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1240 वार्डों में दिसंबर से शुरू होगा हर घर नल का जल योजना पर काम
पटना : राज्य के ग्रामीण इलाके में दूषित पानी प्रभावित 1240 वार्डों में जलापूर्ति योजना पर दिसंबर से काम शुरू होगा. इसमें 565 करोड़ खर्च होंगे. योजना के तहत फ्लोराइड व आर्सेनिक प्रभावित टोलों में घरों में स्वच्छ पानी पहुंचाने पर काम होगा. मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना के तहत सरकार से स्वीकृति मिलने के […]
पटना : राज्य के ग्रामीण इलाके में दूषित पानी प्रभावित 1240 वार्डों में जलापूर्ति योजना पर दिसंबर से काम शुरू होगा. इसमें 565 करोड़ खर्च होंगे. योजना के तहत फ्लोराइड व आर्सेनिक प्रभावित टोलों में घरों में स्वच्छ पानी पहुंचाने पर काम होगा. मुख्यमंत्री ग्रामीण पेयजल निश्चय योजना के तहत सरकार से स्वीकृति मिलने के बाद योजना पर काम शुरू करने के लिए प्रक्रिया शुरू की गयी है. इसमें बोरिंग के साथ ट्रीटमेंट प्लांट यूनिट लगा कर घरों में नल से स्वच्छ पानी मिलेगा.
योजना की खासियत है कि योजना पर काम पूरा होने पर पानी आपूर्ति के बाद पांच साल तक उसका रख-रखाव संबंधित एजेंसी को करना है. जलापूर्ति योजना पर 565 करोड़ खर्च होंगे. ग्रामीण इलाके में फ्लोराइड प्रभावित 650 व आर्सेनिक प्रभावित 590 वार्डों में स्वच्छ पानी पहुंचाया जायेगा. राज्य में 13 जिले आर्सेनिक प्रभावित है. वहीं 11 जिले फ्लोराइड प्रभावित है. आर्सेनिक प्रभावित जिले आरा में 24, हाजीपुर 28, पटना 31, मुंगेर 53, बेगूसराय 16, समस्तीपुर 108, भागलपुर 43, छपरा 16 व दरभंगा में छह वार्डों में जलापूर्ति योजना पर काम होगा.
फ्लोराइड प्रभावित जिले औरंगाबाद में 16, बांका में 216, भागलपुर 70, नालंदा 55, गया 40, जमुई 124, मुंगेर दो, नवादा 10, सासाराम 93 व शेखपुरा में 22 वार्डों में में घर-घर स्वच्छ पानी पहुंचाया जायेगा. लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग योजना पर काम शुरू करने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी है. जलापूर्ति योजना पर काम के लिए एजेंसियों के चयन के लिए 18 सितंबर तक टेंडर भरने का समय निर्धारित किया है. डेढ़ से दो माह में टेंडर प्रक्रिया पूरी होने पर चयनित एजेंसी को काम सौंपा जायेगा. विभागीय सूत्र ने बताया कि सारी प्रक्रिया नवंबर तक पूरी कर ली जायेगी. दिसंबर से काम शुरू हो जायेगा.
565 करोड़ होंगे खर्च
1240 वार्डों में स्वच्छ पानी पहुंचाने पर लगभग 565 करोड़ खर्च होंगे. इसमें फ्लोराइड प्रभावित 650 वार्डों में लगभग 300 करोड़ व आर्सेनिक प्रभावित 590 वार्डों में लगभग 265 करोड़ खर्च होंगे. विभागीय सूत्र ने बताया कि जलापूर्ति योजना पर काम पूरी होने के बाद संबंधित एजेंसी को पांच साल तक उसका रख-रखाव करना है.
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