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पटना : प्रदूषण व उसके निबटारे पर मंथन
सीयूएसबी में हुआ प्रदूषण निवारण पर विशेष आयोजन पटना : अगर हम सही समय पर नहीं जागे और पर्यावरण संरक्षण के लिए उचित कदम नहीं उठाते हैं तो तीसरा विश्वयुद्ध पानी के लिए हो सकता हैं. यह बात सीयूएसबी के पटना कैंपस के प्रोफेसर इंचार्ज प्रो अरुण कुमार सिन्हा ने बुधवार को दक्षिण बिहार केंद्रीय […]
सीयूएसबी में हुआ प्रदूषण निवारण पर विशेष आयोजन
पटना : अगर हम सही समय पर नहीं जागे और पर्यावरण संरक्षण के लिए उचित कदम नहीं उठाते हैं तो तीसरा विश्वयुद्ध पानी के लिए हो सकता हैं. यह बात सीयूएसबी के पटना कैंपस के प्रोफेसर इंचार्ज प्रो अरुण कुमार सिन्हा ने बुधवार को दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय में विश्व पृथ्वी दिवस के उपलक्ष्य में प्लास्टिक के प्रयोग से धरती परबढ़ रहे प्रदुषण एवं उसके निवारण के उपायों पर आयोजन कार्यक्रम के दौरान कही.विवि के सेंटर फॉर एनवायर्नमेंटल साइंसेज (ईवीएस) के अंतर्गत संचालित ईको क्लब ने विश्व पृथ्वी दिवस को विशेष रूप से मनाया, हालांकि विश्व पृथ्वी दिवस 22 अप्रैल को दुनिया भर में मनाया जाता है
परंतु रविवार होने की वजह से सीयूएसबी के ईको क्लब ने इसे बाद में मनाया. पृथ्वी दिवस समारोह में इस वर्ष के थीम प्लास्टिक लोड को कम करना और प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करने पर आधारित व्याख्यान, क्विज प्रतियोगिता एवं प्रेरणादायक भाषणों का आयोजन किया गया.
इससे पहले समारोह का औपचारिक उद्घाटन पटना कैंपस के प्रोफेसर इंचार्ज प्रो अरुण कुमार सिन्हा ने स्कुल ऑफ अर्थ, बायोलॉजिकल एंड एनवायर्नमेंटल साइंसेज के डीन प्रोफेसर आरएस राठौर, मीडिया विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ आतिश पराशर, ईवीएस के विभागाध्यक्ष डॉ राम कुमार, विभाग के अन्य प्राध्यापक डॉ एनएल देवी, डॉ प्रशांत एवं डॉ राजेश कुमार रंजन के साथ बड़ी संख्या में छात्रों की उपस्थिति में किया.
जंगली क्षेत्रों में आयी है कमी
प्रोफेसर सिन्हा ने पर्यावरण और पृथ्वी के साथ प्राकृतिक संसाधनों की दिन-ब-दिन बिगड़ती दुर्दशा एवं उनके संरक्षण के उपायों पर बल दिया. वहीं प्रोफेसर राठौर ने ईको क्लब के सदस्यों को कार्यक्रम आयोजित करने के लिए प्रशंसा करते हुए कहा कि प्रथम विश्व युद्ध के दौरान दुनिया के नक्शे के मुताबिक धरती का 50 % से 60% क्षेत्र जंगल से ढंका हुआ था, लेकिन अब उसमें 33 प्रतिशत की कमी आई है.
जो चिंता का विषय है. इस अवसर पर डॉ आतिश पराशर ने भी पर्यावरण संबंधी कई पहलुओं को साझा किया और ईको क्लब की प्रस्तावित वेबसाइट www.ecoclub.cusb.ac.in के अहम बिंदुओं को साझा किया. ईवीएस के विभागाध्यक्ष डॉ राम कुमार ने विश्व पृथ्वी दिवस के इतिहास को सभागार में उपस्थित छात्रों एवं प्राध्यापकों से साझा किया.
उन्होंने कहा कि विश्व पृथ्वी दिवस का आयोजन सबसे पहले 21 मार्च 1969 को धरती के संरक्षण के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए मनाया गया था, लेकिन बाद में इसकी तिथि में तबदीली की गई. डॉ कुमार ने छात्रों तथा प्राध्यापकों से रोजमर्रा की जिंदगी में प्लास्टिक के कम से कम प्रयोग करने के लिए प्रयास करने को कहा.
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