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सियासत : राजद विधायक दल की बैठक, महागठबंधन पर खतरा नहीं राजद का फैसला, डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव नहीं देंगे इस्तीफा

पटना: राजद ने साफ कर दिया है कि सीबीआइ केस में अभियुक्त बने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव अपने पद से इस्तीफा नहीं देंगे. 10, सर्कुलर रोड पर सोमवार को राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी की मौजूदगी में पार्टी विधायक दल की बैठक में यह फैसला लिया गया. बैठक में राहुल तिवारी […]

पटना: राजद ने साफ कर दिया है कि सीबीआइ केस में अभियुक्त बने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव अपने पद से इस्तीफा नहीं देंगे. 10, सर्कुलर रोड पर सोमवार को राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी की मौजूदगी में पार्टी विधायक दल की बैठक में यह फैसला लिया गया. बैठक में राहुल तिवारी और संजय यादव को छोड़ कर बाकी सारे विधायक शामिल हुए. ये दोनों विधायक पटना से बाहर होने के कारण नहीं आ सके. करीब डेढ़ घंटे तक चली बैठक में विधायकों ने कहा कि वे अपने नेता के भावी कदम के साथ खड़े हैं. इधर रविवार को राजगीर से पटना पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने देर रात राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद से टेलीफोन पर बातचीत की.

बुखार की हालत में आराम कर रहे मुख्यमंत्री ने लालू प्रसाद से कुशल क्षेम पूछा. राजद की बैठक के दौरान वरिष्ठ नेता जगदानंद सिंह ने इसकी पुष्टि की. बैठक में विधायकों ने 2019 के लोकसभा चुनाव की तैयारी और वैकल्पिक सरकार बनाने की दिशा में भावी कदम उठाने के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद को अधिकृत कर दिया. लालू राबड़ी आवास पर यह बैठक सुबह 10:30 बजे शुरू हुई. इसमें सारे वरिष्ठ नेता भी मौजूद रहे.

विधायकों ने एक स्वर से कहा कि सीबीआइ के मुकदमे के बाद भी उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव इस्तीफा नहीं देंगे. बैठक के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता और वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने बैठक में बनी सहमति की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि विधायक दल की राय बनी है कि अभी उपमुख्यमंत्री के इस्तीफा देने का औचित्य नहीं है. दूसरी ओर पार्टी सूत्रों ने बताया कि अगर सीबीआइ उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद को गिरफ्तार करने आती है, तो उसके पहले उनका इस्तीफा सरकार को भेज दिया जायेगा. बैठक में कहा गया कि महागठबंधन सरकार पर किसी तरह का कोई खतरा नहीं है. भाजपा की ओर से महागठबंधन में दरार पैदा करने की असफल कोशिश की जा रही है.सिद्दीकी ने बताया कि बैठक तीन मुख्य मुद्दों को लेकर आयोजित की गयी थी. पहला देश में चल रही वर्तमान राजनीतिक परस्थितियां, दूसरा राष्ट्रपति चुनाव और तीसरा 27 अगस्त को राजद की प्रस्तावित रैली. उन्होंने बताया कि बैठक में यह चर्चा हुई कि भाजपा देश में विद्वेष की राजनीति चला कर राज्य की सरकार को अस्थिर करने की कोशिश की जा रही है.

यह पहला अवसर नहीं है, जब लालू प्रसाद की हस्ती को मिटाने का प्रयास किया जा रहा है. सिद्दीकी ने कहा कि बैठक में यह कहा गया कि जब-जब लालू प्रसाद को मुसीबत में डाला गया, तब-तब पार्टी और ताकतवर होकर देश के सामने आयी. एक सवाल के जवाब में सिद्दीकी ने कहा कि राज्य में महागठबंधन किसी भी प्रकार से अस्थिर नहीं है. राज्य में महागठबंधन की सरकार है, न कि एक पार्टी की. उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के इस्तीफे को लेकर पूछे गये सवाल पर सिद्दीकी ने कहा कि बैठक में उपमुख्यमंत्री के कार्यों की सराहना की गयी. विधायकों ने विधानमंडल दल के नेता राबड़ी देवी और स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव के सहयोग की सराहना की.

