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आईसीयू में खराब पड़ा है जीवनरक्षक पारा मीटर

मरीज व डॉक्टर दोनों परेशान, जूनियर डॉक्टरों ने सौंपा ज्ञापन पटना सिटी. नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के मेडिसिन विभाग में आईसीयू की जीवनरक्षक पारा मीटर का मॉनीटर खराब है. मॉनीटर का उपयोग कर आईसीयू में भर्ती मरीज के ब्लड प्रेशर, ऑक्सीजन के उपयोग की क्षमता व सांस लेने की क्षमता की जांच की जाती है. […]

मरीज व डॉक्टर दोनों परेशान, जूनियर डॉक्टरों ने सौंपा ज्ञापन
पटना सिटी. नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल के मेडिसिन विभाग में आईसीयू की जीवनरक्षक पारा मीटर का मॉनीटर खराब है. मॉनीटर का उपयोग कर आईसीयू में भर्ती मरीज के ब्लड प्रेशर, ऑक्सीजन के उपयोग की क्षमता व सांस लेने की क्षमता की जांच की जाती है.
आठ बेड की आईसीयू में चार मशीनें पहले से खराब थीं. अब दो और खराब हो गयी हैं. जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ रवि रंजन कुमार रमन ने बताया कि मशीन के अभाव की स्थिति यह है कि मेडिसिन विभाग में महज एक इसीजी मशीन है, जिस मशीन के सहारे आईसीयू व वार्ड दोनों में कार्य कराया जाता है. इको मशीन की सुविधा विभाग में नहीं है.
कुछ इसी तरह की स्थिति पल्स ऑक्सी मीटर व एबीजी मशीन की है. पल्स आक्सी मीटर खराब होने की स्थिति में मरीज का पल्स कितना है, यह पता नहीं चल पा रहा है. एबीजी मशीन से मरीज का तुरंत रक्त जांच कर परिणाम लिया जाता है. यह सुविधा भी नहीं मिल पा रही है.
मशीन की खराबी का यह सिलसिला अकेले मेडिसिन विभाग का नहीं, बल्कि सजर्री आईसीयू व शिशु रोग विभाग में संचालित नवजात शिशु गहन चिकित्सा ईकाई नीकू का भी है. यहां भी मशीनें खराब पड़ी हैं. इतना ही नहीं पोर्टेबल एक्सरे व अल्ट्रासाउंड की सुविधा भी विभाग में मरीजों को नहीं मिल पाती है. दोपहर एक बजे तक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में मरीजों को अल्ट्रासाउंड की सुविधा मिलती है. इसके बाद नहीं. हालांकि, मशीन भले ही सुचारु ढंग से कार्य नहीं कर रही है, लेकिन इसके बाद भी विभाग के चिकित्सक मरीज को भर्ती कर उपलब्ध संसाधन में उपचार कर रहे हैं.
अधीक्षक को ज्ञापन सौंप समस्या के समाधान की मांग की : मशीन की गड़बड़ी व संसाधन की कमी के कारण उपचार में हो रही परेशानी को देखते हुए शुक्रवार को जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन का शिष्टमंडल अस्पताल के अधीक्षक डॉ आनंद प्रसाद सिंह से मिल मांगों का ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन सौंपने वालों में अध्यक्ष डॉ रवि रंजन कुमार रमन, सचिव डॉ राहुल शेखर, डॉ रिजवान, डॉ रणविजय भारती, डॉ अरशद, डॉ पल्लवी, डॉ ममता, डॉ आशा ठाकुर व डॉ निर्मला कुमारी समेत अन्य थीं.
इन लोगों ने बताया कि मरीजों को बेहतर सुविधा मिल सके, इसके लिए विभाग में संसाधन मुहैया कराया जाये. अध्यक्ष ने बताया कि मशीन की कमी के कारण मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से हमेशा सवाल उठाये जाते हैं जिससे मशीन के अभाव में मान्यता पर खतरा बना रहता है.
बोले अधीक्षक : अस्पताल के अधीक्षक डॉ आनंद प्रसाद सिंह का कहना है कि खराब पड़े मशीन की गड़बड़ी को दूर करने की प्रक्रिया की जा रही है. मशीन की व्यवस्था के लिए बिहार मेडिकल सर्विसेज एंड इंफास्ट्रर कॉरपोरेशन लिमिटेड बीएमपसीएल को लिखा गया है.

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