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बिहार : पटना में हजारों कोचिंग संस्थान, पर निबंधित मात्र 286, जानें क्या हैं जरूरी मानक
हो रही अनदेखी : मची है लूट, नियमावली तो बनी, पर नियम को ताक पर रख कर चल रहे हैं संस्थान पटना : राजधानी में कोचिंग संस्थानों का मकड़जाल है. हर गली मोहल्ले में कोचिंग संस्थान खुल चुके हैं, जो बच्चों का भविष्य संवारने का दावा करते हैं. हालांकि इनमें कितनी पढ़ाई हो रही है […]
हो रही अनदेखी : मची है लूट, नियमावली तो बनी, पर नियम को ताक पर रख कर चल रहे हैं संस्थान
पटना : राजधानी में कोचिंग संस्थानों का मकड़जाल है. हर गली मोहल्ले में कोचिंग संस्थान खुल चुके हैं, जो बच्चों का भविष्य संवारने का दावा करते हैं. हालांकि इनमें कितनी पढ़ाई हो रही है और किसे कितना फायदा हो रहा है, जांच का कोई पैमाना नहीं है. ऐसे में पढ़ाई के नाम पर बस कोचिंग संस्थानों की लूट मची है. सरकार ने इन कोचिंग संस्थानों के लिए नियमावली तो बनायी है, लेेकिन अधिकतर कोचिंग संस्थान नियमों को ताक पर रख चलाये जा रहे हैं.
नियमावली 2010 के अनुसार सभी कोचिंग संस्थानों को निबंधित कराना अनिवार्य है. जिला शिक्षा कार्यालय के अनुसार हजारों कोचिंग संस्थानों में से अब तक 978 कोचिंग संस्थानों द्वारा ही निबंधन के लिए आवेदन दिया गया. इनमें से भी मात्र 286 कोचिंग संस्थानों को ही निबंधित किया गया है. 111 आवेदन अस्वीकृत कर दिये गये, तो वहीं, 581 जांच के अधीन हैं.
इस साल भी आये महज 289 आवेदन
वर्ष 2010 से अब तक मात्र तीन बार ही आवेदन लिये गये हैं. पहली बार आवेदन वर्ष 2010 में लिया गया. उस समय कुल 609 आवेदन आये. दूसरी बार 2015 में आवेदन लिये गये.
उस समय 111 कोचिंग संस्थानाें ने आवेदन किया. तीसरी बार आवेदन जनवरी, 2017 में लिया गया. अबकी बार 298 आवेदन आये. इसके तहत आवेदक बाजार में उपलब्ध बिहार कोचिंग संस्थान आवेदन फॉर्म (प्रपत्र) को लेकर पांच हजार रुपये के बैंक ड्राफ्ट के साथ जिला शिक्षा कार्यालय में जमा कर सकते हैं. उसके बाद जांच कर 30 दिनों के अंदर संस्थान को निबंधित किये जाने का नियम है.
– लाखों रुपये के पैकेज का खेल: केवल प्लस टू स्कूलों के साइंस सिलेबस की तैयारी के नाम पर कोचिंग संस्थान मोटी रकम वसूल रहे हैं. 35-40 हजार केवल साइंस की फीस निर्धारित है. कोचिंग संस्थानों द्वारा बारगेनिंग का भी खूब खेल चलता है. बीपीएससी पीटी और मेंस के भी अलग-अलग रेट निर्धारित हैं. पीटी में 15-20 हजार, तो मेंस के लिए 50 हजार से एक लाख तक है. अशोक राजपथ, बहादुरपुर आदि जगहों पर खेल धड़ल्ले से चल रहा है.
कोचिंग संस्थान के लिए जरूरी मानक
– कोचिंग संस्थान की आधारभूत संरचना का होना – एक वर्ग मीटर के दायरे में एक छात्र के बैठने की जगह – शौचालय व पेय जल की सुविधा – पार्किंग व अग्निशमन आदि प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था हो – योग्यताधारी स्नातक व स्नातकोत्तर स्तर के शिक्षक हों. – कोचिंग फीस का वर्णन व विवरण पुस्तिका व कोर्स संबंधी अवधि आदि की जानकारी
ये हैं नियम
-जिला पदाधिकारी की अध्यक्षता में इसके लिये चार सदस्य गठित टीम द्वारा आवेदनों की जांच की जाती है.-इसके तहत जिला पदाधिकारी (अध्यक्ष), पुलिस अधीक्षक (सदस्य), जिला शिक्षा पदाधिकारी (सदस्य) व किसी महाविद्यालय के प्राचार्य द्वारा अंतिम जांच के 30 दिनों के भीतर संस्थान को निबंधन प्रमाण पत्र प्रदान किया जाता है. इससे पूर्व वरीय उप समाहर्ता स्तर के पदाधिकारियों द्वारा जांच की जाती है. जांच में कमी पायी जाने पर आवेदन को अयोग्य की सूची में डाल उन्हें सूचित किया जाता है.
– यह है सजा का प्रावधान: इस नियमावली के तहत निबंधित नहीं कराने वाले संचालकों को प्रथम अपराध के तहत 25 हजार रुपये का आर्थिक जुर्माना व द्वितीय अपराध के लिए एक लाख रुपये व तृतीय अपराध के तहत आरोप साबित होने पर निबंधन रद्द किया जा सकता है.
– यहां कर सकते हैं शिकायत: कोचिंग संस्थानों में किसी तरह की परेशानी होने पर परिवाद का निबटारा करने के लिये अनुमंडल पदाधिकारी के पास कोचिंग संस्थान के छात्र-छात्रा या कर्मियों द्वारा कोचिंग संस्थानों के विरुद्ध शिकायत दर्ज करायी जा सकती है. निबटारा 30 दिनों के भीतर किया जा सकेगा.
– कमाई का गणित: इंजीनियरिंग की तैयारी के लिए एक स्टूडेंट की फीस कम-से-कम 30 से 40 हजार रुपये होती है. एक कोचिंग संस्थान में पांच-पांच बैच चलाये जाते हैं. एक बैच में कम-से-कम 150 स्टूडेंट होते हैं. एेसे में एक बैच में करीब तीन से ढाई लाख का कारोबार होता है.
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