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सभी 131 योजनाओं के लिए निगम को भूमि उपलब्ध

मुख्यमंत्री स्वास्थ्य निश्चय योजना. 70 योजनाओं का टेंडर पूरा पटना : मुख्यमंत्री निश्चय योजना धरातल पर उतरने लगी है. बिहार चिकित्सा सेवाएं एवं आधारभूत संरचना निगम लिमिटेड (बीएसएमसीआइएल) द्वारा 131 योजनाओं का निर्माण कार्य कराया जाना है. निगम को इसमें पहली बड़ी सफलता मिल गयी है. सभी योजनाओं के लिए निगम को जमीन उपलब्ध हो […]

मुख्यमंत्री स्वास्थ्य निश्चय योजना. 70 योजनाओं का टेंडर पूरा
पटना : मुख्यमंत्री निश्चय योजना धरातल पर उतरने लगी है. बिहार चिकित्सा सेवाएं एवं आधारभूत संरचना निगम लिमिटेड (बीएसएमसीआइएल) द्वारा 131 योजनाओं का निर्माण कार्य कराया जाना है.
निगम को इसमें पहली बड़ी सफलता मिल गयी है. सभी योजनाओं के लिए निगम को जमीन उपलब्ध हो चुकी है. इसमें पांच नये मेडिकल कॉलेज, 16 बीएससी नर्सिंग स्कूल, 33 पारा मेडिकल संस्थान, 23 जीएनएम स्कूल और 54 एएनएम स्कूल की जमीन शामिल हैं. आधारभूत संरचना निगम द्वारा सभी पांच निश्चयों की समीक्षा पिछले सप्ताह की गयी. राज्य में 54 एएनएम ट्रेनिंग संस्थान एवं छात्रावासों का निर्माण किया जाना है. एएनएम ट्रेनिंग सेंटरों के लिए 39 टेंडर आमंत्रित किया गया है. 15 एएनएम स्कूलों का डीपीआर निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो गयी है. तीन एएनएम संस्थानों के लिए कार्यादेश दिया गया है.
इसी तरह से 23 जीएनएम ट्रेनिंग संस्थानों और छात्रावासों में 11 का टेंडर का काम हो चुका है. सात का डीपीआर प्रक्रियाधीन है. इसी तरह से 33 पारा मेडिकल संस्थानों के निर्माण में 18 का टेंडर कार्य पूरा किया जा चुका है. निगम द्वारा अभी तक 24 पारा मेडिकल संस्थाओं का टेंडर आमंत्रित किया गया था. राज्य में मुख्यमंत्री निश्चय योजना के तहत 16 बीएससी नर्सिंग कॉलेजों की स्थापना की जानी है. सभी नर्सिंग कॉलेज राज्य के मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में खोला जाना है. इसमें से आठ नर्सिंग कॉलेजों के टेंडर का काम पूरा किया जा चुका है. राज्य में पांच नये मेडिकल कॉलेजों का निर्माण कराया जाना है.
इसमें से अभी महुआ (वैशाली) और भोजपुर में स्थापित होने वाले मेडिकल कॉलेज अस्पताल का डीपीआर के निर्माण कराया जा रहा है. निगम के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि जमीन की बाधा दूर हो गयी है.
कुल 131 योजनाओं में 70 योजनाओं का टेंडर का काम पूरा कर लिया गया है. योजनाओं को जमीन पर उतारने के लिए अब तक कुल 3401 करोड़ की प्रशासनिक स्वीकृति जबकि 110 करोड़ की राशि आवंटित की जा चुकी है. निगम द्वारा 24 योजनाओं का कार्यादेश भी दिया जा चुका है. इसमें 10 पारा मेडिकल संस्थान के निर्माण की योजना शामिल है. सात बीएससी नर्सिंग कॉलेज के लिए भी कार्यादेश जारी किया गया है.
