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बिहार : मार्च, 2019 तक तीन लाख लोगों को मिलेगा स्वच्छ पानी
मुख्यमंत्री पेयजल निश्चय योजना : आयरन प्रभावित इलाकों में लगेगी आयरन रिमूवल ट्रीटमेंट यूनिट पटना : ग्रामीण क्षेत्रों में आयरन दूषित पानी पीने को विवश लोगों को अगले साल मार्च तक शुद्ध पानी पीने को मिलेगा. आयरन दूषित इलाके में आयरन रिमूवल ट्रीटमेंट यूनिट लगा कर पाइप से घरों में शुद्ध पानी पहुंचाया जायेगा. इससे […]
मुख्यमंत्री पेयजल निश्चय योजना : आयरन प्रभावित इलाकों में लगेगी आयरन रिमूवल ट्रीटमेंट यूनिट
पटना : ग्रामीण क्षेत्रों में आयरन दूषित पानी पीने को विवश लोगों को अगले साल मार्च तक शुद्ध पानी पीने को मिलेगा. आयरन दूषित इलाके में आयरन रिमूवल ट्रीटमेंट यूनिट लगा कर पाइप से घरों में शुद्ध पानी पहुंचाया जायेगा. इससे लगभग तीन लाख लोगों को स्वच्छ पानी मिलेगा.
चार जिले कटिहार, किशनगंज, खगड़िया व मधेपुरा के आयरन दूषित 333 वार्डों में शुद्ध जलापूर्ति योजना पर काम होना है. इन योजनाओं पर लगभग 162 करोड़ खर्च होंगे. मुख्यमंत्री पेयजल निश्चय योजना के तहत हर घर नल का जल योजना में पाइप से घरों में पानी पहुंचाना है. जलापूर्ति योजना के तहत काम शुरू करने के लिए पीएचइडी ने प्रशासनिक स्वीकृति दे दी है.
333 वार्डों में जलापूर्ति योजना पर होना है काम
कटिहार, किशनगंज, खगड़िया व मधेपुरा के आयरन दूषित 333 वार्डों में जलापूर्ति योजना पर काम होना है. कटिहार के ब्लॉक प्राणपुर, मनसही व समली, खगड़िया के ब्लॉक अलौली, बेलदौर, चौथम, मानसी व परबत्ता, किशनगंज के ब्लॉक दिघलबैंक, पोठिया व ठाकुरगंज, मधेपुरा के ब्लॉक चौसा, कुमारखंड, मधेपुरा, मुरलीगंज व उदाकिशुनगंज के आयरन दूषित वार्डों में 359 जलापूर्ति योजना पर काम होगा. विभागीय सूत्र ने बताया कि पानी को शुद्ध कर पाइप से घरों में पहुंचाने के लिए जून के अंत तक काम शुरू होगा. विभाग द्वारा प्रभावित इलाके को चिह्नित कर योजना तैयार कर ली गयी है. अब सभी योजनाओं का टेंडर निकलेगा.
ई-निविदा के माध्यम से काम होगा. एक से डेढ़ माह में टेंडर प्रक्रिया पूरी कर एजेंसी के साथ काम का एग्रीमेंट होगा. योजना के तहत होनेवाले काम की गुणवत्ता सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी संबंधित कार्यपालक अभियंता की होगी.
पांच साल तक करना होगा रखरखाव
आयरन दूषित वाले इलाके में पानी को शुद्ध करने के लिए आयरन रिमूवल ट्रीटमेंट यूनिट लगाया जायेगा. शुद्ध पानी को पाइप से घरों में पहुंचाने का काम होगा. काम करनेवाली एजेंसी को निर्माण करने के साथ जलापूर्ति करना है. इसके बाद पांच साल तक उसका रखरखाव करना है. इसके लिए लगभग 162 करोड़ खर्च होंगे.
पीएचईडी मंत्री विनोद नारायण झा ने बताया कि अगले साल तक राज्य के आयरन प्रभावित इलाके में शुद्ध पानी पहुंचाना सरकार की प्राथमिकता है. इसके लिए फेज वाइज जलापूर्ति योजना पर काम हो रहा है. मुख्यमंत्री पेयजल निश्चय योजना के तहत घरों में शुद्ध पानी पहुंचाने का काम हो रहा है.
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