वहीं, परिजनों ने बच्चे की लाश को डिस्पोजल कर दिया. बाद में बच्चे की मौत की खबर सोशल मीडीया में वायरल होने पर स्थानीय प्रशासन ने इसे गंभीरतापूर्वक लिया. बाढ़ एसडीओ के निर्देश पर बीडीओ ने घटना की छानबीन शुरू किया. बकौल बीडीओ टीके की शीशी को जब्त कर उसकी जांच करायी जा रही है. यदि दवा में गड़बड़ी मिली तो स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी. इस मामले में मृतक बच्चे के परिजनों का भी बयान दर्ज किया गया है. परिजनों का कहना है कि रात्रि में बच्चे को सुलाया गया था. अचानक देर रात नींद टूटने पर बच्चा मृत पाया गया.
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बीडीओ ने पीएचसी पहुंच कर की जांच, टीकाकरण के बाद दो माह के बच्चे की मौत
बख्तियारपुर: बख्तियारपुर के माधोपुर निवासी मुकेश यादव के दो माह के बच्चे संटू की टीकाकरण के बाद मौत हो गयी. मामला सामने आने पर बीडीओ मनीष भारद्वाज ने पीएचसी पहुंच कर टीके की खाली शीशी को जब्त कर लिया. इस मामले में टीका लगाने वाली एनएम से भी पूछताछ की जा रही है. प्राप्त जानकारी […]
बख्तियारपुर: बख्तियारपुर के माधोपुर निवासी मुकेश यादव के दो माह के बच्चे संटू की टीकाकरण के बाद मौत हो गयी. मामला सामने आने पर बीडीओ मनीष भारद्वाज ने पीएचसी पहुंच कर टीके की खाली शीशी को जब्त कर लिया. इस मामले में टीका लगाने वाली एनएम से भी पूछताछ की जा रही है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक बुधवार को माधोपुर आंगनबाड़ी केंद्र पर बच्चे को डीपीटी का टीका लगाया गया था. टीका लगाने के तकरीबन 12 घंटे बाद बच्चे ने दम तोड़ दिया. गुरुवार की सुबह परिजन पीएचसी पहुंच कर बच्चे की मौत की शिकायत की थी, लेकिन स्वास्थ्यकर्मी ने जनप्रतिनिधियों की हस्तक्षेप से मामले को दबा दिया.
वहीं, परिजनों ने बच्चे की लाश को डिस्पोजल कर दिया. बाद में बच्चे की मौत की खबर सोशल मीडीया में वायरल होने पर स्थानीय प्रशासन ने इसे गंभीरतापूर्वक लिया. बाढ़ एसडीओ के निर्देश पर बीडीओ ने घटना की छानबीन शुरू किया. बकौल बीडीओ टीके की शीशी को जब्त कर उसकी जांच करायी जा रही है. यदि दवा में गड़बड़ी मिली तो स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जायेगी. इस मामले में मृतक बच्चे के परिजनों का भी बयान दर्ज किया गया है. परिजनों का कहना है कि रात्रि में बच्चे को सुलाया गया था. अचानक देर रात नींद टूटने पर बच्चा मृत पाया गया.
अस्पताल प्रबंधन ने झाड़ा पल्ला: टीकाकरण से बच्चे की मौत मामले में पीएचसी प्रबंधन ने पल्ला झाड़ लिया है. इस सम्बन्ध में पीएचसी प्रभारी बिरेंद्र कुमार सिंह ने कहा कि बच्चे की मौत की सूचना पीएचसी में नहीं दी गई. टीका लगने के 12 घंटे बाद बच्चे की मौत होने की जानकारी मिली है. परिजनों ने शव का भी डिस्पोजल कर दिया. दवा की गड़बड़ी से बच्चे की अविलंब मौत हो जाती. संभवत: दुधमुंहे बच्चे की मौत ठंढ या दम घुटने से हुई होगी. आंगनबाड़ी केंद्र पर कई बच्चों को नियमित टीके लगाए गए. टीकारण में शामिल सभी बच्चे स्वस्थ्य हैं, जबकि एक बच्चे की अचानक मौत की बात कही जा रही है.
हालांकि , एसडीओ के निर्देश पर टीके की शीशी को जांच के लिये भेजा गया है. दवा की गुणवत्ता की रिपोर्ट जल्द ही आ जाएगी. दवा की जांच रिपोर्ट से भी मौत की वजह का अंदाज लग सकेगा. दूसरी ओर ग्रामीणों का कहना है कि आंगनबाड़ी केंद्रों पर टीकाकरण में लापरवाही बरती जाती है. दवाओं पर एक्सपायरी की तारीख भी अक्सर घिसी होती है. वहीं एनएनएम अपने सहयोगियों से भी टीकाकरण करवाती है. ऐसे में बच्चे को दवा की सही मात्र भी नहीं मिल पाता. ग्रामीणों ने टीके का ओवरडोज देने का भी आरोप लगाया.
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