पटना : पटना के धनरूआ थाने के देवदहा ग्राम में 28 मार्च, 2017 को चिरंजीत प्रसाद को कुख्यात अपराधी अनिल टाईगर ने गोली मारी थी, जबकि गोली मारने के मामले में गिट्टी व्यवसायी ज्ञान रंजन कुमार उर्फ पिंकु को 40 दिनों तक जेल में रहना पड़ा था. इसके बाद वे जमानत पर छूटे.
गोली मारने के मामले में धनरूआ थाने में केस संख्या 142/17 दर्ज हुआ था. ज्ञान रंजन की पत्नी रूबी देवी का आरोप है कि इस केस में पुलिस ने सही तरीके से जांच नहीं की और न्यायालय से घर की कुर्की-जब्ती का ऑर्डर ले लिया और फिर मजबूरन पति ज्ञान रंजन को सरेंडर करना पड़ा. इसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया. जबकि घटना को अंजाम देने वाला अनिल टाईगर का किसी ने नाम तक नहीं लिया. इधर 11 जून को जब अनिल टाईगर को पटना पुलिस की टीम ने पकड़ा, तो उसने पुलिस के समक्ष खुद ही यह जानकारी दी है कि चिरंजीत को उसने ही गोली मारी थी.
क्या कहती है ज्ञान रंजन की पत्नी : ज्ञान रंजन की पत्नी रूबी देवी ने बताया कि घटना के बाद जब उनके पति को नामजद आरोपित बनाया गया, तो पुलिस के आलाधिकारियों से भी मिल कर उन्हें ज्ञापन दिया और मामले की जांच कराने का आग्रह किया था. सिटी एसपी पूर्वी के समक्ष कई लोगों का बयान भी हुआ. लेकिन इसके बावजूद उनकी नहीं सुनी गयी.
पुलिस ने कुर्की-जब्ती का ऑर्डर ले लिया और फिर पति ने सरेंडर कर दिया था. उनके पति को राजनैतिक साजिश के तहत फंसाया गया. पति के जेल जाने के बाद उन्हें और उनके परिवार को कष्टों का सामना करना पड़ा.
एक ओर न्यायालय व पुलिस अधिकारियों के कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ रहा था, तो दूसरी ओर घर में खाने की व्यवस्था अपने दम पर करनी पड़ रही थी. अनिल टाईगर पकड़ा गया है और उसने घटना में अपनी संलिप्तता भी स्वीकार की है. इसके बावजूद अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी है. रूबी देवी का आरोप है कि पुलिस ने सही ढंग से जांच नहीं की और एकतरफा कार्रवाई की.
जिसके कारण पति को 40 दिनों तक जेल में रहना पड़ा. एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि पूरे मामले की जांच करायी जायेगी. उन्होंने बताया कि अनिल टाईगर ने ही उक्त केस में अपनी संलिप्तता को स्वीकार किया है. धनरूआ के देवदहा गांव में 28 मार्च 2017 को चिरंजीत प्रसाद को गोली मार कर घायल कर दिया गया था. इसके बाद चिरंजीत प्रसाद के भाई सर्वजीत कुमार ने ज्ञान रंजन उर्फ पिंकू कुमार समेत चार लोगों को नामजद आरोपित बनाया था.