पटना: राजद प्रमुख लालू प्रसाद के खिलाफ सबूत नहीं होने पर भी सीबीआई द्वारा भ्रष्टाचार के मामले में प्राथमिकी दर्ज किये जाने से संबंधित मीडिया में आयी खबरों को लेकर राजद सदस्यों के हंगामे और नारेबाजी के कारण बिहार विधानमंडल की कार्यवाही आज पूरे दिन के लिए स्थगित करनी पड़ी. बिहार विधानसभा की आज की कार्यवाही शुरू होने पर प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के नेतृत्व में राजद सदस्यों ने अपनी सीटों से खड़े होकर एक अंग्रेजी दैनिक में उक्त आशय की छपी खबर की प्रति हाथ में लेकर लहराते हुए आरोप लगाया कि इस रिपोर्ट से यह साबित हो गया है कि राजनैतिक साजिश के तहत लालू प्रसाद को उक्त मामले में फंसाया गया है और केंद्र की राजग सरकार के इशारे पर जांच एजेंसी काम कर रही है.
अखबार में छपी एक रिपोर्ट के अनुसार सीबीआई के लीगल विंग के विरोध के बावजूद पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद को होटल के बदले भूखंड मामले में फंसाया गया. बिहार विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार चौधरी ने विपक्षी सदस्यों से अपनी अपनी सीट पर बैठने और इस मुद्दे को शून्यकाल में उठाने का आग्रह किया. संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार ने भी कहा कि अगर विपक्ष सदन की कार्यवाही को बाधित नहीं करता है तो सरकार उनके हर प्रश्न का जवाब देगी. श्रवण के इस कथन के बाद भी राजद सदस्यों के शांत नहीं होने और नारेबाजी शुरू कर देने पर अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही भोजनावकाश तक के लिए स्थगित कर दी.
बिहार विधानसभा की कार्यवाही भोजनावकाश के बाद शुरू होने पर भी राजद सदस्य भाई विरेंद्र द्वारा उक्त मामले को फिर से उठाये जाने पर श्रवण ने कहा कि यह मामला केंद्रीय एजेंसी से जुड़ा है न कि इस सदन से, राजद सदस्य भड़क गये और सदन के बीचों बीच आकर उन्होंने नारेबाजी शुरू कर दी. विपक्षी सदस्यों के सदन में करीब दस मिनट तक हंगामा और नारेबाजी जारी रखने तथा अपनी-अपनी सीट पर नहीं लौटने पर अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी. बिहार विधान परिषद में भी आज इस मुद्दे को लेकर राजद सदस्यों के हंगामा करने और सदन के बीचों बीच आकर नारेबाजी करने के कारण सदन की कार्यवाही सुचारु रूप से नहीं चल पाने पर कार्यकारी सभापति हारूण रशीद को सदन की कार्यवाही भोजनावकाश के पूर्व और उसके बाद भी स्थगित करनी पड़ी.
बिहार विधानसभा परिसर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा कि अखबार की उक्त रिपोर्ट हमारे उस आरोप की कि भ्रष्टाचार के नाम पर लालू प्रसाद और उनके समर्थकों को फंसाया जा रहा है ,सही साबित हुआ है. उन्होंने आरोप लगाया कि तथाकथित होटल के बदले भूखंड मामले में बिना किसी अनियमितता के प्राथमिकी दर्ज किया जाना परिलक्षित करता है कि जांच एजेंसी राजनीतिक दबाव में काम कर रही है. तेजस्वी ने कहा कि विपक्ष का यह अधिकार और कर्तव्य है कि वह सरकार की विफलता को उजागर करे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जवाब देना चाहिए कि चारा घोटाला से जुड़े एक मामले में संलिप्तता के बावजूद प्रदेश के मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह का सेवा विस्तार क्यों किया गया तथा करोड़ों रूपये के सृजन घोटाला मामले में उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी के एक रिश्तेदार का नाम आने पर भी उनके खिलाफ इस मामले में अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गयी है.
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