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सरलता व सादगी की मिसाल थे राजेंद्र बाबू
पटना : राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि सरलता, सादगी और सज्जनता के अप्रतिम उदाहरण थे प्रथम राष्ट्रपति डाॅ राजेंद्र प्रसाद. उनकी जीवनशैली एवं कार्यशैली में राष्ट्रपति होने पर भी कोई परिवर्तन नहीं देखा गया. राष्ट्रपति भवन में रहने वाले राजेंद्र बाबू ने बिहार विद्यापीठ के खपड़ैल मकान में रहना पसंद किया. राज्यपाल रविवार को […]
पटना : राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि सरलता, सादगी और सज्जनता के अप्रतिम उदाहरण थे प्रथम राष्ट्रपति डाॅ राजेंद्र प्रसाद. उनकी जीवनशैली एवं कार्यशैली में राष्ट्रपति होने पर भी कोई परिवर्तन नहीं देखा गया. राष्ट्रपति भवन में रहने वाले राजेंद्र बाबू ने बिहार विद्यापीठ के खपड़ैल मकान में रहना पसंद किया.
राज्यपाल रविवार को बिहार विद्यापीठ परिसर में आयोजित देशरत्न डाॅ राजेंद्र प्रसाद के जयंती समारोह को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि बिहार विद्यापीठ स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान भारतीय राजनीति का प्रमुख केंद्र था. शिक्षा नीति और राजनीति दोनों यहां से संचालित होती थी. मौलाना मजहरूल हक, डाॅ राजेंद्र प्रसाद और ब्रजकिशोर बाबू, जो बिहार विद्यापीठ के तब कुलपति, कुलसचिव और उप कुलपति थे. इनलोगों ने इस संस्था को राष्ट्रपिता के सपनों के अनुरूप तैयार किया था.
राज्यपाल ने तारा सिन्हा की पुस्तक ‘युगपुरुष’ डाॅ राजेंद्र प्रसाद का िवमोचन भी किया. कार्यक्रम को बिहार विद्यापीठ के अध्यक्ष विजय प्रकाश, तारा सिन्हा, प्रो मंगलमूर्ति आदि ने भी संबोधित किया. अवसर पर राज्यपाल के प्रधान सचिव ब्रजेश मेहरोत्र, बिहार विद्यापीठ के मंत्री राणा अवधेश कुमार, प्रबंध समिति की सदस्य मृृदुला प्रकाश आदि भी उपस्थित थीं. राज्यपाल श्री मलिक बिहार विद्यापीठ स्थित राजेंद्र स्मृति संग्रहालय भी देखा तथा राजेंद्र बाबू की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया.
राज्यपाल सत्यपाल मलिक, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजेंद्र चौक (राजभवन के सामने) स्थित डाॅ राजेंद्र प्रसाद की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया. गोवा की राज्यपाल मृृदुला सिन्हा, मेघालय के राज्यपाल गंगा प्रसाद, पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव, शिक्षा मंत्री कृष्णनन्दन प्रसाद वर्मा, पंचायतीराज मंत्री कपिल देव कामत एवं पूर्व मंत्री श्याम रजक ने भी माल्यार्पण किया. माल्यार्पण के बाद राज्यपाल, मुख्यमंत्री एवं अतिथियों ने चरखा कात रही महिलाओं के बीच अंगवस्त्र वितरित कर इनका उत्साह बढ़ाया. बाद में राज्यपाल व मुख्यमंत्री राजेंद्र घाट स्थित डाॅ राजेन्द्र प्रसाद की समाधि पर श्रद्धासुमन अर्पित किये.
अवकाश के बाद सदाकत आश्रम में रहे राजेंद्र बाबू : एच के वर्मा
प्रदेश कांग्रेस कमेटी मुख्यालय सदाकत आश्रम में देश के प्रथम राष्ट्रपति देशरत्न डाॅ राजेंद्र प्रसाद की 133वीं जयंती अवसर पर पार्टी प्रवक्ता एच के वर्मा ने कहा कि वे लंबे समय तक प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे.देश का संविधान बनाने के लिये गठित संविधान सभा के अध्यक्ष रहे. पंडित जवाहर लाल नेहरू के मंत्रिमंडल में मंत्री व 12 वर्षों तक राष्ट्रपति रहे. राष्ट्रपति के पद से अवकाश ग्रहण करने के बाद वे सदाकत आश्रम के साधारण से आवास में रहने आये. राष्ट्रपति के रूप में जो आदर्श उपस्थित किये, वे आज भी प्रासंगिक हैं.
संविधान निर्माण में डॉ राजेंद्र प्रसाद की महती भूमिका थी. रविवार को एएन सिन्हा इंस्टीच्यूट में राजेंद्र प्रसाद की 133वीं जयंती के अवसर पर आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए मेघालय के राज्यपाल गंगा प्रसाद ने आगे कहा कि बिहार के छोटे से प्रांत में जन्म लेकर पूरे विश्व में अमिट पहचान छोड़ने वाले राजेंद्र बाबू सबके लिए अनुकरणीय थे. देशरत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद विचार मंच द्वारा आयोजित इस समारोह का उद्घाटन करते हुए पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केसरीनाथ त्रिपाठी ने कहा कि डॉ राजेंद्र प्रसाद सरल स्वभाव के व्यक्ति थे. भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में उनकी भूमिका हमेशा अग्रणी रही है.
राजेंद्र बाबू सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते थे एवं जीवन पर्यन्त सादगी व सच्चाई को ही अपना आदर्श मानते रहे. समारोह को संबोधित करते हुए डॉ गोपाल प्रसाद सिन्हा ने कहा कि डॉ राजेंद्र प्रसाद के योगदान को देश भूल नहीं सकता. डॉ राजेंद्र प्रसाद विचार मंच के संयोजक अरशद अहमद ने भी राजेंद्र प्रसाद के व्यक्तित्व व कृतित्व पर चर्चा की. इस अवसर पर कानपुर से आए कवि सुरेश अवस्थी ने अपनी कविताएं भी सुनाई.
समारोह के दौरान सुरेश अवस्थी, डॉ कमल मुसददी, डॉ रजी अहमद, कवि सत्यनारायण, डॉ बीके अग्रवाल, सना फहीम, नंदिता बनर्जी, विपिन कुमार, कुमार अरुणोदय और रितिका राज को अलग अलग क्षेत्रों में विशिष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया. समारोह में राज्य सूचना आयुक्त अरुण कुमार वर्मा, डॉ एसएन आर्या, पूर्व डीजीपी गजेंद्र नारायण, जे के सिन्हा समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित थे.
टीके घोष अकादमी राजकीय उच्च विद्यालय की ओर से देश के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद की 133वीं जयंती पर स्कूल प्रांगण में उनके प्रतिमा में माल्यार्पण किया गया.
स्कूल की प्राचार्य ने राजेंद्र बाबू की जीवन पर प्रकाश डालते हुए उन्हें स्कूल की गौरवमयी बातें बच्चों को बतायी. उन्होंने कहा कि विद्यालय में पढ़ने वाले सभी बच्चों के लिए गर्व की बात है, कि वे एक ऐसे विद्यालय के छात्र हैं, जहां से देश के प्रथम राष्ट्रपति पढ़ाई कर एेतिहासिक बना दिया है. ऐसे एेतिहासिक विद्यालय की गरिमा को बरकरार करने की जरूरत है.
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