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बिहार के सभी गांवों तक पहुंची बिजली, दिसंबर 2018 तक हर घर होगा रोशन

पटना :बिहार हर सभी गांवों तक बिजली पहुंच गयी है. ऐसा कोई रेवेन्यू विलेज नहीं बचा जहां तक बिजली नहीं पहुंची है. अप्रैल तक हर टोले और बसावटों तक बिजली पहुंचा दी जायेगी और दिसंबर 2018 तक हर घर में बिजली कनेक्शन दे दिया जायेगा. इसकी घोषणा बुधवार को बिहार पावर होल्डिंग कंपनी के समारोह […]

पटना :बिहार हर सभी गांवों तक बिजली पहुंच गयी है. ऐसा कोई रेवेन्यू विलेज नहीं बचा जहां तक बिजली नहीं पहुंची है. अप्रैल तक हर टोले और बसावटों तक बिजली पहुंचा दी जायेगी और दिसंबर 2018 तक हर घर में बिजली कनेक्शन दे दिया जायेगा. इसकी घोषणा बुधवार को बिहार पावर होल्डिंग कंपनी के समारोह में की गयी. अधिवेशन भवन में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि अप्रैल तक बचे 21,890 टोलों में बिजली पहुंच जाये और दिसंबर तक हर इच्छुक व्यक्ति को बिजली का कनेक्शन दे दिया जाये. उन्होंने कहा कि वह किसी घोषणा को स्लोगन के तौर पर इस्तेमाल नहीं करते हैं. जो कहा है उसे करके दिखाया है. इसलिए बसावटों तक बिजली पहुंचाने का काम हो या फिर हर घर तक बिजली पहुंचाने का, तय समय सीमा पर उसे पूरा कर लिया जाये. उन्होंने ऊर्जा क्षेत्र की 3030.52 करोड़ रुपये की योजनाओं का शिलान्यास, उद्घाटन और लोकार्पण भी किया.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि ऊर्जा के क्षेत्र में बिहार में लगातार प्रयास और बेहतरी के लिए काम किया गया है. बिहार के लोगों को उम्मीद नहीं थी कि छोटे शहरों और गांवों में बिजली आयेगी. पटना समेत बड़े शहरों में तो 24 घंटा बिजली रहना एक सपना था, लेकिन लोगों के मन से अब सब कुछ मिट चुका है. प्रदेश में बिजली की उपलब्धता बढ़ी है. चौसा व नवीनगर में काम शुरू हो गया है. कजरा और पीरपैंती में सोलर प्लांट से बिजली पहुंचाने की तैयारी चल रही है. इससे बिजली उत्पादन के क्षेत्र में कोई समस्या नहीं रहेगी. राज्य सरकार एनटीपीसी के साथ-साथ निजी क्षेत्रों से बिजली खरीद रही है. इससे बिजली की चिंता किसी को नहीं करनी पड़ेगी. उन्होंने कहा कि बिहार में सात निश्चय शुरू हुआ और हर घर बिजली पहुंचाने का काम किया जा रहा है. इसी के तर्ज पर केंद्र सरकार ने सौभाग्य योजना शुरू की है और इसके लिए 1800 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया है. इससे राज्य सरकार का कुछ पैसा बच जायेगा, जो दूसरी जगह पर खर्च की जा सकती है. मुख्यमंत्री ने बिजली कंपनी से चुटकी लेते हुए कहा कि कागज में मई तक सभी बसावटों तक बिजली पहुंचाने की बात कर रहे हैं अौर कह अप्रैल तक ही रहे हैं. इसलिए जो कहें, उसे ससमय पूरा करें. उन्होंने कहा कि जो शिलान्यास उनसे कराये उसे भी समय पर पूरा करवायें. मुख्यमंत्री ने हर गांव में बिजली पहुंच गयी और अब हर बसावट तक बिजली पहुंचानी है. इसके लिए बिजली कंपनी हर पोल पर एक-एक बोर्ड भी लगवाये, जिसमें पुलिस का नंबर हो. इसमें लिखा हो कि शराब का धंधा करने वाले लोगों की सूचना दें, ताकि उस पर कार्रवाई हो सके.

