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लालू को चौर की सस्ती जमीन पसंद नहीं आयी तो कर दी वापस: मोदी
लालू को चौर की सस्ती जमीन पसंद नहीं आयी तो कर दी वापस: मोदी पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री सह भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की बेनामी संपत्ति को लेकर एक और खुलासा किया है. गुरुवार को पार्टी कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि दान में मिली […]
लालू को चौर की सस्ती जमीन पसंद नहीं आयी तो कर दी वापस: मोदी
पटना : पूर्व उपमुख्यमंत्री सह भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की बेनामी संपत्ति को लेकर एक और खुलासा किया है. गुरुवार को पार्टी कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि दान में मिली चौर की सस्ती जमीन लालू प्रसाद को पसंद नहीं आयी तो उन्होंने उसे वापस कर दी, लेकिन दान में मिली शहर की कीमती जमीनों को वापस नहीं किया.
चौर की जमीन की तर्ज पर लालू प्रसाद को दान में मिली अन्य कीमती जमीनों को भी वापस करना चाहिए. उन्होंने कहा कि स्व बृजबिहारी प्रसाद की पत्नी ने 13 एकड़ 13 डिसमिल जमीन 23 मार्च, 1992 को तेज प्रताप यादव के नाम की थी. उस समय तेज प्रताप यादव की उम्र महज तीन साल आठ महीने की थी. 15 महीने के बाद 30 जून, 1993 को उसे कैंसिल करवा दिया गया. राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद चौर की जमीन की तर्ज पर रघुनाथ झा, कांति सिंह, ललन चौधरी, हृदयानंद चौधरी, प्रभुनाथ यादव व सुभाष चौधरी से मिले दान को कैंसिल करवा दें. ललन चौधरी व सुभाष चौधरी जैसे गरीब का उद्धार हो जायेगा. रघुनाथ झा ने गोपालगंज में तीन मंजिला मकान सहित छह कट्ठा जमीन 2005 में तेजस्वी व तेज प्रताप को दान में दी.
वहीं, कांति सिंह ने पटना में करोड़ों का मकान व नौ डिसमील जमीन 2005 में ही इन दोनों के नाम की. लालू प्रसाद के रेलमंत्री रहते खलासी के पद पर नियुक्त हृदयानंद चौधरी ने करोड़ों की जमीन लालू प्रसाद को दी. वहीं, सुभाष चौधरी ने पटना के 14 डिसमिल जमीन मीसा भारती के नाम 2003 में दान कर दिया, जबकि प्रभुनाथ यादव ने करोड़ों की जमीन गिफ्ट में दी. जमीन को एके इंफो को बेचा गया और इसी कंपनी के जरिये वे इसके मालिक भी बन बैठे.
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