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कमजोरी के डर से लोग नहीं कर रहे रक्तदान, ब्लड बैंकों में खून की कमी

पटना : पीएमसीएच सहित शहर के सभी ब्लड बैंकों में एक बार फिर खून की कमी हो गयी है. नतीजा मरीज व उनके परिजनों की परेशानी बढ़ गयी है. आये दिन मरीज रक्त की कमी को लेकर एक से दूसरे ब्लड बैंकों का चक्कर लगाते दिख जाते हैं. उनकी इस परेशानी का फायदा दलाल या […]

पटना : पीएमसीएच सहित शहर के सभी ब्लड बैंकों में एक बार फिर खून की कमी हो गयी है. नतीजा मरीज व उनके परिजनों की परेशानी बढ़ गयी है. आये दिन मरीज रक्त की कमी को लेकर एक से दूसरे ब्लड बैंकों का चक्कर लगाते दिख जाते हैं. उनकी इस परेशानी का फायदा दलाल या फिर अवैध रूप से निजी ब्लड बैंक चलाने वाले लोग उठाते हैं.

शहर के ब्लड बैंकों में खून की कमी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सूबे के ब्लड बैंकों को हर साल 12़ 5 लाख यूनिट ब्लड की जरूरत पड़ती है, लेकिन पर्याप्त डोनर के अभाव में उनको मात्र 2़ 5 लाख यूनिट ही रक्त उपलब्ध हो पाता है. इससे जिन मरीजों को अचानक जरूरत पड़ती है, उन्हें काफी परेशानी होती है.

शहर के ब्लड बैंक
पीएमसीएच ब्लड बैंक
जय प्रभा ब्लड बैंक
रेड क्राॅस ब्लड बैंक
आईजीआईएमएस ब्लड बैंक यूनिट
पारस अस्पताल ब्लड बैंक
महावीर कैंसर अस्पताल ब्लड बैंक
महावीर वात्सल्य अस्पताल ब्लड यूनिट
पीएमसीएच में स्टॉक
ए पॉजिटिव 56 यूनिट
बी पॉजिटिव 123 यूनिट
ओ पॉजिटिव 82 यूनिट
एबी पॉजिटिव 47 यूनिट
बी निगेटिव 34 यूनिट
84% लोग डोनर पर निर्भर
ब्लड बैंक पर काम कर रही एक मान्यता प्राप्त संस्था की सर्वे रिपोर्ट से पता चला है कि पूरे बिहार में महज 16 प्रतिशत लोगों को ही ब्लड बैंकों से खून मिल पाता है. 84 प्रतिशत ऐसे लोग हैं जो आज भी डोनर पर निर्भर हैं. अगर मरीज की हालत गंभीर हो और अधिक यूनिट ब्लड चाहिए, तो स्थिति काफी खराब हो जाती है. पीएमसीएच, आईजीआईएमएस आदि अस्पतालों में आये दिन खून की कमी के कारण मरीजों की मौत के मामले सामने आ रहे हैं. रक्तदान से कमजोरी आदि की भ्रांतियों के चलते यह समस्या अधिक विकराल होती जा रही है.
कमजोरी का सता रहा है डर
ब्लड बैंक के अधिकारियों की मानें, तो ब्लड बैंकों में खून की कमी का सबसे बड़ा कारण लोगों में जागरूकता की कमी है. 70 प्रतिशत ऐसे लोग हैं, जिनको ब्लड देने के बाद कमजोरी का डर सताता है. कई भ्रांतियों के कारण लोग रक्तदान करने से पीछे हट जाते हैं. नतीजा ब्लड बैंकों को खून की कमी हो जाती है.
बड़े अस्पतालों में है खून की कमी
पीएमसीएच हो या फिर आईजीआईएमएस का ब्लड बैंक यहां खून की कमी आये दिन देखने को मिलती है. पीएमसीएच में इलाज कराने वाले 100 में सिर्फ 60 ही ऐसे मरीज ऐसे होते हैं, जिनको समय पर ब्लड बैंक से खून मिल पाता है. बाकी 40 मरीजों को प्राइवेट ब्लड बैंकों का सहारा लेना पड़ रहा है.
रक्तदान कैंप पर निर्भरता
जब तक लोगों में ब्लड डोनेट करने को लेकर जागरूकता नहीं आयेगी, तब तक लोगों की आवश्यकता सही मायने में पूरी नहीं हो पायेगी. बैंक में ब्लड जमा करने का एक मात्र साधन रक्तदान शिविर है. पूरा बैंक रक्तदान कैंप पर ही आश्रित है. वहीं अस्पतालों में जरूरत के अनुसार ब्लड मुहैया करायी जा रही है. लोग अधिक-से-अधिक ब्लड डोनेट करें.
डॉ एनके गुप्ता, उप प्रबंधक हेल्थ एड्स कंट्रोल सोसाइटी.

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