साथ ही विधायकों ने यह भी संकल्प लिया कि राजद नेता पर जो कुछ भी हो रहा है, वह सिर्फ उनके नेता पर चोट नहीं है, बल्कि विधायक इसे अपने अस्तित्व पर चोट समझते हैं. इस परिस्थिति में एकता बनाये रखने को संकल्पित हैं. बैठक में राजद विधायकों ने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के नेतृत्व की सराहना की और कहा कि वह विधायक दल का सफल नेतृत्व कर रहे हैं.

बैठक में राजद प्रमुख लालू प्रसाद, राबड़ी देवी, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव, जगदानंद सिंह, जयप्रकाश यादव सहित सरकार में शामिल राजद कोटे के सभी मंत्री व विधायक शामिल थे.

नीतीश ने लालू को किया था फोन : जगदानंद

पटना. राजद प्रमुख लालू प्रसाद और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बीच टेलीफोन पर बात हुई है. राजद के वरिष्ठ नेता जगदानंद प्रसाद सिंह ने मुख्यमंत्री की चुप्पी को लेकर पत्रकारों द्वारा पूछे गये सवालों को खारिज करते हुए बताया कि रविवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने टेलीफोन पर लालू प्रसाद से बात की और उनके बारे में जानकारी ली. उन्होंने बताया कि सीबीआइ की छापेमारी के बाद मुख्यमंत्री ने ही लालू प्रसाद को फोन किया था. हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि किन-किन मुद्दों पर दोनों नेताओं में बातचीत हुई और आगे की क्या रणनीति है. पिछले चार दिनों से लालू आवास पर सीबीआइ की छापेमारी और उसके द्वारा दर्ज करायी गयी प्राथमिकी को लेकर बार-बार यह सवाल पूछा जा रहा था कि इस पूरे मामले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मौन क्यों हैं. छापेमारी के बाद लालू प्रसाद से कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने टेलीफोन पर बात की. महागठबंधन सरकार में शामिल कांग्रेस कोटे के मंत्रियों व विधायकों ने चट्टानी एकता दिखाते हुए लगातार दो दिनों तक लालू आवास पर जाकर मिलते रहे. इधर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और जदयू की ओर से न तो कोई नेता मिलने गया और नहीं किसी तरह की प्रतिक्रिया दी गयी. राजद नेता जगदानंद सिंह के इस खुलासे के बाद मुख्यमंत्री व लालू की बातचीत की बात पहली बार आधिकारिक रूप से सार्वजनिक की गयी.

मुख्यमंत्री आवास पर जदयू की बैठक आज

पटना. प्रदेश जदयू की मंगलवार को अहम बैठक होगी, जिसमें पार्टी के सभी विधायक, विधान पार्षद और पूर्व विधायक शामिल होंगे. सुबह 11:30 बजे से शुरू होनेवाली इस पूर्व निर्धारित बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी शामिल होंगे. पहले इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष के अलावा सिर्फ जिलाध्यक्षों को आने को कहा गया था. अब पार्टी ने सभी विधायक, पूर्व विधायक राज्य कार्यकारिणी के सभी सदस्यों को भी आमंत्रित किया है. बैठक में ताजा राजनीतिक हालात पर भी विचार-विमर्श की संभावना है. साथ ही पार्टी की अपनी नीतियों और सामाजिक आंदोलन के लिए भागीदारी के कार्यक्रम की समीक्षा की जायेगी. अगले दिन 12 जुलाई को सभी जिलाध्यक्ष और सभी 27 प्रकोष्ठों के अध्यक्ष व जिलाध्यक्षों को आमंत्रित किया गया है. बैठक में प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह भी मौजूद रहेंगे. हाल ही में प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में इस बैठक की रूपरेखा तय की गयी थी. राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रत्येक दो महीने पर प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक करने को कहा था. बैठक में इन सब मामलों पर भी चर्चा होगी.

