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नियोजित शिक्षकों की सेवा शर्त नियमावली अटकी

पटना: राज्य के 3.57 लाख नियोजित शिक्षकों की सेवा शर्त निर्धारण नियमावली विभागीय अधिकारियों की शिथिलता की वजह से अटक गयी है. नियमावली सितंबर महीने में ही सार्वजनिक हो जानी थी, लेकिन अब इसके बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के समय ही आने की संभावना है. नियोजित शिक्षकों की सेवा शर्त के लिए गठित कमेटी […]

पटना: राज्य के 3.57 लाख नियोजित शिक्षकों की सेवा शर्त निर्धारण नियमावली विभागीय अधिकारियों की शिथिलता की वजह से अटक गयी है. नियमावली सितंबर महीने में ही सार्वजनिक हो जानी थी, लेकिन अब इसके बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के समय ही आने की संभावना है. नियोजित शिक्षकों की सेवा शर्त के लिए गठित कमेटी ने विभाग के साथ-साथ शिक्षक संगठनों से उनके सुझाव तक ले चुकी है, लेकिन अपनी अंतिम रिपोर्ट अभी तक नहीं दी है.

अधिकारियों की माने तो राज्य सरकार समान काम के लिए समान वेतन के मामले पर पटना हाईकोर्ट में सुरक्षित रखे गये फैसले का इंतजार कर रही है. हाईकोर्ट जिस प्रकार अपना फैसला देगी, उसी प्रकार का प्रावधान सेवा शर्त नियमावली में किया जा सकेगा. सेवा शर्त नियमावली तैयार नहीं होने से शिक्षकों का ऐच्छिक स्थानांतरण, अन्य प्रकार के भत्ते समेत अन्य सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही है. इससे स्कूलों में भी नियोजित शिक्षकों अौर पुराने वेतनमान वाले शिक्षकों के बीच विवाद की भी स्थिति है. इसका असर स्कूलों की शिक्षा की गुणवत्ता पर भी पड़ रहा है. विभागीय सूत्रों की मानें तो पटना हाईकोर्ट के फैसला आने के बाद नवंबर-दिसंबर में होने वाले शीतकालीन सत्र में इस रिपोर्ट को सदन से मंजूरी मिलने के बाद इसे लागू किया जायेगा.

अगस्त 2015 में ही सेवाशर्त निर्धारण कमेटी हुई है गठित
नियोजित शिक्षकों की सेवा शर्त निर्धारण के लिए अगस्त 2015 में ही कमेटी का गठन कर दिया गया था, लेकिन दो साल बीतने के बाद भी रिपोर्ट नहीं आयी है. इसके लिए कई बार कमेटी की बैठक हुई, तो कई बार विभागीय स्तर, फिर शिक्षक संगठनों के स्तर पर सुझाव लिये गये, लेकिन उसे अब तक अंतिम रूप नहीं दिया जा सका है. शिक्षक संगठनों को सरकार से उम्मीद है कि जल्द ही सेवा शर्त का निर्धारण किया जायेगा, लेकिन इसकी उम्मीद कम नजर नहीं आ रही है.
  • अधिकारियों की शिथिलता से नहीं तैयार हो रहा अंतिम मसौदा
  • समान काम के लिए समान वेतन पर हाई कोर्ट के आने वाले फैसले का अब विभाग कर रहा इंतजार
  • विधानमंडल के शीत सत्र में सदन में रिपोर्ट रखे जाने की संभावना

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