एक लाख करोड़ टैक्स संग्रह का लक्ष्य प्राप्त होता है, तो आने वाले समय में जीएसटी में मौजूद 28 और 12 फीसदी के टैक्स स्लैब को मिलाकर 15 फीसदी का एक नया टैक्स स्लैब तैयार किया जा सकता है. या, कई वस्तुओं को 28 फीसदी के टैक्स स्लैब से बाहर भी किया जा सकता है. जल्द ही जीएसटी की नयी विवरणी लॉच होने जा रही है.
उन्होंने कहा कि बिहार का लक्ष्य वित्तीय वर्ष 2018-19 के दौरान जीएसटी के तहत केंद्र से मिलने वाली क्षतिपूर्ति राशि से बाहर निकलना है. यानी टैक्स संग्रह के बेस को बढ़ाकर पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनना है, जिससे केंद्र से मदद लेने की जरूरत नहीं पड़े. पांच वर्ष के अंदर ही राज्य 14 फीसदी के ग्रोथ के लक्ष्य को प्राप्त करते हुए आत्मनिर्भर बन जायेगा. उन्होंने कहा कि ई-वे बिल प्रणाली को मजबूती से लागू किया जायेगा. बिहार में दो महीने के दौरान 19 हजार 470 ई-वे बिल जारी हुए हैं.
डिप्टी सीएम ने कहा कि जीएसटी अगर 1 जुलाई 2017 को लागू नहीं होता, तो फिर यह कभी लागू नहीं होता. चुनाव के पहले सुधार कार्य लागू नहीं किये जा सकते हैं. यह कदम युगांतकारी परिवर्तन है. जीएसटी के पहले देश में टैक्स के क्षेत्र में किओस्क या अराजकता की स्थिति थी. केंद्र शासित प्रदेश मिलाकर 37 राज्यों में 16 टैक्स और 15 तरह के सेस एवं सरचार्ज लागू थे. इनका ग्रैंड यूनिफिकेशन करने की हिम्मत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिखायी. उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम पदार्थों पर जीएसटी लागू होने के बाद भी इनके दाम में गिरावट नहीं आयेगी. जीएसटी के बाद राज्यों को ऊपर से टॉप-अप लगाने का अधिकार है.
मंत्री बिजेंद्र यादव पर ली चुटकी
मोदी ने मौके पर मौजूद ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव पर चुटकी लेते हुए कहा कि वैट जिस समय लागू हुआ था, उस समय भी मैं सत्ता में था. जीएसटी लागू होने के दौरान तीन साल तक बिजेंद्र बाबू ने यह मौका छिन लिया. मुझे लग रहा था कि इस ऐतिहासिक मौके से मैं छूट गया, लेकिन यह मौका मुझे दोबारा मिल गया और मैं फिर से सत्ता में आ गया. हालांकि बिजेंद्र यादव ने भी इसका जवाब चुटिले अंदाज में दिया कि मौका दिये, उसके बारे में कुछ नहीं बोल रहे हैं.
आज राजनीति प्रदूषित हो गयी : बिजेंद्र
ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा कि आज राजनीति का वातावरण प्रदूषित हो गया है. आज विचारों का आदान-प्रदान नहीं बल्कि, आपस में अंतराक्षरी होती है. किसी ने कुछ कहा, तो दूसरे ने पटलवार दूसरे तरीके से किया. दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में सार्थक बहस नहीं हो, यह बेहद चिंता की बात है. जीएसटी के मामले में हम उस समय विपक्ष में थे. मोदीजी से अलग बैठते थे, फिर भी पूरजोर समर्थन दिया था. बिहार की भूमिका जीएसटी में शानदार रही और आगे भी बनी रहे. कार्यक्रम में स्वागत संबोधन वित्त प्रधान सचिव सुजाता चतुर्वेदी ने किया. इस दौरान केंद्रीय जीएसटी के प्रधान मुख्य आयुक्त शिव नारायण सिंह, आयुक्त रणजीत कुमार, आयुक्त प्रतिमा एस वर्मा समेत अन्य अधिकारी मौजूद थे.