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बिहार : आज से राज्य में लागू हो गया नया ई-वे बिल, 50 हजार से ज्यादा के माल पर लगेगा यह बिल

माल के परिचालन में आ रही तमाम समस्याएं होंगी खत्म वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने मुख्य सचिवालय में की इस व्यवस्था की शुरुआत पटना : राज्य में अब माल या सभी तरह के सामानों के परिचालन में आ रही तमाम समस्या खत्म होगी. वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने मुख्य सचिवालय स्थित सभागार में […]

माल के परिचालन में आ रही तमाम समस्याएं होंगी खत्म
वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने मुख्य सचिवालय में की इस व्यवस्था की शुरुआत
पटना : राज्य में अब माल या सभी तरह के सामानों के परिचालन में आ रही तमाम समस्या खत्म होगी. वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने मुख्य सचिवालय स्थित सभागार में राष्ट्रीय ई-वे बिल प्रणाली की शुरुआत की. इस मौके पर उन्होंने कहा कि इस नयी व्यवस्था के बहाल होने के बाद अब 50 हजार रुपये से अधिक मूल्य के माल के अंतरराज्यीय परिवहन और राज्य के अंदर दो लाख से ज्यादा के मालों या सभी तरह के सामानों के परिवहन पर इस ई-वे बिल की जरूरत पड़ेगी. बिना इस बिल के सामानों का परिचालन नहीं किया जा सके.
अलग-अलग राज्यों में माल के परिवहन के लिए अब अलग से ट्रांजिट पास की जरूरत नहीं पड़ेगी. यहां से ही ई-वे बिल को जारी करके दूसरे राज्यों में भी माल को ले जाने की सुविधा मिल सकेगी. उन्होंने कहा कि इस चालान की व्यवस्था लागू होने के बाद वाणिज्य कर विभाग के अधिकारी माल लदे वाहनों की जांच तो कर सकेंगे, लेकिन इसके नाम पर किसी भी वाहन को 30 मिनट से ज्यादा नहीं रोक सकेंगे.
डिप्टी सीएम ने राज्य में वाणिज्य कर संग्रह में आ रही गिरावट पर बड़ी चिंता जाहिर करते हुए कहा कि चालू वित्तीय वर्ष में कर संग्रह का टारगेट पाने के लिए हर तरह से प्रयास करने की जरूरत है. कारोबारियों और परिवहन मालिकों से राजस्व संग्रह में सहयोग करने की अपील करते हुए कहा कि ई-वे बिल को जेनरेट करना बेहद ही सरल है.
इससे पहले राज्य में ‘सुविधा’ नाम से चालान प्रणाली की व्यवस्था लागू है, जिसमें रोड परमिट लेने के लिए 26 तरह की सूचना देनी पड़ती थी. जबकि राष्ट्रीय ई-वे बिल के अंतर्गत सिर्फ नौ तरह की ही सूचना देनी होगी. पेट्रोलियम उत्पाद जो जीएसटी से बाहर के परिवहन के लिए ई-वे बिल की जरूरत नहीं होगी. पहले यह व्यवस्था 1 अप्रैल से लागू होने वाली थी, लेकिन जीएसटी लागू होने के बाद देश के सभी चेक पोस्ट समाप्त कर देने बिना टैक्स चुकाये मालों की आवाजाही शुरू हो गयी थी. इससे राज्य के राजस्व संग्रह में नुकसान हो रहा था.
इसके मद्देनजर जीएसटी कॉउंसिल ने 1 फरवरी से ही ई-वे बिल प्रणाली को लागू करने का निर्णय लिया गया है. प्रयोग के तौर पर इसे कर्नाटक में सितंबर महीने से ही लागू कर दिया गया था. यह काफी सफल रहा. इसके बाद इसे पूरे देश में लागू किया जा रहा है.

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