मीसा के खिलाफ इडी का समन, पेशी आज, बुलाने पर नहीं गये शैलेश

पटना. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की बड़ी बेटी सांसद मीसा भारती की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही हैं. सोमवार को इडी ने उनके खिलाफ समन जारी कर मंगलवार को पूछताछ के लिए बुलाया है. 10 जुलाई को मीसा के पति शैलेश कुमार को पूछताछ के लिए इडी कार्यालय बुलाया गया था, लेकिन वह नहीं गये और इसका कारण तबीयत खराब होना बताया है. अपनी तबीयत का हवाला देकर शैलेश तो नहीं गये, लेकिन मंगलवार को मीसा भारती को उपस्थित होना पड़ सकता है. अगर वह भी नहीं गयीं, तो इन दोनों को अलग-अलग तीन बार समन जारी कर बुलाया जायेगा. इसके बाद भी उपस्थित नहीं होने पर इडी इन्हें कभी भी गिरफ्तार कर सकता है. पूछताछ और जांच की पूरी प्रक्रिया नयी दिल्ली स्थित इडी के कार्यालय से ही चल रही है. चूंकि, यह मामला नयी दिल्ली से जुड़ा होने के कारण वहीं केस दर्ज किया गया है. वहीं की एक विशेष टीम मामले की पूरी जांच कर रही है. मीसा से मनी लांड्रिंग के मामले में गहन पूछताछ की जायेगी.

इससे पहले नौ जुलाई को मीसा भारती के नयी दिल्ली स्थित तीन ठिकानों को इडी और आठ जुलाई को सीबीआइ पूर्व रेलवे मंत्री लालू प्रसाद के पटना स्थित सरकारी आ‌वास में सर्च कर चुकी है. हालांकि, दोनों मामले अलग-अलग हैं. लेकिन, लालू परिवार पर केंद्रीय जांच एजेंसियों का शिकंजा लगातार कसता जा रहा है. मीसा पर पीएमएलए (प्रीवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट) मामले में जांच चल रही है. जैन बंधु केस में मीसा और उनके पति शैलेश के नाम प्रमुखता से आये हैं. इसके बाद इडी ने इस मामले में इन दोनों के खिलाफ तेजी से जांच शुरू कर दी है.

इस तरह फंसी मीसा भारती

नोटबंदी की घोषणा के बाद बड़े स्तर पर ब्लैक मनी को व्हाइट करने का खेल हुआ था. इसी क्रम में नयी दिल्ली के जाने-माने कारोबारी और होटल रैडिसन्स ब्लू के मालिक सुरेंद्र जैन और वीरेंद्र जैन को इडी ने फरवरी में गिरफ्तार किया. जांच में पता चला कि आठ हजार करोड़ से ज्यादा रुपये को पांच कंपनियों के शेयर या होल्डिंग के माध्यम से व्हाइट किया गया है. इसमें हवाला कारोबार का भी काफी पैसा शामिल है. जिन कंपनियों के नाम सामने आये, उनमें मिशैल पैकर्स एंड इंपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड, शालिनी होल्डिंग लिमिटेड, एड-फिन कैपिटल सर्विस (इंडिया) लिमिटेड, मणिमाला दिल्ली प्रोपर्टीज लिमिटेड और डायमंड विनिमय प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं. इनमें सबसे ज्यादा डेढ़ लाख शेयर मिशैल पैकर्स एंड इंपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड के ही थे, जिनके जरिये करीब दो हजार करोड़ रुपये ब्लैक से व्हाइट किये गये थे. यह कंपनी सांसद मीसा भारती और उनके पति शैलेश कुमार की है. शेष चार कंपनियां भी फर्जी ही हैं और इनके मालिक जैन बंधु के परिवार या जानने वाले ही हैं. मिशैल कंपनी की जिस शेयर की बाजार में 10 रुपये से भी कम कीमत थी, उस शेयर को जैन बंधुओं ने 100 रुपये से ज्यादा में खरीदे. फिर इन शेयरों को 80 रुपये नुकसान सहते हुए 20 रुपये में बेच दिये.

