बिक्रम: एक समय था जब भगवान राम अपने भक्त हनुमान को अधिक प्रिय मानते थे. भक्त हनुमान भी श्री राम जी के हर आदेश का पालन करते थे. लेकिन कलियुग में हनुमान जी को सरकारी नोटिस मिल गयी है. नोटिस देने वाले शख्स का नाम भी ‘ रामजी ‘ है. यह रामजी कोई रामायण काल वाले, दशरथ पुत्र राम नहीं हैं.
बल्कि सोन नहर अवर प्रमंडल, बिक्रम के अवर प्रमंडल पदाधिकारी रामजी हैं. इन्होंने किसी व्यक्ति को नोटिस नहीं जारी कर सीधे हनुमान मंदिर को ही नोटिस जारी कर यथा शीघ्र अतिक्रमण मुक्त करने का आदेश दिया है. नोटिस में हनुमान जी को अपना मंदिर हटाने की चेतावनी देते हुए कहा गया है कि तत्काल जमीन खाली करें, अन्यथा निर्माण ताेड़ दिया जायेगा. आदेश की अवज्ञा हुई तो प्राथमिकी दर्ज करायी जायेगी.
बिक्रम के असपुरा नहर लख से जुड़ा मामला
यह मामला राजधानी पटना के बिक्रम प्रखंड से जुड़ा है. पटना मुख्य नहर के बिक्रम लॉक से नीचे सरकारी नहर व बांध है. इस पर कई लोगों ने अतिक्रमण जमा रखा है. इसी इलाके के असपुरा स्थित नहर लख पर हनुमान जी का विशाल मंदिर 40 वर्षों से बना है. हाल ही में सोन नहर अवर प्रमंडल (बिक्रम) के अवर प्रमंडल पदाधिकारी रामजी ने करीब तीन दर्जन लोगों को नोटिस जारी करते हुए अतिक्रमण हटाने की चेतावनी दी है. हालांकि एक नोटिस (संख्या -68 दिनांक -26 अगस्त 2017) उन्होंने सीधे हनुमान जी को जारी करते हुए कहा है कि यथा शीघ्र आप हमारे जमीन को खाली कर दें, नहीं तो आपके खिलाफ कानूनी कार्रवाई होगी. राम का आदेशपाल नोटिस लेकर हनुमान की खोजबीन करते-करते परेशान हैं, हनुमान जी कहीं नहीं मिल रहे.