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कोरोना से घबराने की जरूरत नहीं : नीतीश कुमार

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यवासियों को आश्वस्त किया है कि कोरोना वायरस से घबराने की जरूरत नहीं है. सरकार इसको लेकर पूरी तरह सतर्क है. बुधवार को सीएम ने इसको लेकर मुख्य सचिव दीपक कुमार के साथ उच्चस्तरीय समीक्षा की

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्यवासियों को आश्वस्त किया है कि कोरोना वायरस से घबराने की जरूरत नहीं है. सरकार इसको लेकर पूरी तरह सतर्क है. बुधवार को सीएम ने इसको लेकर मुख्य सचिव दीपक कुमार के साथ उच्चस्तरीय समीक्षा की. इसके बाद मुख्यमंत्री ने लोगों से कोरोना वायरस को लेकर सरकार की ओर से जारी एडवाइजरी का पालन करने की अपील की. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग को सभी जरूरी उपाय करने के निर्देश दिये हैं.

स्वास्थ्य विभाग को अलर्ट पर रखा गया है. मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि सभी अस्पतालों में समुचित व्यवस्था सुनिश्चित की जाये. नेपाल से लगे सीमावर्ती जिलों पर खास निगरानी रखा जाये. नेपाल से सटी सीमा पर इंट्री व एक्जिट प्वाइंट पर विशेष सतर्कता बरती जाये.

उन्होंने पटना व गया एयरपोर्ट पर लोगों को जागरूक करने संबंधी समुचित कार्रवाई का निर्देश दिया. मुख्यमंत्री ने सभी लोगों से अपील की है कि भीड़वाली जगहों पर वे सतर्कता बरतें व स्वच्छता का खास ख्याल रखें. मुख्यमंत्री ने सभी डीएम को इस संबंध में सभी ग्राम पंचायतों में ग्रामसभा की तत्काल बैठक करने का निर्देश देने के लिए मुख्य सचिव से कहा. सभी पंचायती जनप्रतिनिधि, एएनएम, आंगनबाड़ी सेविका, हेल्थ केयर वर्कर को कोरोना वायरस के प्रति जागरूक किया जायेगा

आरएमआरआइ में कोरोना वायरस की होगी जांच : मंगल पांडेय : स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि विदेशों से आये 121 लोगों को होम आइसोलेशन पर रख कर आकलन किया गया. इनमें 38 लोगों को 14 दिनों के बाद फ्री कर दिया गया. 83 लोगों को अब भी उनके अपने घर पर ही आइसोलेशन में रखा गया है. इनमें गोपालगंज के 10 और सीवान के पांच भी लोग हैं. सभी मेडिकल काॅलेजों में 10 बेड व जिला अस्पतालों में पांच बेडों का अलग से आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है.

राजेंद्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट ( आरएमआरआइ), पटना में कोरोना वायरस की जांच के लिए पुणे से किट आ गया है. दो से तीन दिनों में यहां भी जांच शुरू हो जायेगी. उन्होंने कहा कि राज्य में अब तक 49 संदिग्ध मरीजों के ब्लड सैंपल को जांच के लिए भेजा गया था. इनमें एक सैंपल को रिजेक्ट कर दिया गया है. तीन यात्रियों की रिपोर्ट आने वाली है. शेष 45 लोगों के सैंपल की रिपोर्ट निगेटिव आयी है.

श्री पांडेय ने कहा कि राज्य में एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड के साथ सभी अस्पतालों को अलर्ट पर रखा गया है. पीएमसीएच का माइक्रोबायरोलॉजी विभाग पूरी सेफ्टी के साथ जांच में जुटा हुआ है. पटना एयरपोर्ट पर डाॅक्टरों की टीम बाहर से आने वाले यात्रियों की जांच में जुटी है.

विप में भी उठा मामला : बुधवार को विधान परिषद में सच्चिदानंद राय ने सदन में सूचना देते हुए चिंता प्रकट की कि होली में बाहर रहने वाले लोग अपने घर आयेंगे. ऐसे में राज्य में भी कोरोना वायरस फैलने की आशंका है. मास्क की कीमत अधिक होती है. गरीबों को मास्क की सुविधा उपलब्ध करवानी चाहिए.

नेपाल से सटे जिलों में अधिक संख्या में लोगों की हो जांच : मुख्य सचिव : मुख्य सचिव दीपक कुमार ने नेपाल से सटे जिलों के डीएम, एसपी व सिविल सर्जनों से वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग कर स्थिति का जायजा लिया. मुख्य सचिव ने कहा कि नेपाल से आने वाले यात्रियों का बाॅर्डर पर ही जितना संभव हो सके, उतने लोगों की स्क्रीनिंग की जायेगी. इसमें एसएसबी के जवानों का सहयोग लिया जायेगा. पटना व गया एयरपोर्ट पर एक प्वाइंट बनाया गया है, जहां पर यात्रियों की एक जगह स्क्रीनिंग की जायेगी.

मगध मेडिकल कॉलेज में कोरोना का संदिग्ध मरीज भर्ती : कोरोना वायरस के संदिग्ध एक मरीज को मगध मेडिकल में भर्ती कराया गया है. शेरघाटी अस्पताल से संदेह होने पर उसे रेफर किया गया था. मरीज अंकित राज मूल रूप से नवादा जिले के अकबरपुर का रहनेवाला है. वह चीन के शैनडॉन्ग प्रोविंस से सात फरवरी को मलयेशिया पहुंचा. वहां से वह 14 फरवरी को कोलकाता व वहां से शेरघाटी पहुंचा. उसके बाद 15 फरवरी को नवादा के अकबरपुर गया. वहां 21 फरवरी तक रुका. 22 फरवरी को शेरघाटी लौटा. उसके बाद 25 फरवरी को पटना गया. उसके बाद 27 फरवरी को सहरसा गया. फिर 29 फरवरी को शेरघाटी लौटा. उसके बाद से उसकी तबीयत खराब हो गयी.

ईरान में फंसे बिहार के युवकों ने वीडियो पोस्ट कर मांगी मदद : ईरान में कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद हो रही समस्या को लेकर जिले के पचरुखी प्रखंड के युवक ने फेसबुक पर एक वीडियो पोस्ट कर भारत सरकार से मदद की गुहार लगायी है. वीडियो ईरान से वायरल किया गया है. इसमें करीब दो दर्जन लोग बिहार, झारखंड सहित अन्य राज्यों के हैं. ये सभी युवक एक कमरे में खड़े हैं और अपने को ईरान में फंसे होने की बात कह रहे हैं. वे बता रहे हैं कि उनका बैरक एक आइलैंड जैसी जगह पर है, जहां चारों तरफ सिर्फ पानी है.

ईरान सरकार ने इन लोगों को रुपये देना बंद कर दिया है और जब ये अपने वतन की वापसी की बात कह रहे हैं, तो ईरान सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है. वीडियो के माध्यम से देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित सभी पदाधिकारियों से मदद की गुहार लगायी जा रही है. वीडियो में कोरोना वायरस से हो रही मौत का जिक्र करते हुए युवक कह रहे हैं कि उन लोगों की फ्लाइट रद्द कर दी गयी है.

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