कमीशन में मिले मीसा और शैलेश को करोड़ों

ब्लैक से व्हाइट करने के इस खेल मिशैल की कंपनी का ही सिर्फ उपयोग नहीं हुआ, बल्कि मीसा और उनके परिवार के भी 20 करोड़ से ज्यादा रुपये को सफेद किया गया. इसके अलावा जैन बंधुओं से कमीशन के रूप में मीसा को करीब 300-400 करोड़ रुपये मिले हैं. ये पैसे तीन स्थानों पर जमीन और अन्य संपत्ति के रूप में मिले हैं. इनमें सबसे प्रमुख सैनिक विहार में मौजूद करीब पांच एकड़ का फार्म हाउस के अलावा घिटोरनी और बिजवासन स्थित बंगले शामिल हैं. अब मीसा भारती और उसके पति शैलेश कुमार को इडी को यह विस्तारपूर्वक बताना होगा कि इतनी संपत्ति उसके पास कहां से आयी, उसके आय का स्रोत क्या है, उसने अगर जैन बंधु से कमीशन के रूप में यह संपत्ति नहीं मिली है, तो उसके पास यह कैसे आयी समेत ऐसे ही अन्य सवालों के जवाब देने होंगे. अगर वह अपनी संपत्ति को जायज बताने में सफल नहीं रहीं, तो तमाम संपत्ति सीज होगी और उन्हें पीएमएलए के तहत जेल भी हो सकती है, जिस तरह से जैन बंधु जेल में हैं.

महागठबंधन को रोकने के लिए लालू परिवार के खिलाफ हुई कार्रवाई : शरद

नयी दिल्ली. लालू प्रसाद व उनके परिवार पर सीबीआइ की कार्रवाई के बाद जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव सोमवार को कहा कि महागठबंधन को रोकने के लिए लालू के ऊपर सीबीआइ कार्रवाई हुई है. बदले की भावना से कार्रवाई हो रही है. उन्होंने कहा, कार्यवाही, जो महागठबंधन देश भर में चला हुआ है, उसे रोकने का प्रयास है.

नीतीश राजद का साथ छोड़ें, तो भाजपा बाहर से समर्थन काे तैयार : नित्यानंद

पटना. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नित्यानंद राय ने कहा है कि यदि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार राजद का साथ छोड़ने का फैसला करें, तो भाजपा उनकी सरकार को बाहर से समर्थन देने को तैयार है. नित्यानंद राय ने यह बयान सोमवार को राजद की बैठक के बाद दिल्ली में दिया. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इसका अंतिम रूप से फैसला केंद्रीय नेतृत्व करेगा. उनका यह बयान ऐसे समय में आया है, जब मंगलवार को जदयू की अति महत्वपूर्ण बैठक होनेवाली है. श्री राय ने दिल्ली से फोन पर प्रभात खबर को बताया कि समर्थन को लेकर अगर केंद्रीय नेतृत्व कोई निर्णय लेता है, तो वह हमारे लिए आदेश के समान होगा. इसके लिए नीतीश कुमार को लालू प्रसाद का साथ छोड़ना होगा. हम सरकार में शामिल नहीं होंगे. मालूम हो कि रेलवे के होटलों की नीलामी मामले में सीबीआइ डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के खिलाफ केस दर्ज कर चुकी है. भाजपा तेजस्वी को हटाने की मांग कर रही है. मंगलवार को जदयू की बैठक में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के बयान पर चर्चा होने की पूरी संभावना है.अगर विधानसभा के गणित को देखा जाये, तो सरकार चलाने के 122 विधायकों की जरूरत है. अगर राजद और कांग्रेस से अलग होकर सरकार चलाने की नौबत आती है, तो नीतीश कुमार को 51 विधायकों की जरूरत होगी. सदन में भाजपा के 53 विधायक हैं. वहीं, राजद और कांग्रेस के विधायकों की संख्या मिल कर 107 होती है. सरकार बनाने के लिए उन्हें 15 और विधायकों की जरूरत होगी, जो फिलहाल मुश्किल है.

विधानसभा का गणित

कुल सीट- 243

बहुमत के लिए चाहिए – 122

राजद- 80

जदयू -71

कांग्रेस – 27

नीतीश सरकार को अभी 178 विधायकों का समर्थन है

विपक्ष

भाजपा- 53

लोजपा- दो

रालोसपा – दो

हम – एक

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