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साल-दर-साल बढ़ रही मरीजों की संख्या, नहीं बढ़े अस्पताल

सरकारी अस्पताल: सात साल में बढ़े मात्र 236 सरकारी स्वास्थ्य केंद्र, 10 लाख की आबादी पर महज 11 केंद्र पटना : सूबे में हाल के वर्षों में हेल्थ सेक्टर में काफी सुधार हुआ है. सुविधाएं बढ़ी है इसके बाद भी अभी बहुत कुछ करना है. सरकारी अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ी है, लेकिन उस […]

सरकारी अस्पताल: सात साल में बढ़े मात्र 236 सरकारी स्वास्थ्य केंद्र, 10 लाख की आबादी पर महज 11 केंद्र

पटना : सूबे में हाल के वर्षों में हेल्थ सेक्टर में काफी सुधार हुआ है. सुविधाएं बढ़ी है इसके बाद भी अभी बहुत कुछ करना है. सरकारी अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ी है, लेकिन उस हिसाब से अस्पताल नहीं बढ़ें. राज्य में अभी भी जरूरत के अनुसार सरकारी अस्पतालों की संख्या में काफी कमी है.

राज्य में प्रति 10 लाख की आबादी पर 11 स्वास्थ्य केंद्र है. पिछले सात साल में सरकारी स्तर पर मात्र 236 स्वास्थ्य केंद्र खुले. जबकि, निजी अस्पताल दनादन खुलते जा रहे हैं. नीतीश कुमार ने 2005 में जबसत्ता संभाली, तो सरकारी अस्पतालों में पहुंचने वाले मरीजों की संख्या 50 से भी कम थी. राज्य में सरकारी स्तर पर पिछले सात साल मेंकाफी कम संख्या में बड़े सरकारी अस्पताल खुले. हालांकि, सरकारी अस्पतालों में सुविधाएं बढ़ने, फ्री में दवा मिलने तथा व्यवस्था दुरुस्त होने से मरीजों के आने की संख्या काफी आगे बढ़ी.

अब तो हर महीने औसतन मरीजों के आने की संख्या 11,000 के करीब पहुंच गयी है. राज्य में पांच नये मेडिकल काॅलेज पाइपलाइन में हैं. सरकारी अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए राज्य के 533 पीएचसी में से 202 को 30 बेडों वाला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बनाने की योजना है.

जिला व रेफरल स्तर के अस्पतालों में कोई बढ़ोतरी नहीं
पिछले सात साल में राज्य में जिला, रेफरल व अनुमंडल स्तर के अस्पतालों में कोई बढ़ोतरीनहीं हुई. एक सरकारी दस्तावेज के अनुसार 2011 में राज्य में 36 जिला अस्पताल थे, 2017 में इनकी संख्या भी वहीं रही. यही हाल रेफरल और अनुमंडल स्तर के अस्पतालों का रहा. 2011 में राज्य में 70 रेफरल और 55 अनुमंडल अस्पताल थे आज भी इनकी संख्या जस-की-तस है. इन सात सालों में प्राथमिक स्वास्थ्य
केंद्रों की संख्या नहीं बढ़ी सिर्फ उप केंद्रों व अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की संख्याबढ़ी.
2011 में राज्य में 9696 स्वास्थ्य उपकेंद्र थे जिनकी संख्या 2017 में बढ़ कर 9949 हुई. इसी तरह अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों की संख्या 1330 से बढ़ कर 1366 हो गयी.
खगड़िया, पूर्णिया व मुजफ्फरपुर में सबसे अधिक मरीज आते हैं ओपीडी में
सरकारी अस्पतालों की ओपीडी में सबसे अधिक मरीज खगड़िया, पूर्णिया व मुजफ्फरपुर जिले में आते हैं. इन जिलों में क्रमश : 555, 503 व 497 मरीज रोजाना ओपीडी में आते हैं. जबकि, शिवहर में 135, नवादा में 171 और जमुई में 179. राज्य में औसतन एक दिन में ओपीडी में 335 मरीज आते हैं, जबकि 57 मरीज भरती होते हैं. 2015-16 में यह संख्या 84 थी. इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि निजी अस्पतालों में मरीज भर्ती हो रहे हैं.
बढ़ायी जा रही आधारभूत संरचना
राज्य में चिकित्सा क्षेत्र में आधारभूत संरचनाएं बढ़ायी जा रही है. अस्पतालों में बेडों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है. दवा और मेडिकल उपकरणों को बढ़ाया जा रहा है. सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को बढ़ने और दुरुस्त करने में लगी है.
मंगल पांडेय, स्वास्थ्य मंत्री

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