पटना :राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनजर बिहार विधानसभा में वोटिंग का काम पूरा हो गया. पुस्तकालय कक्ष में बने मतदान केंद्र पर कुल 241 विधायकों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. जबकि, बीरेंद्र कुमार सिन्हा ने देहरादून में वोट डाला. एक विधायक की तबीयत खराब होने की बात सामने आयी है. चार निर्दलीय विधायकों ने भी अपने वोट डाले. उम्मीद जतायी जा रही है कि निर्दलीय विधायकों ने रामनाथ कोविंद को अपना समर्थन दिया है.राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनजर बिहार में कड़ी सुरक्षा में विधानसभा के पुस्तकालय कक्ष मतदान डाले गये. चप्पे-चप्पे पर सुरक्षाकर्मियों की नजर रही. वहीं, ओबरा के विधायक बीके सिन्हा पटना में उपस्थित नहीं हैं, इसलिए वह देहरादून में मतदान करेंगे. मतदान की प्रक्रिया सुबह दस बजे से शुरू होकर शाम पांच बजे तक चलनेवाली मात्र चार घंटों में समाप्त हो गयी. चुनाव के लिए विधायकों को ‘गुलाबी’ मतपत्र दिये गये. आंकड़ों में कोविंद का पलड़ा भारी दिख रहा है.
जदयू ने किया है रामनाथ कोविंद को समर्थन करने का फैसला
बिहार में महागठबंधन के साथी जनता दल यूनाइटेड ने बिहार के राज्यपाल रहे रामनाथ कोविंद को समर्थन देने का फैसला किया है, वहीं राजद ने मीरा कुमार के पक्ष में अपना समर्थन देने का निर्णय किया है. बिहार के पूर्व राज्यपाल रामनाथ कोविंद और लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष मीरा कुमार ने पूरे देश में घूम-घूम कर सांसदों और विधायकों से अपने-अपने पक्ष के समर्थन देने की अपील भी की है.
मीरा कुमार और रामनाथ कोविंद के बीच में है मुकाबला
मौजूदा राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल 24 जुलाई, 2017 को पूरा हो रहा है. इस बार के चुनाव में कुल 4896 मतदाता, 4120 विधायक और 776 सांसद अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे. राष्ट्रपति के लिए एनडीए उम्मीदवार रामनाथ कोविंद और विपक्ष की प्रत्याशी मीरा कुमार के बीच मुकाबला है. राष्ट्रपति चुनाव में कुल पड़नेवाले मतों की संख्या 10,98,903 है. एनडीए प्रत्याशी रामनाथ कोविंद को 63 फीसदी वोट मिलने की उम्मीद है.
मतदान में कौन-कौन ले सकते हैं भाग और किसे नहीं है मतदान का अधिकार
राष्ट्रपति चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सांसद, विधानसभाओं के विधायक अपने मत का प्रयोग कर सकते हैं. इनके अलावा लोकसभा अध्यक्ष भी राष्ट्रपति चुनाव में अपने मत का प्रयोग कर सकते हैं. हालांकि, एंग्लो-इंडियन कोटे से लोकसभा में नामित होनेवाले सदस्यों को मतदान का अधिकार नहीं होता. साथ ही राज्यसभा के नामित सदस्य भी मताधिकार नहीं कर सकते हैं. इसके अलावा विधान परिषद के सदस्य (विधान पार्षद) भी राष्ट्रपति चुनाव में मतदान नहीं कर सकते हैं.