आबादी व जरूरत के हिसाब से बन रहे पावर सब स्टेशन

मुख्यमंत्री ने कहा कि पावर ग्रिड और पावर सब स्टेशन से ट्रासमिशन अौर डिस्ट्रीब्यूशन की क्षमता बढ़ेगी. हर प्रखंड में एक पावर सब स्टेशन बनाने का निर्णय है, लेकिन कई प्रखंड में पांच-छह पंचायत तो कई में 30 से ज्यादा पंचायत भी हैं. ऐसे में आबादी व जरूरत के हिसाब से पावर सब स्टेशन का निर्माण होना चाहिए. उन्होंने ने कहा कि कहीं भी बिजली पहुंचाना बहुत ही कठिन काम है. इसके लिए पूरा नेटवर्क चाहिए. पावर सब स्टेशन बनने से बिजली की समस्या दूर होगी. उन्होंने कहा कि प्रकाश पर्व व शुकराना पर्व पर बिजली नहीं गयी. ये बड़ी बात है, लेकिन 1, अणे मार्ग की बिजली कभी-कभी जाती रहती है.

समय पर दें बिल, उसका भुगतान होगा तो कम हो जायेगा घाटा

सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि बिजली कंपनी समय पर बिजली बिल उपलब्ध करा देगी और उसका भुगतान हो जायेगा तो खुद-ब-खुद घाटा कम हो जायेगा. इससे पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी घाटे की कंपनी नहीं, बल्कि लाभ की कंपनी हो जायेगी. इससे बिजली के क्षेत्र में और प्रगति होगी. बिजली बिल के बिलिंग की गड़बड़ी दूर होनी चाहिए. स्पॉट बिलिंग शुरू की गयी है. इससे चीजें बेहतर होंगी. उन्होंने कहा लोक शिकायत निवारण अधिकार कानून में दो लाख से ज्यादा शिकायतों का निबटारा किया गया. इसमें करीब 15 हजार शिकायतें बिलिंग से संबंधित थी. एक बल्ब जलाने वाले का महीने का बिल 15 हजार आ जा रहा था. सभी का निबटारा किया गया.

बिजली सब्सिडी कब तय हुआ किसी को पता नहीं

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिजली बिल में सब्सिडी देने की घोषणा कब की गयी किसी को पता नहीं है. बिजली बोर्ड में इसका पता भी लगवाया गया, लेकिन कुछ पता नहीं चला. उन्होंने ही जीरो सब्सिडी पर विद्युत विनियामक आयोग को बिजली दर निर्धारित करने का सुझाव दिया था. सरकार सब्सिडी देगी, लेकिन लोगों को यह पता रहना चाहिए कि वे जितनी बिजली खर्च कर रहे हैं उसके लिए उन्हें कितनी और सरकार को कितनी राशि देनी पड़ रही है. वहीं, बिजली कंपनियों को भी पता होना चाहिए कि बिल की वसूली नहीं होने से सरकार उनके घाटा को दूर करने के लिए कितनी राशि दे रही है. बिल में सरकार की ओर से दी जाने वाली सब्सिडी के लिखने से लोग अकारण बिजली का उपयोग नहीं करेंगे.

एक नजर

कुल गांवों की संख्या : 39,073

पूर्ण रूप से विद्युतीकृत गांव : 28,075

पूर्ण रूप से विद्युतीकृत के लिए बचे गांव : 10,998

कुल टोला-बसावटों की संख्या : 1,06,249

पूर्ण रूप से विद्युतीकृत टोला-बसावट : 84,359

जिन टोला-बसावट में पहुंचानी है बिजली : 21,890

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