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पटना :10% देना पड़ता है रेवेन्यू, पर शर्तों का उल्लंघन कर रहे बस ऑपरेटर
परेशानी की वजह बना पीपीपी मोड पर बसों का परिचालन पटना :बीएसआरटीसी की रोड परमिट पर महज सात या दस फीसदी राजस्व चुका कर अपनी बसों का परिचालन करनेवाले प्राइवेट ऑपरेटर अनुबंध की शर्तों का लगातार उल्लंघन कर रहे हैं. मां शांति नामक एक एेसे बस को दो दिन पहले ओवरलोडिंग और बिना वैध कागजातों […]
परेशानी की वजह बना पीपीपी मोड पर बसों का परिचालन
पटना :बीएसआरटीसी की रोड परमिट पर महज सात या दस फीसदी राजस्व चुका कर अपनी बसों का परिचालन करनेवाले प्राइवेट ऑपरेटर अनुबंध की शर्तों का लगातार उल्लंघन कर रहे हैं.
मां शांति नामक एक एेसे बस को दो दिन पहले ओवरलोडिंग और बिना वैध कागजातों वाले इलेक्ट्रॉनिक सामान और दवाइयों की ढ़ुलाई के आरोप में मीटापुर बस स्टैंड से जब्त भी किया गया. यह पटना से रांची बीएसआरटीसी के रोड परमिट पर चलती थी. लेकिन एक बस के विरूद्ध परिवहन विभाग व कमर्शियल टैक्स की कार्रवाई से यह मामला सुलझने वाला नहीं है.
पूरे प्रदेश में इस समय पीपीपी मोड पर 200 बसों का परिचालन हो रहा है. केवल बांकीपुर डिविजन में ऐसे 70 बस चलते हैं. लांग रूट में चलने वाली ज्यादातर प्राइवेट बसें ओवरलोडिंग करती हैं, लेकिन उनके विरूद्ध कार्रवाई नहीं होती. जबकि कांट्रैक्ट की शर्तों के अनुसार उन्हें सामान ढ़ोने का बिल्कुल अधिकार नहीं है. वे केवल सीट पर पैसेंजर बिठा सकते हैं.
बीएसआरटीसी के अपनी बसों को 35 मन तक लगेज ढोने का अधिकार है. लेकिन वैद्य कागजात के आधार पर ही बुकिंग करने के कारण उन्हें ढ़ुलाई के लिए प्राय: सामान मिलते ही नहीं जबकि नियमों को ताक पर रख कर सामान बुक करने के कारण पीपीपी मोड पर बस चलाने वाले प्राइवेट ऑपरेटरों को इतना अधिक सामान मिलता है कि कई बार ओवरलोडिंग ही बसों के असंतुलित होकर दुर्घटनाग्रस्त होने का कारण बनती है.
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