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ठनके से करीब आधा घंटा पहले अब मिल जायेगी जानकारी, बारिश के पहले काम करने लगेंगे ये उपकरण
पटना : राज्य के लोगों को वज्रपात व ठनका से बचाने के लिए इस बरसात से पहले नयी तकनीक काम करने लगेगी. इसके लिए राज्य में अलग-अलग जगह सेंसर लगाये जायेंगे, जिससे ठनका गिरने से करीब आधा घंटा पहले आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों को इसकी सूचना मिल जायेगी. यह सूचना वे संबंधित क्षेत्र के […]
पटना : राज्य के लोगों को वज्रपात व ठनका से बचाने के लिए इस बरसात से पहले नयी तकनीक काम करने लगेगी. इसके लिए राज्य में अलग-अलग जगह सेंसर लगाये जायेंगे, जिससे ठनका गिरने से करीब आधा घंटा पहले आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों को इसकी सूचना मिल जायेगी.
यह सूचना वे संबंधित क्षेत्र के लोगों तक अविलंब पहुंचा देंगे, जिससे समय रहते लोग अलर्ट हो जायेंगे और उनकी जान बच सकेगी. राज्य में कितने सेंसर कहां-कहां लगाये जायेंगे इसके सर्वेक्षण के लिए संबंधित एजेंसी का चयन करने के लिए टेंडर निकाले गये हैं.
बिहार में कुछ सालों से तेज आंधी और बारिश के चलते ज्यादा लोगों की जान नहीं जाती लेकिन ठनका गिरने से ज्यादा लोगों की मौत हो रही है. साल 2016 में करीब 60 लोगों और साल 2017 में करीब 28 लोगों की मौत ठनका गिरने से हो गयी थी.
इससे लोगों की जान बचाने के लिए राज्य में सेंसर ट्रैक प्रणाली लगायी जायेगी. इससे ठनका से होने वाले नुकसान से बचने में बहुत हद तक मदद मिल सकेगी. मौसम विभाग के पास अब तक इसके लिए कोई अलर्ट जारी करने की व्यवस्था नहीं है.
आंध्रप्रदेश में काम कर रही है प्रणाली
इस समय ठनका गिरने से पूर्व सूचना प्राप्त करने की प्रणाली आंध्रप्रदेश में काम कर रही है. वहां इस प्रणाली के लागू होने के बाद ठनका गिरने से होने वाली मौतों में बहुत कम हुई है. बिहार सरकार ने आपदा प्रबंधन विभाग के चार अधिकारियों को साल 2017 में ही वहां प्रशिक्षण के लिए भेजा था.
कैसे काम करेगी प्रणाली
आपदा प्रबंधन विभाग के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि ठनका का पूर्वानुमान प्राप्त करने के लिए सेंसर लगे टावर लगाये जायेंगे. इससे करीब 1000 किमी की गोलाई में किसी भी मौसमी हलचल की जानकारी करीब 40 मिनट पहले मिल जायेगी. इसके बाद संबंधित क्षेत्र के लोगों को एसएमएस और अन्य सूचना तकनीक से करीब आधा घंटा पहले अलर्ट जारी कर दिया जायेगा. इससे स्थानीय लोग अपना सुरक्षित ठिकाना ढूंढ़कर जानमाल की रक्षा कर सकेंगे.
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