कजरा में अब थर्मल पावर की जगह सोलर पावर प्लांट लगेगा. यहां ढाई सौ मेगावाट से अधिक बिजली का उत्पादन होगा. ऊर्जा विभाग और बिजली कंपनी में इसको लेकर गंभीर मंथन हुआ और कजरा में सोलर पार्क निर्माण पर सहमति बन गयी है. हालांकि इस पर अंतिम निर्णय होना अभी बाकी है. पहले चर्चा हो रही थी कि थर्मल प्लांट के साथ-साथ यहां पर सोलर पार्क का भी निर्माण कराया जाये. कजरा में 1320 मेगावाट का थर्मल पावर प्रस्तावित है. एनटीपीसी के सहयोग से इसे बनना है. राज्य सरकार अक्षय ऊर्जा को बढ़ावा दे रही है. इसके लिए राज्य ने नयी अक्षय ऊर्जा नीति भी बनायी है. इसमें जोर सोलर इनर्जी पर है.
अगले पांच साल में राज्य में तीन हजार मेगावाट अक्षय ऊर्जा का लक्ष्य रखा गया है. केंद्र सरकार भी अक्षय ऊर्जा पर जोर दे रही है. अभी राज्य सरकार 500 मेगावाट के सोलर पार्क के निर्माण की तैयारी में लगी है. इसमें 250 मेगावाट से अधिक के उत्पादन के लिए कजरा में सोलर पार्क की योजना है. इसमें एक दिक्कत यह है कि सरकार ने थर्मल पावर के लिए जमीन का अधिग्रहण किया है.
अब यहां पर सोलर पार्क बनाने की बात हो रही है. इसलिए जमीन का नेचर बदलेगा इसके लिए मंत्रिमंडल की मंजूरी जरूरी है. पिछले साल अक्तूबर में बड़ौदा में ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन में राज्य के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने इस मुद्दे के रखा था.
उन्होंने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री से अनुरोध किया कि एनटीपीसी को जल्द सोलर पार्क का डीपीआर जमा करने के कहा जाये ताकि थर्मल पावर और सोलर इनर्जी की तुलनात्मक अध्ययन भी किया जा सके. विभाग के एक अधिकारी के अनुसार कजरा में ही 500 मेगावाट क्षमता वाला पार्क बनेगा या अन्य जगह भी पार्क बनेगा इस पर अभी निर्णय नहीं हुआ है. वैसे एक चर्चा है कि जमुई में भी सोलर प्लांट के लिए संभावना तलाशी जा रही है.
राज्य सरकार दे रही है सोलर इनर्जी को बढ़ावा
राज्य सरकार सोलर इनर्जी को बढ़ावा दे रही है. अस्पताल, समाहरणालय, जिला अतिथि गृहों सहित अन्य सरकारी भवनों में सोलर रुफटॉप पावर प्लांट लगाया जा रहा है. सिंचाई के लिए सरकार सोलर पंपों के लिए अनुदान दे रही है. घरों में बिजली की खपत कम करने के लिए सोलर रुफटाप पावर प्लांट को बढ़ावा दिया जा रही है. गृह स्वामी को कुल लागत का सिर्फ 25 फीसदी देना पड़ता है. राज्य सरकार 45 प्रतिशत तक अनुदान देती है. 30 प्रतिशत अनुदान केंद्र सरकार देगी.
मंत्री ने कहा
वैकल्पिक ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है. अभी सरकार सोलर रुफटाप पावर प्लांट लगाने पर 45 प्रतिशत अनुदान देती है. लोग इसमें रुचि दिखाएंगे तो सरकार अनुदान की राशि 45 से बढ़ाकर 60 प्रतिशत तक करने पर विचार करेगी. कजरा में सोलर पार्क विकसित किया जायेगा. केंद्र के पास प्रस्ताव दिया गया है.
बिजेंद्र प्रसाद यादव, ऊर्जा मंत्री बिहार

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