पटना: बगैर वाहन देखे फिटनेस सर्टिफिकेट देने का काम बिहार सरकार द्वारा अधिकृत प्राइवेट सेंटर द्वारा धड़ल्ले से जारी है. वाहन फिट है या अनफिट इससे सेंटर को कोई मतलब नहीं है. केवल राशि लेकर सर्टिफिकेट जारी करना है. वह चाहे फिटनेस का हो या फिर प्रदूषण से संबंधित. सरकार द्वारा निर्धारित फीस से अधिक राशि लेकर सर्टिफिकेट जारी करने का काम होता है.
ऐसा ही वाहन जांच के दौरान अधिकारियों को मिला. नगर बस सेवा में चलने वाले दो सिटी राइड बस संख्या बीआर-1पी 6044 व बीआर-21पी 7215 की जांच करने पर बस जजर्र अवस्था में मिली. बस की स्थिति देख कर जब कागज देखा गया तो दोनों के पास फिटनेस सर्टिफिकेट मिला. गलत तरीके से कागज रखने के एवज में मोटर वाहन एक्ट के तहत बस को जब्त कर गांधी मैदान थाना में रखा गया.
प्राइवेट सेंटर से जारी था सर्टिफिकेट : दोनों बसों में बिहार सरकार द्वारा अधिकृत नारायणी मोटर फिटनेस सेंटर का सर्टिफिकेट मिला. गलत तरीके से जारी दोनों बस का फिटनेस एमवीआइ ने रद्द कर दिया. सर्टिफिकेट रद्द करने के बाद उक्त प्राइवेट सेंट पर कार्रवाई करने की अनुशंसा की गयी. आरटीए सचिव ईश्वर प्रसाद सिन्हा ने बताया कि गलत तरीके से फिटनेस सर्टिफिकेट जारी करने वाले सेंटर की जांच की जा रही है. जांच में निर्धारित मानक पूरा नहीं कर सर्टिफिकेट जारी किये जाने पर कार्रवाई होगी. सेंटर का लाइसेंस रद्द हो सकता है. पहले भी कई सेंटर का लाइसेंस का रद्द किया जा चुका है