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बिहार : इंटर-मैट्रिक परीक्षा के एडमिट कार्ड में गलतियों की भरमार, छात्र को बनाया छात्रा

पटना : नाम अमन, पर लिंग से छात्रा. नाम नेहा, पर लिंग से छात्र. ऐसी कई गलतियां इस साल होनेवाली मैट्रिक और इंटर वार्षिक परीक्षा के एडमिट कार्ड में मिल रही है. इन गलतियों से परेशान परीक्षार्थी कभी स्कूल, तो कभी बोर्ड कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं. अमन और नेहा अकेले नहीं, जिनके एडमिट […]

पटना : नाम अमन, पर लिंग से छात्रा. नाम नेहा, पर लिंग से छात्र. ऐसी कई गलतियां इस साल होनेवाली मैट्रिक और इंटर वार्षिक परीक्षा के एडमिट कार्ड में मिल रही है. इन गलतियों से परेशान परीक्षार्थी कभी स्कूल, तो कभी बोर्ड कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं.
अमन और नेहा अकेले नहीं, जिनके एडमिट कार्ड में लिंग व नाम में गलतियां है. ऐसे छात्रों की संख्या हजारों में हैं, जो परीक्षा की तैयारी छोड़ एडमिट कार्ड में सुधार कराने के लिए दौड़ लगा रहे हैं. इधर, इंटर की परीक्षा छह से अौर मैट्रिक की परीक्षा 21 फरवरी से होनी है. वहीं, 25 जनवरी तक इंटर की प्रायोगिक परीक्षाएं भी ली जा रही है. ऐसे में बोर्ड के परीक्षार्थी प्रैक्टिकल परीक्षा दे या फिर गलतियों में सुधार करवायें.
एक्स स्टूडेंट के एडमिट कार्ड में अधिक गलतियां : वैसे स्टूडेंट्स जिनका रजिस्ट्रेशन 2016 का है या फिर ऐसे छात्र जो बीते वर्ष परीक्षा में शामिल हुए थे. पर किसी कारणवश पूरी परीक्षा नहीं दे पाये. वैसे परीक्षार्थियों के एडमिट कार्ड में अधिक गलतियां पायी जा रही हैं. क्योंकि, बोर्ड द्वारा जारी पोर्टल नहीं खुलने से परेशानी हो रही है. वहीं, रेगुलर स्टूडेंट के एडमिट कार्ड में सुधार करने के लिए पोर्टल तो खुल रहे हैं, पर सुधार करने के बाद भी उनके एडमिट कार्ड में गलतियां रह जा रही है. इससे छात्र-छात्राएं परेशान हैं.
सुधार के बाद भी गलती
बिहार विद्यालय परीक्षा समिति की ओर से नवंबर से ही पोर्टल के जरिये ऑनलाइन एडमिट कार्ड की गलतियों में सुधार किया जा रहा है. बावजूद इसके एडमिट कार्ड में सुधार नहीं हो पा रहा है.
स्कूल की मानें, तो बिहार बोर्ड की ओर से जारी डमी एडमिट कार्ड में बच्चों के नाम, लिंग, पिता के नाम और कोटि में कई प्रकार की गलतियां थी. इसमें काफी हद तक सुधार कर लिया गया है, पर अब भी कई छात्रों के एडमिट कार्ड में नाम और लिंग में गड़बड़ी है. ऑनलाइन सुधार करने के बाद भी जब उसे दोबारा चेक किया जा रहा है, तो उसमें सुधार नहीं हो पा रहा है.
दो-दो एडमिट कार्ड से बढ़ी परेशानी
स्कूल की मानें, तो बिहार विद्यालय परीक्षा समिति द्वारा पहली बार दो-दो एडमिट कार्ड जारी किये गये हैं. इसमें एक एडमिट कार्ड प्रैक्टिकल परीक्षा को लेकर, तो दूसरा फाइनल बोर्ड परीक्षा को लेकर जारी किया गया है. पहले तो बिहार बोर्ड द्वारा जारी प्रैक्टिकल एडमिट कार्ड की गलतियों में सुधार किया गया. अब बिहार विद्यालय परीक्षा समिति परीक्षा के एडमिट कार्ड में सुधार किया जा रहा है. ऐसे में बोर्ड द्वारा समिति पर अपलोड एडमिट कार्ड में सुधार के ऑप्शन के बाद भी उसमें सुधार नहीं हो पा रहा है.
यहां है पेच
– बोर्ड द्वारा पहली बार रजिस्ट्रेशन कराने से लेकर परीक्षा फाॅर्म भरने में ऑनलाइन प्रक्रिया अपनायी गयी
– ज्यादातर विद्यालयों के पास कंप्यूटर की सुविधा नहीं, कंप्यूटर के जानकार शिक्षकों की भारी कमी
– वसुधा केंद्रों से परीक्षा फाॅर्म भरवाएं जाने, केंद्राें पर परीक्षा फाॅर्म भरने के दौरान 700-800 परीक्षार्थियों के नाम और लिंग
– फाॅर्म भरने के दौरान लिंग, नाम, कोटि आदि में गलतियों में सुधार नहीं करना.
50% केंद्रों पर एक ही स्कूल के परीक्षक- छात्र
पटना : इसे विडंबनाओं की परीक्षा ही कही जायेगी कि केंद्रों का अब भी वही हाल है, जहां परीक्षक व छात्र एक ही विद्यालय के होते हैं. इन दिनों बिहार बोर्ड की ओर से इंटर की प्रैक्टिकल परीक्षाओं में कुछ ऐसा ही चल रहा है.
ड्यूटी में लगे एक्सटर्नल शिक्षक उसी विद्यालय के हैं, जिस विद्यालय के बच्चे परीक्षा दे रहे हैं. इस वजह से बिहार बोर्ड की फर्जीवाड़े रोकने के दावे की पोल खुल जाती है. बीएन कॉलेजिएट, पटना कॉलेजिएट, मुस्लिम हाईस्कूल समेत 50% सेंटरों पर परीक्षार्थी व परीक्षक एक ही स्कूल के हैं.

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