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नोटबंदी के बाद चार माह कम हुई थी रिश्वतखोरी, फिर वही हाल

सिस्टम को खोखला करता जा रहा है भ्रष्टाचार निगरानी अन्वेषण ब्यूरो लगातार ओहदेदारों को ट्रैप कर रहा है, फिर भी नहीं सुधर रहे विजय सिंह पटना : सरकारी महकमें में बैठे सरकारी मुलाजिमों में कानून का डर खत्म होता जा रहा है. सरकारी विभागों में घूसखोरी का दीमक धीरे-धीरे पूरे सिस्टम को खोखला बना रहा […]

सिस्टम को खोखला करता जा रहा है भ्रष्टाचार
निगरानी अन्वेषण ब्यूरो लगातार ओहदेदारों को ट्रैप कर रहा है, फिर भी नहीं सुधर रहे
विजय सिंह
पटना : सरकारी महकमें में बैठे सरकारी मुलाजिमों में कानून का डर खत्म होता जा रहा है. सरकारी विभागों में घूसखोरी का दीमक धीरे-धीरे पूरे सिस्टम को खोखला बना रहा है. बिना घूस के कोई मुलाजिम काम नहीं करना चाहता है. इसमें सबसे आगे वर्दी वाले हैं जो थाने में बैठ कर मुट्ठी गरम कर रहे हैं. न तो इनको किसी पर तरस आता है और न ही किसी का डर है.
बेधड़क, रिश्वत की डिलिंग हो रही है. राज्य में निगरानी अन्वेषण ब्यूरो लगातार ओहदेदारों को ट्रैप कर रही है, लेकिन हालात हैं कि सुधरने का नाम नहीं ले रहे. निगरानी के कार्रवाई का आंकड़ा देखें तो साल दर साल घूसखोरी के केस में इजाफा हो रहा है. आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2016 में घूसखोरी से पिछले 10 साल का रिकार्ड टूट गया. इस वर्ष 159 मामले सामने आये, 109 लोगों को ट्रैप किया गया तथा कुल 121 लोग गिरफ्तार किये गये. यह आंकड़ा वर्ष 2007 की बराबरी करता है. इस वर्ष में 133 मामले सामने आये थे. 108 लोग रंगे हाथ ट्रैप किये गये थे, कुल 131 लोगों की गिरफ्तारी की गयी थी.
नोटबंदी के बाद चार माह कम हुई थी रिश्वतखोरी, फिर वही हाल
8 नवंबर 2016 को नोटबंदी के बाद रिश्वतखोरी मामले में अचानक विराम लग गया था. सूत्रों कि मानें तो इस दौरान सरकारी ओहदेदार पुरानी नोट नहीं ले रहे थे. नयी नाेट की डिमांड कर रहे थे. नाेट की कमी के चलते चार महीने तक घूसखोरी कम थी. लेकिन जैसे ही बाजार में पैसे का फ्लो बढ़ा, एक बार फिर से सिस्टम में बैठा भ्रष्टाचार जाग गया. वर्ष 2017 में अब तक 43 मामले सामने आ चुके हैं, इसमें 41 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है.
2006 से लेकर अब तक 945 हो चुके हैं गिरफ्तार, 1144 में हो चुका है चार्जशीट
निगरानी ने अप्रैल 2006 से अब तक 1188 कांडों का प्रतिवेदित किया है. इन कांडों में अब तक 945 लोगों को घूस लेते गिरफ्तार किया जा चुका है. 1144 कांडों में निगरानी ने चार्जशीट कर दिया है.
कोर्ट ने सबसे ज्यादा वर्ष 2010 में 29 लोगों को सजा सुनाया. इसके बाद 2013 में 20 लोगों को और 2016 में 19 लोगों को सजा सुनायी गयी है. 11 साल में 10 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति जब्त करने का हो चुका है आदेश पिछले 11 सालों में निगरानी कोर्ट ने 66 कांडों में अपना फैसला सुनाया है. इसमें 128 लोगों को सजा हो चुकी है. जिन लोगों को सजा सुनायी गयी है उनके संपत्ति अधिहरण का भी आदेश हुआ है. इसमें कुल 10 करोड़ 69 लाख, 19 हजार, 696 रुपये की संपत्ति जब्त का अादेश दिया गया है.
वर्ष प्रतिवेदित ट्रैप गबन व गिरफ्तारी चार्जशीट सजा
2006 86 55 22 60 70 —
2007 133 108 15 131 248 04
2008 116 80 34 99 73 08
2009 129 80 32 93 83 13
2010 99 65 25 67 89 29
2011 92 77 13 83 91 16
2012 78 48 22 56 93 11
2013 86 56 21 58 99 20
2014 100 73 24 78 109 06
2015 110 53 40 56 80 02
2016 159 109 29 121 109 19
2017 में अब तक 41 ट्रैप हुए हैं,43 आरोपित गिरफ्तार हो चुके हैं.

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