पटना: किसी भी ऑटो पर ड्राइवर के बगल में बच्चे को नहीं बैठाया जायेगा. छोटे ऑटो में तीन और बड़े ऑटो में छह बच्चों से अधिक नहीं बैठेंगे. ऑटो और वैन में उस स्कूल का नाम लिखा रहेगा, जिसके बच्चे ऑटो में बैठे रहेंगे. उक्त वैन पर स्कूल का टेलीफोन नंबर भी लिखे जायेंगे.
नौ अप्रैल, 2012 को यह नियम पटना ट्रैफिक पुलिस की ओर से लागू किया गया था. इस संबंध में तमाम स्कूलों को नोटिस भी दिया गया था. स्कूल प्रशासन और ऑटो एसोसिएशन की ओर से घाटा होने की बात कह कर किराये में बढ़ोतरी कर दी गयी. इसके बावजूद ऑटो और वैन में बच्चे क्षमता से अधिक बच्चे बैठाये जा रहे हैं. ट्रैफिक पुलिस के सारे नियम ताक पर हैं. ट्रैफिक पुलिस के नियम बनाने के बाद स्कूल ऑटो व वैन के किराये को डबल कर दिया गया. हर ऑटोवाले ने यह दलील दी कि अगर किराया नहीं बढ़ाया जायेगा, तो ऑटो चलाना मुश्किल हो जायेगा. लेकिन आज भी बच्चे आलू-प्याज के बोरे की तरह ऑटो में लदे रहते हैं.
स्कूली वाहनों पर ये जानकारी जरूरी
स्कूल का नाम
बसों का रजिस्ट्रेशन नंबर
ड्राइवर का नाम व फोन नंबर
फस्र्ट एड की सुविधा
पेयजल की समुचित व्यवस्था
स्कूल का फोन नंबर
पुलिस एडमिनिस्ट्रेशन व संबंधित थाने का फोन नंबर
आठ सौ से बढ़ा कर 1500 किया किराया
भूतनाथ रोड स्थित राज अपार्टमेंट की अंजलि गुप्ता कहती हैं कि उनकी बेटी माउंट कार्मेल हाइस्कूल में छठी में पढ़ती है. पहले ऑटोवाले आठ सौ रुपये लेते थे और अब 1500 रुपये ले रहे हैं. तीन सीटोंवाले इस ऑटो में छह बच्चे बैठते हैं. उधर, ट्रैफिक डीएसपी एनएम झा ने कहा कि अभिभावकों में अभी अवेयरनेस नहीं आया है.