पटना: चुनावी बिगुल के बजते ही बेहतर उम्मीदवार की तलाश की दौर में हर कोई जुड़ चुके है. महिला हो या पुरुष सभी अपने-अपने स्तर से चुनावी जंग में शामिल हो रहे हैं. ऐसे में अब बच्चे भी इससे अछूते नहीं. वे भी अपने-अपने मुद्दे को इस चुनाव में उम्मीदवारों के बीच सामने रख रहे हैं. स्वयं सेवी संस्थाओं के साथ मिल कर वे अच्छे उम्मीदवारों की चयन की मांग कर रहे हैं. अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होक र बेहतर उम्मीदवारों के चयन लिए जतन कर रहे हैं.
बच्चे भी कर रहे उम्मीदवारों को जागरूक : चुनाव में ‘चुने उन्हें, जो बचपन बचाये ’ नारे के साथ चुनाव में उतरे उम्मीदवारों के बीच बच्चे जा रहे हैं. इस काम में वे अपनी मांगों को रख रहे हैं. गांव -गांव में टोली बना कर लोगों को वैसे उम्मीदवारों को चुनने की बात कर रहे हैं. जो उनके बच्चों के विकास से जुड़ा हो. वे उम्मीदवारों के बीच परचा के माध्यम से अपनी बात भी रख रहे हैं.
स्वयं सेवी संस्थाएं चला रहीं अभियान : बचपन बचाओ आंदोलन, वादा न तोड़ा, पीपुल्स मेनिफेस्टो व सेव द चिल्ड्रेन समेत कई निजी संस्थाएं इस मुहिम में बच्चों के मुद्दों को पूरा करने का अभियान चला रही हैं. बचपन बचाओ आंदोलन के राज्य संयोजक मुख्तारूल हक ने बताया कि बच्चों से जुड़े मुद्दे हमेशा से वंचित रहे हैं. इनके विकास व अधिकारों के प्रति लोग संवेदनशील नहीं है. अब इसके जरिये बच्चों द्वारा बच्चों की तैयार घोषणा पत्र उम्मीदवारों के बीच भेजे जा रहे हैं. इसके तहत जीने का, शिक्षा का व विकास के अधिकार को मुख्य रूप से रखा गया है. साथ ही लोगों को ऐसे उम्मीदवारों को चुनने के लिए जागरूक किया जा रहा है, जो बच्चों के विकास से जुड़ा हो.