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लेबनान मामला : पुलिस के कामकाज पर तल्ख टिप्पणी
पटना हाइकोर्ट ने लेबनान के एक नागरिक फादी फदेले को जबरन बंदी बनाये जाने के मामले में बिहार पुलिस के कामकाज पर तल्ख टिप्पणी की है.जस्टिस डाॅ रविरंजन और जस्टिस एस कुमार की कोर्ट ने कहा कि यह कैसी नीति जिसकी आड़ में कोई भी किसी असहाय पर कानून के नाम पर अत्याचार करे. अत्याचार […]
पटना हाइकोर्ट ने लेबनान के एक नागरिक फादी फदेले को जबरन बंदी बनाये जाने के मामले में बिहार पुलिस के कामकाज पर तल्ख टिप्पणी की है.जस्टिस डाॅ रविरंजन और जस्टिस एस कुमार की कोर्ट ने कहा कि यह कैसी नीति जिसकी आड़ में कोई भी किसी असहाय पर कानून के नाम पर अत्याचार करे. अत्याचार से बचने के लिए वैसी नीति को गंगा में विसर्जित कर देने की आवश्यकता है.
अदालत ने केंद्र सरकार को पासपोर्ट एक्ट के दुरुपयोग को लेकर फटकार लगायी. फिदे फिदाले की ओर से दायर याचिका पर सोमवार को सुनवाई करते हुए मामला सामने आया. गौरतलब है कि लेबनान का नागरिक गत वर्ष नेपाल घुमने के क्रम में भारत की सीमा में प्रवेश कर गया. इस दौरान भारतीय पुलिस ने उसे बंदी बना लिया था.
और उसके बैग की तलाशी के क्रम में मिले हार्ड डिस्क के आधार पर उसे जबर्दस्ती आतंकवादी करार देते हुए जेल में बंद कर दिया. निचली अदालत द्वारा लेबनानी नागरिक की जमानत याचिका खारिज किये जाने के बाद उक्त मामला पटना उच्च न्यायालय में आया. जिसपर सुनवाई करते हुए अदालतने इस मामले में भारतीय पुलिस की लापरवाही एवं असंवैधानिक रवैये पर नाराजगी व्यक्त करते हुए जमानत दे दी. वहीं इस मामले में एक अन्य याचिका पटना उच्च न्यायालय में दायर की गयी.जिसपर सुनवाई करते हुए अदालत ने सरकार से पूछा कि आखिर किस आधार पर इस मामले में भारतीय दंड संहिता की ऐसी धाराओं को लगाया गया है जिसकी आवश्यकता यहां नहीं थी.
अदालत ने यह भी जानना चाहा कि यदि वह गलती से भारत की सीमा में प्रवेश कर रहा था तो क्यों नहीं उसे वापस भेज दिया गया. अदालत ने भारतीय पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि न तो उसके पास से ऐसी कोई कागजात ही बरामद हुए हैं जिससे कि उसे संदिग्ध माना जाये. अदालत ने सरकार से स्पष्ट रूप से कहा कि पुलिस का झूठ उस दलदल की तरह मामला बन गया है जिसमें से जितना निकलने की कोशिश करेंगे उतना ही धंसते चले जायेंगे.
पटना. पटना उच्च न्यायालय ने एक व्यस्क लड़की की गुमशुदगी के मामले में पटना पुलिस के सुस्त रवैये को गंभीरता से लिया है. कोर्ट ने एक अगस्त को पटना के एसएसपी मनु महाराज को अदालत में उपस्थित होकर जवाब देने का निर्देश दिया है. न्यायाधीश डाॅ रवि रंजन एवं न्यायाधीश एस कुमार की खंडपीठ ने शिवनाथ सिन्हा की ओर से दायर आपराधिक रिट याचिका पर सोमवार को सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया. याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को बताया गया कि उनकी बेटी तीन माह पहले ट्यूशन पढ़ने गयी थी. लेकिन, वह नहीं लौटी. उन्होंने गांधी मैदान थाने में गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया.
आरा के महाराजा लाॅ काॅलेज पर कोर्ट ने बार काउंसिल आॅफ इंडिया से मांगी रिपोर्ट : पटना उच्च न्यायालय ने आरा स्थित महाराजा लॉ कॉलेज की मान्यता खत्म होने के बावजूद वहां अवैध तरीके से कोर्स चलाने के मामले पर नाराजगी व्यक्त की है. कोर्ट ने बार काउंसिल ऑफ इंडिया से इस मामले में कार्रवाई करने का निर्देश देते हुए रिपोर्ट तलब की है. मुख्य न्यायाधीश राजेंद्र मेनन एवं न्यायाधीश डाॅ अनिल कुमार उपाध्याय की खंडपीठ ने अजय कुमार तिवारी की ओर से दायर लोकहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई करते हुए उक्त निर्देश दिया.
स्कूलों का निरीक्षण नहीं होने पर तीन सप्ताह में मांगा जवाब
पटना. पटना उच्च न्यायालय ने स्कूलों का निरीक्षण नियमानुसार नहीं किये जाने के मामले में सोमवार को संज्ञान लेते हुए शिक्षा विभाग एवं बिहार विद्यालय परीक्षा समिति से तीन सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा है.
न्यायाधीश चक्रधारी शरण सिंह की एकलपीठ ने बिहार इंटरमीडिएट शैक्षणिक संघ की ओर से दायर रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया. पटना उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता के वकीलों के पक्षों को भी सुना.
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