पटना: शिशु मृत्यु दर कम करने के लिए पटना जिले के सरकारी अस्पतालों को एक-दूसरे से जोड़ा जा रहा है. इसके लिए हॉटलाइन व्यवस्था शुरू की गयी है. इस व्यवस्था से पीएचसी में प्रसव के बाद नवजात को परेशानी होने पर उसे बेहतर जगह रेफर किया जा सकेगा.
ऐसा करने से मां व बच्चे दोनों को सुरक्षा मिलेगी. हॉटलाइन सेवा के तहत गंभीर रूप से बीमार बच्चे को रेफर करने से पहले वहां के चिकित्सक को बच्चे की बीमारी का ब्योरा दिया जाता है. इससे फायदा होगा कि बच्चे के पहुंचने से पहले इलाज संबंधित सुविधाएं वहां होंगी. व्यवस्था को पटना जिला के सभी अस्पतालों में बेहतर ढंग से लागू करने के लिए सिविल सजर्न ने खुद मॉनीटरिंग का जिम्मा लिया है. चिकित्सकों व नर्सो के बीच जागरूकता कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है, ताकि किसे क्या करना है. इसकी पूरी जानकारी हो सके.
पीएमसीएच इमरजेंसी का सीसीयू चार माह से बंद
पीएमसीएच इमरजेंसी में चार माह से छह बेडों का सीसीयू बंद है. इमरजेंसी इंचार्ज डॉ सीएम झा ने बताया कि चार माह पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सीसीयू में वायरिंग को अंडर ग्राउंड कराने का निर्देश दिया था. निर्देश मिलने के बाद अस्पताल प्रशासन ने मेडिकल सीसीयू में काम शुरू किया, लेकिन काम पूरा नहीं हुआ. दूसरी ओर इमरजेंसी को सेंट्रलाइज एसी बनाने का काम भी लंबे समय से अधूरा है. पीएमसीएच प्राचार्य डॉ अमर कांत झा अमर ने बताया कि इस काम के लिए बिजली विभाग से बात हुई है. काम को दो-चार दिन में पूरा करने का आश्वासन मिला है.