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जीएसटी में सामान ढोने वाले ट्रकों की भी होगी मॉनीटरिंग
ऑनलाइन बिल में नंबर व मालिक की होगी पूरी जानकारी, कहीं भी किया जा सकता है ट्रैक पटना : जीएसटी लागू होने के बाद वाणिज्य कर विभाग की चेक-पोस्ट या जांच चौकियों का उपयोग ही खत्म हो गया है. क्योंकि गलत चालान बनाकर या चालान की गड़बड़ी करके टैक्स चोरी करने का चक्कर नहीं है. […]
ऑनलाइन बिल में नंबर व मालिक की होगी पूरी जानकारी, कहीं भी किया जा सकता है ट्रैक
पटना : जीएसटी लागू होने के बाद वाणिज्य कर विभाग की चेक-पोस्ट या जांच चौकियों का उपयोग ही खत्म हो गया है. क्योंकि गलत चालान बनाकर या चालान की गड़बड़ी करके टैक्स चोरी करने का चक्कर नहीं है.
इसके बाद भी माल ढोने के लिए जिन ट्रकों का उपयोग किया जायेगा, उसकी ऑनलाइन सतत मॉनीटरिंग की नयी व्यवस्था की जा रही है. जिन वाहनों में 50 हजार रुपये से ज्यादा के सामान ढोये जायेंगे, उनमें यह प्रणाली लगायी जायेगी. आने वाले दो महीने में यह प्रणाली बिहार के साथ-साथ पूरे देश में लागू हो जायेगी. इसकी तैयारी तकरीबन पूरी हो चुकी है. इसके अंतर्गत जिस ट्रक में माल ढोये जायेंगे, उनके माल के बिल के साथ-साथ संबंधित वाहन या ट्रक का सभी कागजात के साथ-साथ वाहन मालिक की तमाम जानकारी भी अटैच की जायेगी.
तमाम जानकारी को ऑनलाइन अपलोड कर बिल के साथ अटैच किया जायेगा. इससे सिर्फ बिल या चालान नंबर की मदद से ही सामान की तमाम जानकारी के साथ माल ढोने वाले संबंधित वाहन की भी पूरी जानकारी प्राप्त की जा सकती है. यह तमाम जानकारी जीएसटी के पोर्टल पर ऑनलाइन मौजूद रहेगी, जिससे कोई भी व्यक्ति या विभाग कहीं से इसे देख सकता है.
ट्रकों में आरएफआइडी भी लगाने की तैयारी
ऑनलाइन मॉनीटरिंग की इस व्यवस्था के दूसरे चरण के तहत सभी माल ढोने वाले ट्रकों में आरएफआइडी (रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन डिवाइस) लगाया जायेगा. इसकी मदद से ट्रकों की हर पल की ऑनलाइन मॉनीटरिंग हो सकेगी. ट्रक में कौन सा माल है और यह कहां तक जायेगा. कहां से गुजर रहा है, कहां कितनी देर तक इसका ठहराव हुआ है. इस तरह की तमाम बातों की मॉनीटरिंग हो सकेगी. इस डिवाइस की टेस्टिंग हो चुकी है.
इस नयी व्यवस्था के तहत अगर किसी गाड़ी और उसके माल की चेकिंग अगर किसी विभाग का कोई अधिकारी करता है, तो उसे गाड़ी की चेकिंग का पूरा कारण बताना पड़ेगा. यह चेकिंग तभी होगी, जब किसी गड़बड़ी की जानकारी पुख्ता होगी.
एक बार चेकिंग होने के बाद बार-बार कोई अधिकारी या विभाग की तरफ से चेकिंग नहीं की जायेगी. कोई विभाग नाहक परेशान नहीं करेगा. इस तरह अगर कोई अधिकारी गलत करता है, तो उसकी भी चेकिंग होगी और अवैध वसूली पूरी तरह से बंद होगी.
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