Advertisement
साढ़े तीन वर्षों में बने 1.25 लाख तो आठ माह में कैसे बनेंगे 2.75 लाख शौचालय
कैसे खुले में शौचमुक्त होगा जिला पटना : जिला को ओडीएफ करना अभी भी दूर की कौड़ी है. तमाम प्रयास व हल्ला के बाद अभी हालात ऐसे हैं कि वर्ष 2014 के अक्तूबर से चल रहे खुले में शौच मुक्त अभियान में अब तक लगभग 30 फीसदी घरों को ही शौचालय का निर्माण किया जा […]
कैसे खुले में शौचमुक्त होगा जिला
पटना : जिला को ओडीएफ करना अभी भी दूर की कौड़ी है. तमाम प्रयास व हल्ला के बाद अभी हालात ऐसे हैं कि वर्ष 2014 के अक्तूबर से चल रहे खुले में शौच मुक्त अभियान में अब तक लगभग 30 फीसदी घरों को ही शौचालय का निर्माण किया जा सका है, जबकि 70 फीसदी घर अभी भी शौचालय विहीन हैं.
जानकारी के अनुसार वर्ष 2007 के हुए सर्वे को आधार बना कर जिला प्रशासन अनुमंडल से लेकर ग्राम व मुहल्ला स्तर पर ओडीएफ के लिए अभियान चला रहा है. इस सर्वे को आधार माना जाये जो उस समय चार लाख के लगभग घरों में शौचालय नहीं था. वहीं अब तक प्रशासन 1.25 लाख घरों में शौचालय बनाने का दावा कर रहा है. ऐसे में अभी भी 2.75 लाख घरों में शौचालय का निर्माण होना बाकी है. वहीं दूसरी तरफ प्रशासन ने इसी वर्ष दिसंबर तक पूरे जिले को ओडीएफ करने के लक्ष्य को लेकर चल रहा है. मात्र आठ माह में आंकड़ा कैसे पूरा होगा, इसका अंदाजा लग सकता है.
बीते माह देश भर में स्वतंत्रता से स्वच्छाग्रह अभियान चलाया गया था. इस आठ दिन के अभियान में जिला में 16 हजार से अधिक शौचालय बनाने का दावा किया गया, लेकिन बाद में प्रशासन ने प्रखंड स्तर पर आये शौचालय निर्माण के फाॅर्मों की जांच करायी, तो इसमें चार हजार फार्म पुराने निर्माण के निकले, यानी मात्र 12 हजार शौचालय का निर्माण किया जा सका है.
फिर से होगा सर्वे, वार रूम बनाकर होगा काम
प्रशासन अब तक कितने घरों में शौचालय नहीं बना है. इसका नया सर्वे करेगी. उप विकास आयुक्त आदित्य प्रकाश के अनुसार दस मई तक अभी बीडीओ से उनके क्षेत्र की रिपोर्ट मांगी गयी है. इसके बाद ओडीइपी बनाकर सभी ब्लॉक को शौचालय निर्माण का लक्ष्य दिया जायेगा.
डीडीसी बताते हैं कि सर्वे के बाद ऐसे घरों की संख्या घट जायेगी, जहां प्रशासन के पुराने सर्वे के आधार पर शौचालय नहीं होगा. उन्होंने बताया कि नये सर्वे के बाद नालंदा में 25 फीसदी व भोजपुर जिला में ये डाटा दस फीसदी तक घटा है.
अब हर स्तर पर निगरानी समिति
जिला में बीते वर्ष 16 करोड़ के शौचालय घोटाला के बाद अब हर स्तर पर निगरानी समिति बना दी गयी है. राज्य स्तर, जिला स्तर, प्रखंड स्तर, पंचायत स्तर के बाद वार्ड स्तर पर निगरानी समिति होगी. जिसके जांच के बाद ही किसी जगह को ओडीएफ घोषित किया जायेगा.
अभी तक एक भी अनुमंडल नहीं हुआ ओडीएफ
पूरे जिले को दो अक्तूबर 2018 तक खुले में शौच मुक्त करने के लक्ष्य पर काम किया जा रहा है. इस दिन अभियान के चार वर्ष पूरे हो रहे हैं, मगर वर्तमान स्थिति है कि अभी तक एक भी अनुमंडल या एक भी प्रखंड खुले में शौच मुक्त घोषित नहीं किया जा सका है. हाल यह है कि राजधानी में नगर निगम भी खुले में शौच मुक्त नहीं हो पायी है. कई बार गड़बड़ी पाये जाने के बाद जिन जगहों पर सभी घरों में शौचालय का निर्माण पूरा हो गया है, वहां भी प्रशासन ओडीएफ करने में अब हिचक रहा है.
मोकामा सहित 40 नये गांवों में पूरा हुआ है निर्माण
पटना जिले जनसंख्या 58 लाख 38 हजार 465 है. अब तक पटना जिला के 4354 वार्डों में से 951 वार्डों को कागज पर ओडीएफ घोषित किया जा चुका है, जबकि अब तक 3403 वार्डों को ओडीएफ घोषित नहीं किया जा सका है. डीडीसी बताते हैं कि ये आंकड़ा दो माह पुराना है. इस आंकड़े के बाद अब तक मोकामा सहित अन्य प्रखंडों के 40 नये गांवों में ओडीएफ का काम पूरा किया जा चुका है, लेकिन राज्य स्तर पर निरीक्षण व जांच अब तक पूरा नहीं किया जा सका है. इस लिए अभी नये वार्डों को ओडीएफ घोषित कराने में परेशानी हो रही है.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement