पटना : अपने दस दिवसीय दौरे पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत बिहार पहुंच चुके हैं. यहां से वह बिहार के विभिन्न जिलों में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेने के लिए रवाना होंगे और 15 फरवरी को बिहार से वापस लौटेंगे. इस बीच उनके आगमन से पहले ही राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गयी है. राजद के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी ने संघ को लेकर सुशील मोदी के दिये गये बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि सुशील मोदी कहते हैं संघ को समझना बहुत कठिन है, लेकिन मुझे ऐसा नहीं लगता है.
शिवानंद तिवारी ने कहा कि गोलवरकर जी से लेकर संघ के पुराने और निष्ठावान कार्यकर्ता ही संघ का मकसद सार्वजनिक रूप से बयान करते रहते हैं. उन्होंने कहा कि समय-समय पर सब के सब देश के संविधान को नकारते रहे हैं. इसे बदलने की बात करते रहते हैं. लेकिन बाबा साहब अंबेडकर के संविधान ने हमें वोट का अधिकार दिया है. दलितों,आदिवासियों को आरक्षण का अधिकार दिया है. यह संविधान भारत में जन्म लेने वाले प्रत्येक नागरिक बराबरी का अधिकार देता है. हम इन अधिकारों को खोना नहीं चाहते हैं.
उन्होंने आरएसएस के सिद्धांत को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि संघ के लिए आदर्श संविधान का आधार मनु स्मृति है. शिवानंद तिवारी ने कहा कि एक समय था जब मनु स्मृति के आधार पर समाज का संचालन होता था. उस समय समाज का बड़ा हिस्सा मानवीय गरिमा से वंचित था. हम फिर से उस पुराने दिनों को वापस नहीं आने देना चाहते हैं. इसलिए संघ की विचारधारा का विरोध करना और इसकी मंशा से देश को सावधान करते रहना हमारा राजनीतिक दायित्व है. वह हम कर रहे हैं. इससे पूर्व तेजस्वी यादव ने मोहन भागवत के दो दिवसीय बिहार दौरे को लेकर कहा था कि भागवत समय से पूर्व विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव की तैयारियों के लिए बिहार का दौरा कर रहे हैं.
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