धमौल : अब तक धमौल पंचायत का विकास नहीं हो सका है़ आज तक यहां न, तो बेहतर शिक्षा सुविधा मुहैया करायी गयी है और न ही स्वास्थ्य. वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक धमौल पंचायत की कुल आबादी 10,440 है़ इसमें महादलितों की संख्या 1599 बतायी जाती है. कुल वोटरों की संख्या 7678 है. इनमें पुरुषों 4102 व महिलाएं 3576 हैं. गौरतलब हो कि धमौल पंचायत अंतर्गत श्यामदेव, तुर्कवन, निजाय, पुरनाडीह,अंजुनार सहित कई गांव आते हैं
. इन गांवों में शिक्षा के नाम पर सिर्फ एक प्राथमिक विद्यालय है. यहां के बच्चे लंबी दूरी तय कर कर मध्य विद्यालय में शिक्षा अर्जन को आते हैं. जबकि उच्च विद्यालय की बात लें, तो उच्च विद्यालय ढोढा से इन सभी गांवों की दूरी लगभग तीन से चार किलोमीटर के आसपास है़ इसके कारण इन सभी गांवों के बच्चों को उच्चतर शिक्षा पाने के लिए काफी अधिक परेशानी होती है़ स्वास्थ्य की लें, तो इसकी स्थिति बद से बदतर है़ बता दें कि धमौल के मुख्य बाजार स्थित एक प्राथमिक उपस्वास्थ्य केंद्र है वह भी हर-हमेशा बंद रहता है और यदि खुलता भी है, तो चिकित्सक गायब रहते है़ं
बिजली का कहना ही नहीं है़ यह आंख मिचौनी की खेल खेला करती है. कब आये और कब चली जाये यह किसी को पता नहीं चल पाता है़ इसी पंचायत के श्यामदेव गांव के वेलदरिया टोला निवासी खराब बिजली के सुधार होने की आज तक इंतजार कर रहे हैं. सड़क की बात ही कुछ और है कई गांव में आज तक सड़कों का निर्माण हुआ ही नहीं है़ अंजुनार और पुरनाडीह के ग्रामीण बतातें हैं कि जब भी किसी भी प्रकार का चुनाव होता है, तो प्रत्याशी सड़क बनाने का वादा करते हैं. परन्तु आज तक सड़क का निर्माण नहीं हो पाया है़ कुल मिला कर धमौल पंचायत की स्थिति बहुत ही खराब है.