पटना: केंद्रीय विद्युत राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आर के सिंह ने आज कहा कि ऊर्जा खपत विकास का सूचकांक होता है और भारत विश्व में ऊर्जा के उत्पादन और खपत के मामले में प्रथम स्थान हासिल करेगा. भाजपा के प्रदेश मुख्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए सिंह ने कहा कि भारत विश्व में ऊर्जा के उत्पादन और खपत के मामले में प्रथम स्थान हासिल करेगा पर उन्होंने इसके लिए कोई समय सीमा नहीं बतायी. वर्तमान में ऊर्जा उत्पादन के मामले विश्व में भारत तीसरे तथा खपत में चौथे स्थान पर है. सिंह ने कहा कि बिजली का उपभोग विकास का सूचकांक होता है, अधिक बिजली की खपत दिखाता है कि लोग अधिक से अधिक इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स और और उपकरण का उपयोग कर रहे हैं.
सिंह ने कहा कि भारत में 3.3 लाख मेगावाट बिजली का उत्पादन होता है जिसमें से 70,000 मेगावाट का ऊर्जा उत्पादन नवीकरणीय ऊर्जा के माध्यम से होता है और सरकार का इरादा इसे बढाकर 1.75 लाख मेगावाट तक पहुंचाने का है. पूर्व केंद्रीय गृह सचिव सिंह ने बिहार सरकार के ऊर्जा क्षेत्र में बेहतर कार्य किए जाने की सराहना की और कहा कि अन्य राज्यों की तुलना में ग्रामीण विद्युतीकरण के मामले में इस सरकार ने बेहतर कार्य किया है.
उन्होंने अधिकारियों से कहा कि राज्य में विभिन्न परियोजनाओं पर जारी कार्यों को तेज करें. सिंह ने कहा कि बिहार में विद्युत संचरण तंत्र को सशक्त बनाने के लिए केंद्र सरकार ने कई फंड दिये हैं और 20,000 करोड़ रुपये की बिजली क्षेत्र की विभिन्न परियोजनाओं पर काम जारी है. बिजली चोरी की रोकथाम के लिए उन्होंने प्री-पेड मीटर लगाये जाने की वकालत करते हुए सिंह कहा कि कुछ राज्यों ने इसे अपनाया है और बिहार सरकार को भी ऐसा करना चाहिए. बिहार के सुपौल जिला के 130 मेगावाट के डागमाडा जलविद्युत परियोजना के भविष्य के बारे में पूछे जाने पर सिंह ने कहा कि पनबिजली परियोजना उच्च पूंजी लागत के कारण व्यवहार्य नहीं है. हालांकि, सिंह स्वयं सुपौल जिले के हैं. उन्होंने कहा कि पूरा देश उनका कार्यक्षेत्र है.
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